मत किसी को भी दे पर मतदान जरूर करें, गलत कार्य करें तो सजा दे-पं. भीमाशंकर शास्त्री
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शत्रु अच्छा कार्य करें तो सम्मान करें। ऐसा न्याय प्रिय शासक होना चाहिए।
कुचड़ौद । (दिनेश हाबरिया) परिश्रम से ज्यादा फल मिलता है। तो अपनी बुद्धि को नहीं, सांवरिया सेठ को धन्यवाद दे। भगवान की क्या योजना है, वही जानते है। हमेशा अपने हित के साथ पड़ोसी का हित भी सोचना चाहिए।
यह बात जोगी खेड़ा में अंबा माता परिसर मैं आयोजित भागवत कथा के अंतिम दिन पंडित भीमाशंकर शर्मा (शास्त्री) ने कही।
आपने कहा अपना गलत कार्य करें तो सजा दे एवं शत्रु अच्छा कार्य करें तो सम्मान करें। ऐसा न्याय प्रिय शासक होना चाहिए। आपने श्री कृष्ण सुदामा का वर्णन करते हुए बताया, श्रीकृष्ण के हिस्से के चने खाने से सुदामा गरीब हुए। किसी के हिस्से का खाने वाला इतना गरीब होता है। तो सोचो कमीशन खाने वाले को क्या होगा। भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती है। पर पड़ती जरूर है। असंवैधानिक तरीके से कमाने से भूख नहीं मिटती है। आपने व्यासपीठ से मतदान को लेकर बताया, मत किसी को भी दे। पर मतदान जरूर करें। और बिना पैसे लिए मतदान करें। अच्छे लोगों को चुनना।
आपने कहा दूसरों की बुराई देखने के साथ खुद की बुराई भी देखें। बुराइयों को समाप्त करना, अच्छाइयों को ग्रहण करना चाहिए। भक्ति भाव को बढ़ाते रहो।
भागवत कथा का वर्णन करते हुए आपने कहा भगवान श्री द्वारिकाधीश अपने लोक जाने के बाद अपने प्राण भागवत जी रख गए। इसलिए भगवत कथा करवाते एवं सुनते रहना चाहिए। भागवत कथा के अंतिम दिन व्यासपीठ से पंडित शास्त्री ने गुरु दक्षिणा के रूप में व्यसन त्यागने की अपील की।
भागवत कथा के अंतिम दिन महाआरती के पश्चात महा प्रसादी स्वरूप भंडारा हुआ। जिसमें गांव सहित आसपास के दर्जनों गांव के हजारों भक्तों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की।