आलेख/ विचारमंदसौर जिलामल्हारगढ़

प्रिय तुम श्री रामचरितमानस जरूर पढ़ना।…..

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प्रिय तुम श्री रामचरितमानस जरूर पढ़ना।…..

-लेखक ओमप्रकाश बटवाल

वरिष्ठ समाजसेवी एवं पत्रकार मल्हारगढ़ मंदसौर 

जीवन के अनुबंधों की,

तिलांजलि संबंधों की,

टूटे ‘मन’ के तारो की,

फिर से नई कड़ी गढ़ना,

प्रिय तुम श्री रामचरितमानस पढ़ना।।

 

बेटी का धर्म निभाने को,

पत्नी का मर्म सिखाने को,

भाई का प्रेम बताने को,

हर चौपाई दोहा सुनना,

प्रिय तुम श्री रामचरितमानस पढ़ना।।

लक्ष्मण से सेवा त्याग सीखना,

श्री भरत से राज विराग सीखना,

प्रभु का सबसे अनुराग सीखना,

फिर माता सीता को गुनना,

प्रिय तुम श्री रामचरितमानस पढ़ना।।

 

केवट की भक्ति भरी गगरी,

फल मीठे बेर लिए शबरी,

है धन्य अयोध्या की नगरी,

अवसादों में जब घिरना,

प्रिय तुम श्री रामचरितमानस पढ़ना।।

न्याय नीति पर राम अड़े,

संग सखा वीर हनुमान खड़े,

पशु-पक्षी तक हैं युद्ध लड़े,

धन्य हुआ उनका तरना,

प्रिय तुम श्री रामचरितमानस पढ़ना।।

जो राम नाम रघुराई है,

जीवन की मूल दवाई है,

हर महामंत्र चौपाई है,

सियाराम नाम जपते रहना,

प्रिय तुम श्री रामचरितमानस पढ़ना।।

जगती में मूल तत्व क्या है?

राम नाम का महत्व क्या है?

संघर्ष में राम रामत्व क्या है?

संकट में जब तुम फंसना,

प्रिय तुम श्री रामचरितमानस पढ़ना।।

 

हर समाधान मिल जाता है,

कोई प्रश्न ठहर नहीं पाता है,

बस राम ही राम सुहाता है

श्री राम है वाणी का गहना,

प्रिय तुम श्री रामचरितमानस पढ़ना।

                            जय श्री राम 🌹🌹

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