बिहारनिर्वाचन

25 नवंबर से 5 दिसंबर तक होंगे पैक्स चुनाव, पाँच चरणों में होंगे चुनाव।

 25 नवंबर से 5 दिसंबर तक होंगे पैक्स चुनाव, पाँच चरणों में होंगे चुनाव।

 

 

पटना:

 

बिहार में पैक्स (प्राथमिक कृषि साख समिति) चुनाव 25 नवंबर से 5 दिसंबर 2024 तक पाँच चरणों में संपन्न होंगे। इस चुनाव में राज्य की 6819 पैक्सों के लिए बैलेट पेपर के माध्यम से मतदान होगा। चुनाव की प्रक्रिया को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से पूरा करने के लिए राज्य निर्वाचन प्राधिकार द्वारा सभी जिलाधिकारियों (डीएम), उप विकास आयुक्तों (डीडीसी) और जिला सहकारिता पदाधिकारियों (डीसीओ) को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

चुनाव की अधिसूचना 15 नवंबर 2024 को जारी की जाएगी, जिसमें पूरे कार्यक्रम का विवरण शामिल होगा। चुनाव के दौरान राज्य सरकार द्वारा पूर्व से लागू आरक्षण व्यवस्था का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। इस चुनाव की तैयारियों को लेकर बुधवार को राज्य स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में सभी जिला स्तर के अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहते हुए चुनाव की तैयारियों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का निर्देश दिया गया।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी गिरिश शंकर ने जानकारी दी कि पिछला पैक्स चुनाव 2019 में संपन्न हुआ था। इस वर्ष का चुनाव भी उसी पैक्सों में हो रहा है। चुनाव के दौरान मतदान और मतगणना एक ही दिन में की जाएगी। किसी कारणवश अगर किसी पैक्स में मतगणना नहीं हो पाती, तो मतपेटियों को वज्रगृह में सुरक्षित रखा जाएगा और अगले दिन मतगणना पूरी की जाएगी।

अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक अक्टूबर में मुख्य सचिव और गृह सचिव के नेतृत्व में होगी, जिसके बाद पैक्स चुनाव के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस बार तीन साल से अधिक समय से कार्यरत जिला सहकारिता पदाधिकारी और प्रखंड सहकारिता पदाधिकारियों को चुनाव से पहले स्थानांतरित किया जाएगा।

पदों के लिए मतपत्र के रंग

चुनाव के दौरान विभिन्न पदों के लिए अलग-अलग रंग के मतपत्रों का उपयोग किया जाएगा। अध्यक्ष पद के लिए लाल रंग का मतपत्र होगा, जिस पर मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के सामने स्वस्तिक चिन्ह की मुहर लगाएंगे। अनुसूचित जाति/जनजाति कोटि के लिए आसमानी रंग का मतपत्र होगा, जिसमें एक महिला और एक पुरुष उम्मीदवार का चुनाव करना होगा।

पैक्स चुनाव, जो ग्रामीण कृषि और सहकारी संगठनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीतिक और सामाजिक गतिशीलता को परिभाषित करता है। इन चुनावों में सही प्रतिनिधि चुनने की प्रक्रिया से ग्रामीण विकास, कृषि वित्त और सहकारी कार्यों को मजबूत बनाने का प्रयास किया जाएगा।

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