डीएम के स्थानान्तरण पर भावुक हुए जिलेवासी।
डीएम के स्थानान्तरण पर भावुक हुए जिलेवासी।
बिहार औरंगाबाद से धर्मेन्द्र गुप्ता
कहते हैं किसी अधिकारी की पहचान हमेशा उनके काम से होती है उनकी कार्यशैली ही लोगो में उनकी पहुंच को बढ़ाती है ऐसा ही एक कार्यकाल औरंगाबाद डीएम सौरव जोरवाल का रहा है जो 3 वर्ष से ज्यादा समय तक जिले के डीएम रहे इनका तबादला अब पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) हो गया है।
भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी , रोटरी क्लब और औरंगाबाद नागरिकों के द्वारा डीएम सौरभ जोरवाल का रेड क्रॉस सभागार भवन में विदाई सह सम्मान समारोह का किया गया आयोजन।
इस विदाई सह सम्मान समारोह में औरंगाबाद वासी भावुक हो गए।
इस विदाई समारोह में सदर एसडीओ विजयंत कुमार, शिक्षा पदाधिकारी, डीपीओ , रेड क्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन सतीश कुमार सिंह, नगर परिषद चेयरमैन उदय गुप्ता और समाजसेवियों के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता रेड क्रॉस के चेयरमैन सतीश कुमार सिंह ने किया और संचालन रेड क्रॉस के उपाध्यक्ष महबूब आलम ने किया।
बताते चलें कि
बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से शनिवार को जारी अधिसूचना के अनुसार राज्य के कई जिलों के जिलाधिकारी का तबादला किया गया। अधिसूचना के अनुसार औरंगाबाद के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल को पूर्वी चंपारण के डीएम की जिम्मेदारी मिली है। जोरवाल वहां बंदोबस्त पदाधिकारी के अतिरिक्त प्रभार में भी रहेंगे।
सौरभ जोरवाल की जगह पूर्णिया के जिलाधिकारी सुहर्ष भगत को औरंगाबाद का नया डीएम बनाया गया है। वह भी अगले आदेश तक बंदोबस्त पदाधिकारी के प्रभार में रहेंगे। जैसे ही औरंगाबाद के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल के ट्रांसफर की खबर फैली, जिले के सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम लोगों में मायूसी सी छा गई। ऐसा इसलिए क्योंकि जोरवार अपनी कार्यकुशलता की वजह से सबके चहेते बने हुए है।
सौरभ जोरवाल के ट्रांसफर की खबर जैसे ही लोगों को मिल रही है वो उनके किए गए कार्यों को लेकर बधाई दिय साथ नए जिले की जिम्मेदारी को लेकर लोगो ने शुभकामनाएं दी ।
रेड क्रॉस के चेयरमैन सतीश कुमार सिंह और नगर परिषद चेयरमैन उदय गुप्ता ने कहा कि यह विदाई सह सम्मान समारोह के पीछे कई वजह है।
कहा की डीएम सौरभ जोरवाल सर
दरअसल, उन्होंने जब औरंगाबाद में पदभार ग्रहण किया उस दौरान पूरा देश कोविड-19 की महामारी से जूझ रहा था। ऐसे में डीएम के तौर पर अपनी नेतृत्व की क्षमता का परिचय देते हुए अल्प संसाधन में भी हर मोर्चे पर खड़े नजर आए। डॉक्टरों के साथ आइसोलेशन सेंटर में मौजूद रहकर वैश्विक महामारी के दौरान हरसंभव सहयोग दिया। यही वजह रही कि औरंगाबाद में मौत के आंकड़े बिहार में सबसे कम रहे।
कोरोना काल में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ जुटे नजर आए
कोरोना महामारी ने दो बार डीएम सौरभ जोरवाल को अपनी चपेट में लिया लेकिन उसे भी हराकर उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों का उत्साह बढ़ाया। सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ कदम से कदम मिलाकर इसकी भयावहता से जूझते कामगारों को फ्री भोजन उपलब्ध कराया। दूर दूर से अपने घर आ रहे लोगों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने में सहयोग किया। यही कारण था कि जिले के सामाजिक कार्यकर्ताओं में इनकी अच्छी पैठ भी बन गई।
समाजसेवी अजीत चंद्रा और मुकेश गुप्ता ने कहा कि
जिले में सामाजिक समरसता को बहाल करते हुए सौरभ जोरवाल ने अपने नेतृत्व में सभी पर्व-त्योहार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया। जिसके लिए इन्हें सामाजिक और राज्य स्तर पर भी पुरस्कृत किया गया। जिलाधिकारी ने सरकार की तमाम योजनाओं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, सहकारिता, कृषि, सात निश्चय, विद्युत, जल जीवन हरियाली के तहत अभूतपूर्व कार्य किए। जिले को कई क्षेत्रों में पहला स्थान तक दिलाया। अब उनके ट्रांसफर की खबर सुनकर जिले में मायूसी छाई हुई है।
इस कार्यक्रम में औरंगाबाद जिले के बहुत सामाजिक संस्थाओं ने भाग लिया।
पूर्व चेयरमैन प्रतिनिधि शिव गुप्ता, रेडक्रॉस सचिव दीपक कुमार, समाजसेवी मुकेश गुप्ता, भाजपा जिला अध्यक्ष मुकेश शर्मा, भाजपा नेत्री अनीता सिंह, सल्लू खान, वार्ड पार्षद प्रतिनिधि अमित गुप्ता, आलोक कुमार, विवेक चौहान, उज्जवल सिंह, नीरज शर्मा, सत्यनारायण गुप्ता, आदर्श कुमार,
सहित जिले के अन्य समाजसेवी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे