पत्नि की हत्या कर लाश छिपाने वाले पति को आजीवन कारावास
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शाजापुर। माननीय न्यायालय चतुर्थ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जिला शाजापुर म.प्र. द्वारा आरोपी कमल पडिहार पिता पर्वतलाल निवासी ग्राम निछमा थाना सुनेरा जिला शाजापुर को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास और 5000 रू के अर्थदण्ड तथा धारा 201 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 2000/- रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।
अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी रमेश सोलंकी जिला शाजापुर ने बताया कि, घटना दिनांक 15/02/2021 को रात्रि 10 बजे के लगभग आरोपी कमल और उसकी पत्नि भूरी बाई में झगडा हो गया था। आरोपी कमल ने उसकी पत्नि भूरी बाई को सिर पर लकडी का बेट मार दिया था जिससे उसको चोट आई थी। जिसकी सूचना आरोपी कमल ने उसके साले मुकेश चौहान को मोबाईल फोन से दी।
उक्त सूचना पर से मुकेश चौहान उसके भाई हरि, जितेन्द्र एवं उसके पिता नंदा जी चारों बुमतलाई ब्राइट फयूचर स्कूल पर आये। उन्होने वहा आकर देखा तो भूरी बाई और बच्चे नहीं दिखे। थोडी देर बाद आरोपी कमल आया तो मुकेश चौहान ने आरोपी कमल से पूछा कि भूरी बाई और बच्चेे कहा है। जिस पर आरोपी कमल ने उससे कहा कि भूरी बाई को रूपानिया खाल के पास जंगल में ले जाकर उसकी गर्दन चाकू से काटकर उसकी हत्या कर दी है और उसकी लाश को वहीं जंगल में छुपा दिया है। इतना बताकर आरोपी कमल वहां से भाग से गया।
इसके बाद वह लोग रूपानिया खाल के जंगल में भूरी बाई को ढूढा तो आस पास के जंगल में तलाश करने पर झाडियों में भूरी बाई की लाश मिली, जिसका गला सामने से कटा हुआ था। उक्त घटना की सूचना मृतिका भूरी बाई के भाई मुकेश चौहान ने थाना सुनेरा को रात में ही दी। फरियादी की सूचना पर मौके पर थाना प्रभारी सौरभ शर्मा, उपनिरीक्षक सचिन आर्य मय पुलिस बल के घटनास्थल पर पहुंचे। फरियादी मुकेश चौहान ने पुलिस को उसकी बहन की लाश रूपानिया खाल के जंगल की झाडियों में दिखाई। घटना स्थल पर फरियादी मुकेश चौहान के बताये अनुसार मर्ग कायम किया। तत्पश्चात प्रथम सूचना रिपोर्ट आरोपी कमल के विरूद्ध दर्ज की गई।
पुलिस थाना सुनेरा के द्वारा प्रकरण में अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र आरोपी कमल के विरूद्ध न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी उपसंचालक (अभियोजन) सुश्री प्रेमलता सोलंकी शाजापुर एवं श्री रमेश सोलंकी, अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला शाजापुर द्वारा की गई। माननीय न्यायालय ने अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुये आरोपी को दण्डित किया ।