औरंगाबादन्यायबिहारयोग

उत्साह एवं उत्सव के रूप में मनाया गया अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस।

उत्साह एवं उत्सव के रूप में मनाया गया अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस।

भारतीय ऋषि-मुनियों, तथा परम्पराओं का हिस्सा रहा है योग, जिसे आज वैश्वीक पहचान मिली :- जिला जज

 

 

 

 

 

बिहार औरंगाबाद से धर्मेन्द्र गुप्ता

 

 

बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकर एवं  उच्च न्यायालय, पटना के निर्देशानुसार अन्तर्राष्ट्रीय योगा दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के संयुक्त तत्वावधान में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार  सम्पूर्णानन्द तिवारी के नेतृत्व में योगा दिवस बृहत एवं भव्य रूप से मनाया गया। साथ ही योग के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें योग करने के लिए प्रेरित किया। योग उत्सव कार्यक्रम का मुख्य आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकार स्थित विधिक सेवा सदन में जिला जज के नेतृत्व में आयोजित किया गया जिसमें पंकज मिश्रा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रथम  धनन्जय कुमार सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश  नितीश कुमार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश  धनन्जय कुमार सिंह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश  प्रणव शंकर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव ब्रजेश कुमार सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मितु सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रत्नेष्वर कुमार सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुकुल राम, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सहित समस्त न्यायिक पदाधिकारीगण लोक अभियोजक  पुष्कर अग्रवाल, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह सहित कर्मचारीगण तथा अन्य ने इसमें योग कर अपनी भागीदारी निभाई। उक्त आयोजित योग दिवस पर उपस्थित लोगों को प्रशिक्षित योग शिक्षक बद्री नारायण सिंह ने विभिन्न योग के आसनों का अभ्यास कराया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला जज ने योग के प्रति लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को योग को दिनचार्या में शामिल करना चाहिए। उन्होंने अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि योग भारत में आदि काल से चला आ रहा है जिसका पहचान अब अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पहुँच चुकी है। योग भारतीय परम्पराओं तथा ऋषि मुनियों का आदिकाल से हिस्सा रहा है जो अब अपना वैश्विक पहचान बना चुका है। जिला जज द्वारा कहा गया कि मानव के सुखी और निरोगी जीवन के लिए इसके महत्व को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योगा दिवस घोषित किया है। योग का महत्व आम और खास मनुष्य ने सही रूप में तब देखा जब विष्व स्तर पर कोरोना जैसी महामारी से मानव जाति को दो-चार होना पड़ा। उक्त कोरोना जैसी बीमारी से लड़ने में योग का बेहद ही खास महत्व रहा। अतः हम सभी को योग को प्रतिदिन अपने जीवन में आत्मसात करना बेहद ही जरूरी है यह सिर्फ न कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है साथ ही मनुष्य को कई मानसिक समस्याओं से निजात दिलाता है। योग का शाब्दिक अर्थ ही जोड़ होता है जिसका मतलब शरीर और एकाग्र मन जब आपस में जुड़ते हैं तो एक स्वस्थ्य एवं एकाग्रचित शरीर का निर्माण होता है जो सभी बीमारियों से दूर रखने में सहायक साबित होता है।
प्राधिकार के सचिव  प्रणव शंकर ने भी योग के महत्व को बताते हुए कहा कि अगर व्यक्ति योग को जीवन में आत्मसात करता है तो वह शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य होता है और स्वस्थ्यचित व्यक्ति कई समस्याओं अपने पास आने से रोक लेता है। अक्सर यह देखा गया है कि कई तरह के विधिक समस्याओं के पीछे मानसिक परेशानी रहती है जो योग से दूर से की जा सकती है अगर वह योग से जुड़ा होता तो वह मानसिक समस्या से दूर रहता तो उसके समक्ष विधिक समस्या भी नहीं होती, इसलिए प्रत्येक मनुष्य की समस्याओं का निदान योग में निहित है बस इसे जानने और करने की जरूरत है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}