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प्रेगनेंसी के दौरान महिला खाती थी बाल आपरेशन के बाद पेट से निकला ढाई किलो बालों का गुच्छा

 

चित्रकूट। संत रणछोड़ दास जी महाराज द्वारा संस्थापित श्री सदगुरू सेवा संघ ट्रस्ट के अंतर्गत संचालित जानकीकुंड चिकत्सालय में एक अजीबो गरीब मामला देखने को मिला है जो लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है ।

दुनिया में लोगों के खाने पीने के भी अजीब तरह के शौक हैं।इन्ही अजीब शौको के चलते कई बार जिंदगी के ऊपर भी संकट मडराने लगता है।युपी महोबा जिले कि रहने वाली एक 25 वर्षीय महिला जिसे तरह तरह के बालों को खाने का अजीब शौक लग गया।लेकिन यही शौक महिला के लिए जानलेवा बन गया।आखिरकार जानकीकुण्ड चिकित्सालय में आपरेशन के बाद महिला के आमासय से तकरीबन ढाई किलो बालों का गुच्छा निकाला गया,तब जाकर महिला की जान बच सकी। पूरा मामला सतना जिले की पवित्र नगरी चित्रकूट धाम स्थित जानकी कुण्ड चिकित्सालय का है ,चिकित्सालय की वरिष्ठ सर्जन डॉ पूनम आडवाणी (निर्मला गेहानी) द्वारा यूपी के महोबा जिले से आई एक दर्द से पीड़ित महिला का आपरेशन कर महिला के आमासय से लगभग ढाई किलो बालों का गुच्छा निकाला गया है।पूरे मामले की जानकारी देते हुए डॉ पूनम आडवाणी (निर्मला गेहानी) द्वारा बताया गया कि इस प्रकार के जो केस होते हैं,जिनमे महिलाएं बाल खाती हैं।उन्हें मेडिकल की भाषा में

ट्राइकोमेज्योर कहा जाता है।बाल खाने वाली महिलाएं अक्सर कम उम्र की होती हैं साथ ही साइकेट्रिक भी होती हैं।आमतौर पर इस प्रकार के अमूमन एक प्रतिशत मामले ही होते हैं।पूरे जीवन में मेरे सामने इस प्रकार के कुल तीन केस ही सामने आए हैं।जिनमे एक नौ साल का बच्चा था,दूसरी एक 18 साल की लड़की का केस सामने आया था,और यह तीसरा केस 25 वर्षीय महिला का सामने आया है।महिला के 5 वर्षीय,2 वर्षीय और पांच माह के तीन बच्चे हैं।और महिला को दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान बालों को खाने की आदत बनी थी।बालों को खाने की आदत के चलते महिला जहां अपने बालों को तो खाती ही थी,साथ ही आसपास पड़े दूसरों के बालों को भी खा लेती थी।महिला को दूसरा बच्चा हो गया।जिसके बाद महिला ने बालों को खाना बंद कर दिया।लेकिन महिला के पेट में दर्द रहने लगा। पेट में दर्द रहने के कारण महिला द्वारा यूपी के बांदा जिला स्थित मेडिकल कालेज में भी डॉक्टरों को दिखाया गया,और डॉक्टरों द्वारा अल्ट्रा साउंड भी कराया गया।लेकिन पता नहीं चल पाया।बाद में महिला द्वारा जानकी कुण्ड चिकित्सालय में आकर वरिष्ठ सर्जन डॉ निर्मला गेहानी को दिखाया गया। डॉ गेहानी द्वारा महिला का सीटी स्कैन करवाया गया।तब जाकर सारी स्थित सामने आई।बालों को खाने की आदत के चलते महिला का आमासय बिल्कुल भर गया था।और बालों के गुच्छे ने बिल्कुल आमासय का रुप ले लिया था।जिसके कारण महिला को लगातार उल्टियां हो रही थी।और खाना भी नहीं खा पा रही थी।

डॉ निर्मला गेहानी के अनुसार ऐसी स्थित मे महिला की मौत भी हो सकती थी उन्होंने बताया कि लगभग 2 घंटे इस ऑपरेशन में लगे तब जाकर बड़ी मशक्कत के बाद ये बालों का गुच्छा निकला। वही ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं डायरेक्टर डा बी के जैन और ट्रस्टी डा इलेश जैन ने इस सफल ऑपरेशन के मामले में खुशी जताते हुए डा पूनम आडवाणी, डा कमल मंडलोई और उनकी सारी टीम को बहुत बहुत बधाई दी।

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