मप्र हाई कोर्ट ने पूछा- प्रदेश की कृषि उपज मंडी समितियों के चुनाव क्यों नहीं कराए जा रहे

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जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश की कृषि उपज मंडी समितियों के चुनाव न कराए जाने के रवैये को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए जवाब-तलब कर लिया है। इस सिलसिले में मुख्य चुनाव आयुक्त व मप्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड (मंडी बोर्ड) को नोटिस जारी किए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई छह जनवरी, 2023 को निर्धारित की गई है।
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच युवा मोर्चा के अध्यक्ष मनीष शर्मा सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि प्रदेश में मंडी समितियों का कार्यकाल जनवरी 2018 में समाप्त हो चुका है। कृषि उपज मंडी अधिनियम की धारा 11 में समितियों का कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित है। धारा 57 में सरकार को यह अधिकार है कि आवश्यकता पड़ने पर कार्यकाल एक वर्ष बढ़ाया जा सकता है। किसी भी परिस्थिति में बढ़ा हुआ कार्यकाल साढ़े तीन साल से ज्यादा नहीं हो सकता। प्रदेश में समितियों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद साढ़े चार साल व्यतीत हो चुके हैं। चुनाव नहीं कराना मतदाताओं के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। सरकार अपने कानूनी दायित्वों का पालन करने में असफल रही है। जनहित में मध्य प्रदेश की मंडी समितियों के चुनाव शीघ्र कराए जाने चाहिए।