आध्यात्ममंदसौरमध्यप्रदेश

व्यक्ति का मूल्यांकन गुण और चरित्र के आधार पर करना चाहिए- राष्ट्रसंत श्री कमलमुनि जी

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 मंदसौर। जाति धर्म एवं भाषा की संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठकर विश्व बंधुत्व की भावना को जो दिलों में विकसित करता है, वही सच्चा धर्म है। उक्त विचार राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने धर्म सभा में व्यक्त किए। संतश्री ने कहा कि मानवीय रिश्तो को मजबूत करके बुराइयों से मुक्ति दिलाए अच्छाइयों का आगे बढ़ाएं। ये विश्व के सभी धर्मों का मुख्य लक्ष्य होना चाहिए।व्यक्ति का मूल्यांकन आधार पर नहीं बल्कि गुणों और चरित्र से करना चाहिए।

मुनि श्री कमलेश ने बताया कि जाति धन पद के आधार पर किसी को हिनअथवा महान मानना घौर अज्ञानता का प्रतीक है।

राष्ट्रसंत श्री ने कहा कि जिस के निमित्त मानवीय एकता में खरोच आए उससे बड़ा अधर्मऔर कोई नहीं हो सकता है। धर्म किसी के हाथ की कठपुतली नहीं बनना चाहिए। मानव मात्र के लिए सहज सुलभ और समान अधिकार के रूप में उपलब्ध होना चाहिए।

धर्मसभा में विधायक यशपाल सिसोदिया ने कहा कि मुनि कमलेश जैसे समर्पित और निष्पक्ष संत ही मानवता की अनमोल धरोहर है। प्रदीप कीमती ने आभार व्यक्त किया। नेहा जैन ने गुरु भक्ति गीत प्रस्तुत करते हुए अपने विचार व्यक्त किए।

14 नवंबर का प्रवचन बाल दिवस के रूप में मुनि कमलेश का सुशील कच्छारा पटेल नगर के निवास पर सुबह 9 बजे होंगे।

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