मंदसौरमंदसौर जिला

विश्व के 80 देशों में विश्व हिंदू परिषद कार्य कर रही- श्री पुरोहित

पूजारी अपने मंत्रों से पत्थर में भी प्राण फुक सकता है

विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय अधिकारी अरूण नेटके ने किया संबोधित

मंदसौर। नगर में विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय अधिकारी अरूण नेटके ( राष्ट्रीय संत अर्चक पुरोहित प्रमुख) का शनिवार को जनपद पंचायत परिसर मंदसौर में आगमन हुआ। श्री नेटके ने अधिकारी मंदसौर नगर के समस्त संत अर्चक पुरोहित के सम्मेलन को सम्बोधित किया। इससे पूर्व अतिथियों द्वारा रामदरबार एवं मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की गई। अतिथि परिचय जिलामंत्री हेमन्त बुलचंदानी ने दिया। अतिथियों का स्वागत नगर अध्यक्ष कन्हैयालाल सोनगरा ने किया। अरुण नेटके केंद्रीय संत अर्चक पुरोहित संपर्क प्रमुख, निर्मलदेव नरेला प्रान्त संत अर्चक पुरोहित संपर्क प्रमुख, गुरुचरण बग्गा, प्रान्त सह विशेष संपर्क प्रमुख, प्रदीप चैधरी जिलाध्यक्ष मंच पर उपस्थित थे।

विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय अर्चक पुरोहित संपर्क प्रमुख अरुण नेटके ने अपने उद्बोधन में कहा कि विश्व हिंदू परिषद सामाजिक कार्य एवं धार्मिक कार्य करती हैं। विश्व हिंदू परिषद का वाक्य है, धर्मो रक्षति रक्षिता अर्थात जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है। विश्व हिंदू परिषद में हिंदू समाज की रक्षा करने की शिक्षा दी जाती हैं। विश्व के 80 देशों में विश्व हिंदू परिषद कार्य कर रही है। श्री नेटके ने आगे कहा कि हमारे मंदिर पूर्व में सभी प्रकार के कार्यों का केंद्र रहे। मंदिर ही समाज का केंद्र बने, सभी जनों का संचालन मंदिर से ही हो। मंदिर शक्ति का केंद्र बन सकता है। मंदिर यदि केंद्र बनेंगे तो सभी समाज पुनः शक्तिशाली बन सकते हैं। हमारी व्यवस्था उसे दूर होते जा रहे हैं। हमें हमारी व्यवस्था के साथ आना है। मंदिर के 4 भाग होते हैं व्यवस्था, पूजा, भक्ति और श्रद्धा। यह सभी मंदिर की आत्माएं है। आत्मा है तो जागृति है, जागृति है तो प्राण है। पुजारी भक्त और भगवान के बीच की दूरी को समाप्त करने का माध्यम है। पूजारी ही अपने मंत्रों से पत्थर में भी प्राण फुक सकता है। पूजा को ही मंदिर के पुराने कलयुग का जीता जागता धर्म मना गया हैं। इसलिए हर घर में गौमाता होनी चाहिए। जिस घर में गाय का वास होता है, उस घर में सभी भगवानों का विवाह स्वत ही हो जाता है, क्योंकि गाय में 33 कोटि देवता निवास करते है। व्यक्ति के स्वाभिमान को जगाने का कार्य हमें ही करना है। आपने कहा कि सभी यह कार्य मंदिर के माध्यम से ही कर सकते हैं। मंदिर हमारी श्रद्धा का केंद्र बन सकते हैं, आस्था का केंद्र बन सकते हैं और इस हेतु सभी पुजारियों और पुरोहितों से संगठित होकर सनातन धर्म और संस्कृति को आगे बढ़ाने का आह्वान किया है।

इस अवसर पर प्रकाश पालीवाल, हेमंत बुलचंदानी, दिग्विजय महुआ, नवनीत पारीक, प्रवीण मंडलोई, अरविन्द चैहान, अनिल धनगर, विनोद जाट, अमरदीप कुमावत, अंतिम देवड़ा, कन्हैयालाल धनगर, कन्हैयालाल सोनगरा, प्रतीक व्यास, गौरव शर्मा, महेंद्र सुराह, राजेश करानिया, प्रियांश राजपुरोहित, प्रदीप मोटवानी, श्यामसुंदर विश्वकर्मा, मनीष भाटी, विनोद प्रजापत एवं नगर के संत अर्चक पुरोहित कथा वाचक उपस्थित थे। सन्तप्रवर व अर्चकजनों का स्वागत नगर टीम ने किया। कार्यक्रम का संचालन जिला सहमंत्री हरीश टेलर ने किया।

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