17 सितंबर कल मनासा से पैदल यात्री निकलेंगे चारभुजा
मनासा आंचल से कई यात्री जाएंगे पैदल
*17 सितम्बर को मनासा नगर से निकलेगी,श्री चारभुजा पैदलयात्रा*
*नीमच — मनासा*
*डॉ बबलु चौधरी*
विगत 29 वर्षों से लगातार निकल रही श्री चारभुजा पैदलयात्रा का जत्था कल सुबह चारभुजा मंदिर से रवाना होगी ।जो नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई निकलेगी ।
मेवाड़ के प्रसिद्ध तीर्थ श्री चार भुजा (गढ़बोर) के जल झुलनी उत्सव में भाग लेने हेतु मनासा से कल -400-भक्तो का एक जत्था श्री चार भुजा मंदिर कपड़ा बाजार से अभिषेक करके वहां से निकलेगी इस पैदल यात्रा की जानकारी देते हुए यात्रा के व्यवस्थापक मदनजी झंवर , अध्यक्ष दसरथ प्रजापती ,सचिव हरीश एनिया , कोषाध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल प्रचार मंत्री कमल नागदा
ने बताया की यह पैदल यात्रियों का जत्था कल सुबह श्री चारभुजा मंदिर से अभिषेक कर नगर के प्रमुख मार्गों से जिसमें बड़ा बगेला, मुरली मंदिर
बड़ा बाजार, सदर बाजार ,सब्जी मंडी होते हुए अन्नपूर्णा मंदिर दर्शन करते हुए जावेगी नगर में पैदल यात्रा का जगह-जगह स्वागत की तैयारियां चल रही है
नगर से निकलने वाली यह -29-वी
वर्षों से लगातार निकलने वाली पहली यात्रा है इस यात्रा का पहला पड़ाव नीमच माहेश्वरी भवन पर होगा वहां रात्रि विश्राम कर सोमवार को महेश भवन निम्बाहेड़ा पहुंचेगी वहां रात्रि विश्राम होगा , मंगलवार सुबह वहां से रवाना होने के बाद शाम को आरोग्य तीर्थ श्री आंवरी माता
पहुंचेगी जहां रात्री विश्राम रहेगा
बुधवार सुबह यह पदयात्रा रवाना होकर शाम को श्री सांवलिया जी पहुंचेगी जहां दर्शन कर प्राकट्य स्थल पर पहुंचेगी जहां रात्री का विश्राम होगा गुरुवार की सुबह इस यात्रा की रवानगी होगी जो शाम तक श्री नाथ जी पहुंचेगी जहां श्रीनाथजी के दर्शन लाभ लेने के बाद रात्रि विश्राम माहेश्वरी भवन में होगा , शुक्रवार को सुबह पदयात्रा पुनः श्रीनाथजी से रवाना होकर शाम को श्री रामेश्वर धाम कांकरोली के लिए निकलेगी जहां शाम को विश्राम होगा , शनिवार को यह पदयात्रा शाम को श्री चार
भुजा जी पहुंचेगी वहां पर शासकीय कन्या मिडिल स्कूल सेवन्त्री रोड़ पर विश्राम होगा ।
दिनांक-25-सितम्बर को सभी पद
यात्री श्री रुपनारायण जी के दर्शन हेतु प्रस्थान कर वहां यात्रा ध्वज फहराकर पदयात्रा को पूर्ण करेंगे व जलझुलनी एकादशी परश्रीचार
भुजा जी की अनुपम विराटरेवाड़ी
में गुलाल व पुष्प वर्षा करते हुए उसमें शामिल होंगे यह दस दिव
सीय यात्रा -280- किलोमीटर की होगी इस यात्रा में हर व्यक्ति को अलग अलग काम सोपा जाता है
पुरी यात्रा में व्यापक प्रबंध रहता है जो वर्षों से अनुशासन के रूप में कार्य करता आ रहा है यात्रा के समापन के बाद सभी पदयात्री श्री
परशुराम महादेव के दर्शन कर वहां से भोजन प्रशादी ग्रहण कर
मनासा के लिए रवाना होंगे ।