मल्हारगढ़मंदसौर जिला

पहले हम हिंदू धर्म का पालन करें, फिर हिंदू राष्ट्र की बात करे- पं. गौरदास जी महाराज

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मल्हारगढ़। हम हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कर रहे हैं लेकिन इसके पहले हम हिंदू तो बन जाओ हमारे माथे पर तिलक नहीं है चोटी नहीं है शरीर पर यज्ञोपवीत नहीं है हाथ में कलावा नहीं है हम प्रतिदिन मंदिर जाते नहीं हैं और हम हिंदू राष्ट्र की बात कर रहे हैं पहले हम हिंदू धर्म का पालन करें और फिर हिंदू राष्ट्र की बात करें।

यह बात पंडित गौरदास जी महाराज ने शिक्षक महेश कुमार कन्हैयालाल जी विजयवर्गीय की सेवानिवृत्ति एवं नवीन गृह प्रवेश के अवसर पर आयोजित 9 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में कहीं।

पंडित जी ने कहा कि पहले बेटियों की शादियां दिन में सभी देवी देवताओं की उपस्थिति में मित्रों के साथ होती थी और आज रात्रि में शादियां होती है जब मंदिरों के सभी पद बंद हो जाते हैं और सभी देवता रात्रि में शयन करने चले जाते हैं उसके बाद रात में शादी होती है आधुनिकता की दौड़ में हमने हमारा धर्म समाप्त कर दिया है हम पहले हमारे धर्म की रक्षा करें।

पंडित जी ने कहा कि यह संतों और संतों का देश है और इस देश में संतों और  सतियों का सम्मान होता है चित्तौड़गढ़ में अनेक रानिया जोहर करके सती बन गई है आज भी चित्तौड़ में जौहर स्थल बना हुआ है इस देश में सती अपने पति को परमेश्वर मानती है और संत अपने भगवान को परमेश्वर मानता है

पंडित जी ने कथा में भगवान कपिल देव और माता देवहूति का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि देव हुती के नौ कन्याएं हुई थी और सभी कन्याओं ने त्रिलोक का कल्याण किया उसके बाद भगवान कपिल देव का जन्म हुआ और भगवान कपिल देव ने गंगा सागर के किनारे माता देव भूमी को भक्ति का ज्ञान कराया था इसीलिए आज भी सभी लोग गंगा सागर तीर्थ करने जाते हैं और कहते भी हैं कि सारे तीर्थ बार-बार और गंगा सागर एक बार एक बार गंगासागर में डुबकी लगाने से हमारा कल्याण हो जाता है क्योंकि वहां पर भगवान कपिल देव ने माता देवहूति को भक्ति का ज्ञान कराया था। इस अवसर पर जिला भाजपा महामंत्री पंडित राजेश दीक्षित, जनपद पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि कन्हैयालाल पाटीदार, प्रेस क्लब संरक्षक ओमप्रकाश बटवाल, प्रेस क्लब अध्यक्ष अशोक कुमार दक, पत्रकार राधेश्याम बैरागी, शिवलाल जोशी एवं विजयवर्गीय परिवार ने महाआरती का लाभ लिया एवं पंडित जी से आशीर्वाद प्राप्त किया। भागवत कथा में बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष उपस्थित थे। अंत में महाप्रसादी वितरीत की गई।

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