जो व्यक्ति सबकों मान सम्मान देता है वे भगवान को प्रिय होते है – संत श्री ज्ञानानंदजी महाराज

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केशव सत्संग भवन में चल रहे है चार्तुमासिक प्रवचन
मन्दसौर। नगर के खानपुरा स्थित श्री केशव सत्संग भवन में चातुर्मास हेतु ज्ञानानंदजी महाराज हरिद्वार विराजित है जिनके मुखारविन्द से प्रतिदिन श्रीमद भागवत कथा के एकादश स्कंद का वाचन किया जा रहा है, जिसका श्रवण करने के प्रतिदिन प्रातः 8.30 बजे से 10 बजे तक बडी संख्या में धर्मालुजन पधार रहे है।
शनिवार को धर्मसभा में संतश्री ज्ञानानंदजी महाराज ने कहा कि हर व्यक्ति गुरू बनाना चाहता है गुरू बनाना भी चाहिए क्योेंकि गुरू के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती। लेकिन हमें सोच समझकर गुरू बनाना चाहिए दिखावे में आकर किसी को भी गुरू नहीं बनाना चाहिए। हमेंशा गुरू उसे बनाओं जो ज्ञानवान के साथ विवेकशील हो। आपने कहा कि जो स्वयं अशांत हो वो तुम्हें कैसे शांत कर पायेंगा। इसलिए गुरू हमेंशा सोच समझकर बनाओं।
धर्मसभा मे संतश्री ने बताया कि हम भगवान को कुछ भी चढाते है तो बडे प्रसन्न होते है कि हमने भगवान को ये चढा दिया। लेकिन भगवान को तुम्हारी चढाई हुई किसी भी चीज से कोई मतलब नहीं होता है। भगवान भक्ति और जो सदैव सबका मान सम्मान करने वालों से प्रसन्न होते है। और हम भगवान को जो भी चढाते है भगवान हमें उसे दुगुना करके पुनः हमें लौटा देते है। आपने बताया कि भगवान इस संसार के स्वामी है समस्त प्रकार के सुख दुख भगवान की ही देन है। इसलिए हमें सदैव भगवान की शरण में रहकर उनका ध्यान करना चाहिए। शनिवार को धर्मसभा के अंत में भगवान की आरती उतारी गई जिसके पश्चात् प्रसाद का वितरण किया गया। धर्मसभा में विशेष रूप से केशव सत्संग भवन के अध्यक्ष जगदीशचंद्र सेठिया, सचिव कारूलाल सोनी, उपाध्यक्ष राधेश्याम गर्ग, प्रहलाद काबरा, मदनलाल गेहलोत, संतोष जोशी, प्रहलाद पंवार, प्रवीण देवडा, कमल देवडा, रविन्द्र पाण्डेय, इंजि आर सी पाण्डेय, राव विजयसिंह, भगवतीलाल पिलौदिया, दिनेश खत्री, घनश्याम भावसार सहित बडी संख्या में महिलाएं पुरूष उपस्थित थे।