लब्ध प्रतिष्ठित इतिहासकार डा. रघुबीरसिंह कि 115 जयंती पर प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया
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सीतामऊ। श्री नटनागर शोध संस्थान के संस्थापक एवं सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं इतिहासकार महाराजकुमार डा. रघुबीरसिंह का 23 फरवरी को 115 वां जन्म दिवस पर प्रतिमा पर माल्यार्पण कर इतिहास के क्षेत्र में उनके योगदान व उनके द्वारा एतिहासिक उपलब्धियों को याद किया।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डा. विक्रमसिंह भाटी, डा. रेखा द्विवेदी, डा. सहदेवसिंह चौहान, डा. राजेंद्र चव्हाण, श्री वीरेन्द्रसिंह राठौड़, श्री हरीशचन्द्रसिंह चन्द्रावत, श्री अनिरुद्ध रामावत, श्री मंयक चतुर्वेदी, श्री रविन्द्रसिंह राठौड़, श्री चन्द्रशेखर गेहलोत, श्री सत्यनारायण शुक्ला, श्री दयाराम गेहलोत, श्री कन्हैया नायक, श्री धर्मेन्द्र राजावत एवं अन्य विद्यार्थीगण उपस्थित थे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्थान के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने महाराजकुमार की मूर्ति पर माल्यार्पण किया तथा श्री कृष्णसिंह सभाग्रह में कार्यक्रम का संचालन करते हुए डा. विक्रमसिंह भाटी ने बताया कि महाराजकुमार का व्यक्तित्व एवं कृतित्व इतना विराट है कि साहित्य एवं इतिहास में उनका योगदान अविस्मरणीय है। बिखरे फूल महाराजकुमार की एक ऐसी अदभुत रचना है जो उनको उच्च कोटी के साहित्यकारों में खड़ा करती है साथ ही डा. रेखा द्विवेदी, डा. सहदेवसिंह एवं डा. राजेंद्र चव्हाण ने भी इस अवसर पर सम्बोधित किया।