शहादत दिवस पर ‘वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे’ के प्रभावित किसानों ने की पदयात्रा
बिहार औरंगाबाद से धर्मेन्द्र गुप्ता
कुटुंबा :– औरंगाबाद
23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु के शहादत दिवस पर भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाले वाराणसी-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर कुटुंबा प्रखंड के बरौली गांव से लेकर धनीवार तक ‘किसान अधिकार पदयात्रा’ आयोजित की।
इसके तहत किसानों ने बरौली और कठरी, चिंतावन बीघा, मनोरथा, नरेंद्र खास, देवरिया, रामपुर, रसोईया, झरहा, बरहेता, बसौरा, एरका से होते धनीवार तक की यात्रा की जिसमें सैकड़ों की संख्या में किसानों ने पदयात्रा में भाग लिया। यह पदयात्रा धनिवार में पहुंचकर सभा में परिवर्तित हो गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता भरत पाण्डेय ने की। मौके पर उपस्थित किसान ललन जी ने निम्न मूल्य के जगह वर्तमान बाजार मूल्य के बराबर मुआवजे की भुगतान की मांग की। किसान चंद्र मोहन तिवारी जी ने लड़ाई के लिए संघ को मजबूत बनाने की बात कही, वहीं किसान जय राम जी ने पंजाब की शैली में लड़ाई लड़ने एवं भूमि के औषधीय एवं व्यवसायिक मूल्य को लेकर बात रखी। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र पांडे जी ने उचित मुआवजा न मिलने तक अपनी लड़ाई जारी रखने की बात कही। समिति के मीडिया प्रभारी राजन तिवारी ने कानूनी रूप से इस लड़ाई को आगे बढ़ाने पर बल देने की बात कही। किसान सह बौद्धिक चिंतक राजकुमार जी ने भविष्य में प्रतिवर्ष बोनस देने संबंधी मुद्दों को प्रमुखता से रखा। समिति के मीडिया प्रभारी विकास कुमार सिंह ने अधिकार पदयात्रा के सभी मांगों को किसानों के सामने रखा और बुलंद आवाज में उचित मुआवजा न मिलने तक आंदोलन को सङक से न्यायालय तक लङने की बात कही। समिति के सचिव जगत जी ने मुआवजे की राशि ना मिलने तक भूमि पर किसी प्रकार की दखल न करने की हिदायत सरकार को दी।
किसान संघर्ष समिति सचिव जगत कुमार सिंह द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया, किसान अधिकार पदयात्रा के तहत मांगी गई मांगों को यहां भेजा जा रहा है।