पिला सोना खेतों में लहराने लगी सरसों की फसल

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क्षेत्र के किस परंपरागत खेती के साथ अन्य फसलों का भी ले रहे लाभ, फूलों से लदी है सरसों की फसल,
किशनगढ़ ताल,
ठाकुर शंभू सिंह तंवर
क्षेत्र के अनेक गांवों के किसानों ने खेतों में अपनी फसल अन्य फसलों के अलावा सरसों की फसल की लगाइए जो इस समय खेतों में लहराने लगी है इस समय फूलों से लगी हुई है सरसों के फसल 110 से 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है जिसका उत्पादन 5 कुंटल से 7 कुंटल प्रति बीघा के बीच की होता है वही बाजार में इसकी कीमत 5000 से ₹6000 प्रति कुंटल बिकती है इस संबंध में किसान ठाकुर शंभू सिंह तंवर ने बताया कि क्षेत्र की किस परंपरागत खेती जैसे गेहूं चना लहसुन मैथी आदि के साथ अन्य फसलों भी लगाने में लगे हैं जिससे सरसों की फसल भी शामिल है,
इस समय सरसों की फसल में फूल की बाहर आई हुई है अंचल के अधिकतम खेतों में सरसों के खेत सरसों के पीले फूलों से फटे हुए हैं सरसों के फसल को पीला सोना भी कहा जाता है किस नारायण सिंह पटेल किशनगढ़ ताल ने बताया कि नगर के साथ तहसील के अनेकों गांव में किसानों ने सरसों का फसल बोई है कंपनी में बा फसल हो जाती है इससे किसानों को अधिक पानी नहीं पिलाना पड़ता है इससे भी किसानों को फायदा होता है