भोपालमध्यप्रदेश

सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकें मिलीं या नहीं मोबाइल एप से होगी ट्रैकिंग

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देश का पहला राज्य जहां लागू की जा रही ब्यवस्था

राज्य शिक्षा केंद्र ने तैयार किया एप राज्य, जिला व विकासखंड स्तर पर होगी मानीटरिंग

✍️विकास तिवारी

भोपाल। मप्र के सरकारी स्कूल 16 जून से खुल जाएंगे विद्यार्थियों को हर साल की तरह निश्शुल्क पाठ्य पुस्तकें भी दी जाएंगी। इस बार ये विद्यार्थियों को समय पर मिल जाएंगी। दरअसल, हर स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें नवंबर-दिसंबर तक ही स्कूलों में पहुंच पाती थीं, इसलिए इस सत्र में स्कूल शिक्षा विभाग ने नई पहल की है। विद्यार्थियों को किताबें मिलीं या नहीं, इसकी मोबाइल एप से ट्रैकिंग की जाएगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने आनलाइन टेक्स्ट बुक वितरण ट्रैकिंग मोबाइल एप तैयार किया है। इससे सत्र 2023-24 की पहली से बारहवीं तक की पाठ्य पुस्तकों की ट्रैकिंग की जाएगी। मध्यप्रदेश ऐसी व्यवस्था करने वाला पहला राज्य होगा। बता दें, कि हर साल मप्र पाठ्य पुस्तक निगम की ओर से प्रदेश भर के विद्यार्थियों के लिए सात करोड़ पाठ्य पुस्तकें छपवाई जाती हैं।

इस तरह तीन चरणों में होगी मानीटरिंग-

इस ट्रैकिंग के माध्यम से प्रदान करने और वितरण की मानीटरिंग राज्य, जिला व विकासखंड स्तर पर होगी। प्रथम चरण में पाठ्य पुस्तक ट्रैकिंग प्रणाली में मप्र पाठ्य पुस्तक निगम के डिपो से पुस्तकों को विकासखंड स्तर पर भेजा जाता है। वहां पर विकासखंड स्त्रोत समन्वयक (बीआरसी) द्वारा मोबाइल एप के माध्यम से बंडल के जीओ टैग फोटो के साथ प्राप्ति दर्ज करेंगे। अगर किताबें क्षतिग्रस्त और कम पहुंचती हैं तो 15 दिन के अंदर इनकी जानकारी मोबाइल एप के माध्यम से दर्ज करना होगा। इस एप के माध्यम से स्कूल में कक्षा के अनुसार विद्यार्थियों की संख्या दर्ज होगी। बीआरसी की ओर से डिस्पैच आर्डर तैयार किए जाएंगे। विकासखंड स्तर से जैसे ही स्कूल का डिस्पैच आर्डर लाक करेंगे। संबंधित स्कूल के संस्था प्रमुख को मोबाइल एप पर उनके लाग इन पर दिखाई देने लगेगा। इसके अलावा किताबों को ट्रांसपोर्ट करने के लिए रूट चार्ट किया गया है। इसके माध्यम से भी ट्रैकिंग कर सकते हैं। मोबाइल एप पर कक्षा अनुसार दर्ज बच्चों के नाम प्रदर्शित होंगे। उसके अनुसार पुस्तकों का वितरण किया जाएगा।

इनका कहना है-

-विद्यार्थियों को किताबें उपलब्ध हुई या नहीं, इसकी ट्रैकिंग अब आसानी से हो सकेगी। अगर देर हो रही है तो किस स्तर पर हो रही है, इसकी जानकारी मिल पाएगी और तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

-लोकेश कुमार जांगिड़, संचालक, राज्य शिक्षा केंद्र

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