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सचिव को नहीं हटाया गया तो सरपंच मुख्यमंत्री को सौंप देंगे इस्तीफा, ग्रामीण जनता बैठेगी धरने पर

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हाई कोर्ट से वित्तीय अधिकार समाप्त होने के बाद भी, प्रशासन की आँखों में धूल झोंक कर शासन को चुना लगा रहा सचिव अनिल

09 वर्ष से एक ही पंचायत में कुंडली मारे बैठा सचिव, कर चुका है करोड़ों का भ्रष्टाचार

गुढ़। रायपुर कर्चुलियान जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बरसैता में भ्रष्टाचार की अनेक सीमाओं को लांघने वाला सचिव अनिल मिश्रा भस्मासुर बना हुआ है, जो पूरे गांव के साथ ही तमाम शासकीय योजनाओं एवं हितग्राही मूलक योजनाओं को भस्म कर रहा है, साथ ही आम जनता के अधिकारों को भी पूरी तरह से निगल कर हजम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है, इससे भी बड़ी और अचरज की बात तो यह है कि सचिव अनिल मिश्रा हाई कोर्ट के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए ग्राम पंचायत बरसैता में अनेकों भ्रष्टाचार कर रहा है, और जिला प्रशासन की आँखों में धूल झोंक रहा है, य़ह सब जानते हुए भी जिम्मेदार अधिकारी भ्रष्टाचारी सचिव को कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए वित्तीय प्रभार दिए बैठे है, तथा सचिव के भ्रष्टाचार मे हिस्सेदारी निभा रहें है,और शासन के खजाने पर सीधे सीधे डाका डाल रहे हैं,

ब्लाक स्तर के कुछ अधिकारियों की सांठ-गांठ से चल रहा बड़ा खेल

दर्जनों की संख्या में ऐसे निर्माण कार्य है जिसमें अधिकतर अधूरे पड़े है, यही नहीं कई कार्य तो ऐसे भी है जो अभी तक हुए ही नहीं उसके बाद भी लाखों करोड़ों रुपये पंचायत के खाते से भ्रष्ट सचिव द्वारा निकाल लिए गए, यही नहीं मजे की बात तो यह है कि कई सड़कों के निर्माण के नाम पर इसके द्वारा दो-दो तीन-तीन बार पैसे निकाले जा चुके हैं, जिसमें ब्लाक स्तर के कुछ अधिकारियों की भी सांठ-गांठ है, अब उन्हीं अधिकारियों को अपनी पोल खुलने का डर सता रहा है, इस लिए जिला पंचायत मुख्य कार्यपालिक अधिकारी द्वारा की जा रही, इसके खिलाफ चल रही जांच में भी कुछ अधिकारी जिला पंचायत सीइओ को गुमराह करने व भ्रामक जानकारी देने का प्रयास कर रहे है।

भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा के बाद छीना गया था वित्तीय प्रभार

भ्रष्टाचारी सचिव अनिल मिश्रा की पहली ज्वाइनिंग इसके गृह ग्राम इंटार मे हुई थी इस बीच भी इसके द्वारा करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार किया गया और इसका य़ह खेल अनवरत जारी रहा, इसी बीच ग्राम पंचायत इंटार में सरपंच निर्वाचित हुए नरेन्द्र प्रताप सिंह, जिनके द्वारा 2010, मे सचिव के काले कारनामों की शिकायत तत्कालीन जिला प्रशासन से की गई इस दौरान यह लंबे समय तक निलंबित रहा, इसके बाद पुनः जुगाड़ जमा कर रायपुर कर्चुलियान जनपद पंचायत मे अटैच हुआ, इसके विरुद्ध मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा, जंहा इसका आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचार करना सिद्ध पाया गया, जिसके बाद हाई कोर्ट के विद्वान न्यायाधीश द्वारा इसके समस्त वित्तीय अधिकारों से इसे मुक्त रखने सहित समस्त अधिकारों को समाप्त किए जाने के आदेश पंचायत विभाग को जारी कर दिया गया, और इस दौरान इसे जनपद कार्यालय में अटैच किया गया था, जिसके बाद भ्रष्टाचारी सचिव अनिल मिश्रा अधिकारियों की जी हुजूरी एवं तलवे झाड़ कर सांठ-गांठ करते हुए हाइकोर्ट के आदेश की अवहेलना कर पुनः वित्तीय प्रभार ले लिया और फिर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार को अंजाम दिया इसका य़ह खेल अनवरत जारी है।

सचिव नहीं हटा तो सरपंच प्रदेश के मुख्यमंत्री को सौंप देंगे अपना इस्तीफा , गांव की जनता बैठेगी धरने पर

आप को बता दें कि विगत 2014, से लगातार भ्रष्टाचारी भस्मासुर शासन के नियमों को ताक पर रख कर एक ही पंचायत यानी कि बरसैता में डटा हुआ है, इसके पूर्व भी इसका स्थानांतरण जनपद पंचायत मनगंवा के लिए हुआ था, जिसके बाद इसने एक बार फिर से हाई कोर्ट को गुमराह करते हुए कुछ समय के लिए स्थगन लिया था, स्थगन की समय सीमा समाप्त हो चुकी हैं इसके बाद भी एक ही पंचायत मे 2014 से जमा है, जो पूरी तरह से नियम विरुद्ध है, भ्रष्टाचारी सचिव अनिल मिश्रा की तानाशाही और भ्रष्टाचार एवं इसकी मनमानी से वर्तमान सरपंच भी परेशान है, सरपंच द्वारा जिला कलेक्टर एवं जिला पंचायत सचिव से शिकायत की गई है,परंतु इसके द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को भी गुमराह किया जा रहा है,अगर समय रहते इसके खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई और इसे बरसैता पंचायत से नहीं हटाया गया तो ग्राम पंचायत के दलित सरपंच द्वारा इसकी तानाशाही और प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के चलते प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को अपना स्तीफा सौंप देंगे, साथ ही पूर्व सरपंच समेत गांव की समस्त जनता के साथ कलेक्ट्रेट स्थित धरने पर बैठने की चेतावनी दी गई।

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