औषधीय गुणों से भरपूर नागरवेल पान,यह एक ऐसी औषधि है जिससे बंद पेट कि खुल जाएंगी रग-रग
==========
औषधीय गुणों से भरपूर नागरवेल पान,यह एक ऐसी औषधि है जिससे बंद पेट कि खुल जाएंगी रग-रग
स्वास्थ्य दर्शन
हमारे आयुर्वेद में कुछ मामूली चीजें इतनी ज्यादा फायदेमंद है कि यह बड़ी से बड़ी बीमारियां भी पास नहीं फटकनी देती। नागरवेल पान के पत्ते ऐसी ही एक औषधि है जिसे अब लोगों ने खाना कम कर दिया है।
पान खाने के फायदे-आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव ने अपने यूट्यूब चैनल पर पान के पत्ते के औषधीय गुणों के बारे में खुलासा कर रखा है। यह एनर्जी सोखने का काम करता है और बुद्धि तेज कर सकता है। यह जहर के एंटीडोट की तरह काम करता है और शरीर के अंदर मौजूद जहरीले तत्वों को बाहर निकालने का काम करता है। सदगुरु ने इसके कुछ चमत्कारी फायदे के बारे में बताए हैं।हालांकि पान के पत्ते को लेकर कई वैज्ञानिक रिसर्च भी हुई हैं जिसमें इसके कई औषधीय गुणों की पड़ताल की गई है।एनसीबीआई की रिसर्च पेपर में पाया गया है कि नागरवेल पान के पत्ते एंटी- बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर है। सदगुरु कहते हैं कि पान के पत्ते को लेकर जो वैज्ञानिक रिसर्च हुई हैं उससे इसमें कहीं ज्यादा गुण हैं. उन्होंने बताया कि पान के पत्ते को यूं ही नहीं देवी मां को चढ़ाया जाता है।देवी मां पर अर्पण करने के बाद इसे खा लिया जाता है क्योंकि देवी मां स्वयं इसे अपने भक्तों को खाने को कहते हैं। सदगुरु ने बताया कि पान को विभिन्न तरीकों से इसमें अन्य चीजें मिलाकर खाई जाती है।
मुंह के लिए फायदेमंद- सदगुरु ने बताया कि पान के फायदे मुंह से ही शुरू हो जाते हैं. यह एंटी-बैक्टीरियल होता है जिसके कारण मुंह में पान जाते ही वहां के बैक्टीरिया या फंगस मरने लगते है। वहीं यह मुंह को सुगंधित बनाता है जिसके कारण मुंह में अन्य हानिकारक चीजें भी नहीं आती है। मुंह और जीभ में अगर छाले हो तो उसे भी यह ठीक कर देता है। हालांकि इसके लिए पान में चूना का बेहद कम इस्तेमाल किया जाता है वरना जीभ कटने का भी डर रहता है।
अम्लनाशक-सदगुरु के मुताबिक पान का पत्ता अम्लनाशक होता है. यानी यह शरीर से जहर को निकालता है। साप काटने के बाद जो जहर बनता है, यह उसे भी निकाल देता है। हालांकि यह पूरी तरह से ऐसा नहीं कर सकता लेकिन एक सीमा तक यह जहर को जरूर साफ करता है। अगर पेट में बहुत ज्यादा अम्ल बन रहा तो यह उसे कम करेगा। *नसों को स्पंदित करता-* सदगुरु कहते हैं कि पान के पत्ते उत्तेजक होते हैं. खासकर यदि आप इसमें सुपारी मिला दें तो यह बेहद उत्तेजक हो जाता है। इसमें न्यूरोलॉजिकल स्फूर्तिदायक गुण होता है। यानी यह नसों को स्पंदित करता है।इससे नसों में ताजगी आती है. जब नसों में ताजगी आती है तो यह पूरे शरीर को स्फूर्ति से भर देता है।
पेट साफ करने में रामबाण-रात में पान खाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे आपका बंद पेट भी साफ हो जाएगा। चाहे कितना भी कॉन्स्टिपेशन की समस्या क्यों न हो अगर पान को सही तरीके से लगाकर उसे खा लिया जाय तो कुछ दिनों में कब्ज ठीक हो जाती है. पान का पत्ता पेट में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाता है।इसलिए यह पाचन तंत्र को बहुत मजबूत कर देता है। इससे गैस, एसिडिटी, ब्लोटिंग जैसी समस्याओं का खात्मा हो सकता है।
बैक्टीरिया के लिए दुश्मन-डाउन टू अर्थ ने रिसर्च के हवाले से बताया है कि पान के पत्ते ग्राम निगेटिव बैक्टीरिया जैसे कि ई. कोलाई और सियूडोमोनास आदि को मार देता है. इसके अलावा यह ग्राम पोजिटीव बैक्टीरिया जैसे कि स्टेफायलोकोकस और कैंडिंडा बैक्टीरिया को मारता है. वहीं यग फंगस से होने वाली बीमारियों को भी पान का पत्ता खत्म कर देता है।
*पुरुषों के लिए फायदेमंद-* आयुर्वेद में यह भी कहा गया है कि पान का पत्ता नपुंसकता को दूर करता है। पान के पत्ते का सेवन करने से स्पर्म की संख्या और क्वालिटी बढ़ती है।वही यह प्री-मेच्योर इजेकुलेशन को भी कम कर सकता है। *उम्र बढ़ाने में-* पान के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं. इसलिए यह स्किन को जवां रखता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है।
*पाचन क्षमता बढ़ाता है-* अगर खाने के बाद पेट दर्द करने लगता है या फिर गैस, अपच, ब्लोटिंग होती है तो आपका डायजेस्टिव सिस्टम खराब है। डायजेशन को सुधारना ही इसका एकमात्र इलाज है। सद्गुरु के मुताबिक पान का पत्ता डायजेस्टिव है जो पचान क्षमत तेज करता है और पेट हल्का रहता है।यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। नोट -यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता।