जमीन अधिग्रहण के विरोध में किसान पहुंचे महाकाल मंदिर: ज्ञापन सौंपकर जमीन बचाने की लगाई गुहार
जमीन अधिग्रहण के विरोध में किसान पहुंचे महाकाल मंदिर:ज्ञापन सौंपकर जमीन बचाने की लगाई गुहार
उज्जैन । विक्रम उद्योगपुरी योजना से प्रभावित 7 गांव के किसान बुधवार को भगवान महाकाल को ज्ञापन देने पहुंचे। कहा कि सरकार और प्रशासन सुन नहीं रहा है। अब तो भगवान से ही आस है। वे हमें बेरोजगार होने से बचा सकते हैं।
किसानों का कहना है कि विक्रम उद्योगपुरी में लगातार नए-नए उद्योगों के लगने से जगह कम पड़ने लगी। सरकार उद्योग क्षेत्र डेवलपमेंट के लिए आसपास की 7 गांव की 2500 बीघा जमीन को अधिग्रहण करने जा रही है। आदेश मिलने के बाद यहां रहने वाले किसानों के सामने उनकी पुश्तैनी जमीन छीन जाने और उन्हें बेरोजगार होने का खतरा मंडराने लगा है। इससे पहले 9 अक्टूबर को भी किसानों ने विरोध प्रदर्शन कर ट्रेक्टर रैली निकाली, और संकुल भवन के सामने प्रदर्शन किया था।
15 हजार किसानों के बेघर होने का खतरा
जब मांगे नहीं मानी गई तो बुधवार को एक बार फिर किसान कल्याण समिति के किसानों ने प्रदर्शन करते हुए बाबा महाकाल को ज्ञापन सौंप दिया। किसान दिलीप चौधरी ने बताया कि उज्जैन प्रशासन उद्योगपुरी द्वारा सात गांव की जमीन सिंचित 2500 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। इससे पहले हमने 9 अक्टूबर को ट्रैक्टर रैली के माध्यम से अपनी बात अधिकारियों के सामने रखी थी लेकिन उन्होंने हमारी नहीं सुनी। जिसके बाद हमें बेरोजगार करने के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है।। इसलिए अब जगत पिता भगवान महाकाल को ज्ञापन देने आए थे, उनके सामने अर्जी दी है कि वे 15 हजार किसान को बेघर होने से बचाए।
7-8 पीढ़ियों से कर रहे खेती
विक्रम उद्योगपुरी के लिए अधिग्रहण होने वाली भूमि जिसमें 7 गांव चैनपुर हंसखेड़ी, कड़छा, नरवर, मुंजाखेड़ी, गांवड़ी, माधोपुर और पिपलोदा द्वारकाधीश के 700 किसानों की 2500 बीघा सौ प्रतिशत सिंचित भूमि का अधिग्रहण कर लगभग 15000 लोगों को बेघर किया जा रहा है। गांव की समस्त सत प्रतिशत भूमि उपजाऊ हैं और समस्त गांव के किसान पिछले 7-8 पीढ़ियों से खेती करके ही परिवार का भरण पोषण कर रहे है।