पर्यटन एवं दार्शनिक स्थलमध्यप्रदेशसीतामऊ

स्पेन से 65 हजार किमी कि पैदल यात्रा कर विश्व विख्यात लाइब्रेरी श्री नटनागर शोध संस्थान पहुंचा इतिहास, सनातन जिज्ञासु 

 

सीतामऊ। स्पेन देश का नागरिक भारत की सनातन संस्कृति यहां की शैली कलाकृति ऐतिहासिक इमारतें देखने के लिए 65 हजार किलोमीटर की यात्रा कर जिज्ञासु विश्व प्रसिद्ध श्री नटनागर शोध संस्थान सीतामऊ पहुंचा। इस दौरान स्पेन से आए विदेशी नागरिक ने अपने परिचय में अपना नाम जेवियर बारेलोना उर्फ दीपक बताया 65 वर्षीय जेवियर 14 अक्टूबर 2015 से धर्म संस्कृति सहित विभिन्न पहलुओं पर इतिहास जानना है। जेवियर ने संस्थान को लेकर बताया कि नटनागर शोध संस्थान के इतिहास के बारे में जानकारी के आधार पर कहा कि यहां भारत के विविध विषयों पर न सिर्फ दुर्लभ पुस्तके हैं बल्कि पांडुलिपियों भी है और इस संस्थान का नाम एशिया की दूसरी लाइब्रेरी में विख्यात है यहां संस्थान के संस्थापक महाराज कुमार श्री रघुवीर सिंह ने संस्थान को कई नई ऊंचाइयां प्रदान की वह स्वयं एक अच्छे लेखक होने के साथ अच्छे प्रशासक और हिंदी ब्रज, मालवी, संस्कृत, उर्दू आदि भाषाओं के ज्ञाता भी रहे हैं ।

इस दौरान संस्थान के सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने इन्हें पुस्तकालय का भ्रमण कराया और संस्थान की लाइब्रेरी के महत्वपूर्ण विभागों पर प्रकाश डाला।

इस दौरान जेवियर ने संस्थान के निदेशक श्री विक्रम सिंह भाटी से भेंट की, चर्चा में बताया कि वर्ष 2015 से मैं स्पेन से चलकर बिना खर्च के पैदल यात्रा कर रहा हूं मेरी यात्रा का लक्ष्य धर्म संस्कृति ऐतिहासिक इमारतें मंदिर आदि के बारे में जानना है। मैंने 14 अक्टूबर 2015 को भारत के कर्नाटका से अपनी यात्रा प्रारंभ कि जहां पर हंपी महल देखा बहुत ही सुंदर महल लगा। उसके बाद पुष्कर राजस्थान, कन्याकुमारी, लेह लद्दाख, असम, त्रिपुरा ,सिलीगुड़ी, बिहार उत्तराखंड की यात्रा की जिसमें 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए तथा उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम सहित 100 धाम, तथा जगन्नाथ, द्वारिका, काशी, कांची 7 पूरी, तथा बौद्ध ,जैन तीर्थ सिख गुरु नानक, गुरु गोविंद सिंह ,गुरु हरगोबिंद सिंह जी आदि के मंदिरों स्थलों के साथ ही ऐतिहासिक इमारतों और कुल्लू ,मनाली पठानकोट, जम्मू, पुंछ, राजौरी ,बारामूला मध्य प्रदेश के पंचमणी ,नाग मंदिर, छतरपुर ओरछा उत्तर प्रदेश के अयोध्या आदि स्थानों के इतिहास संस्कृति और यहां के सनातन धर्म को जानने का मेरा मुल- भूत उद्देश्य रहा है। जेवियर ने कहा कि यात्रा के पश्चात स्पेन जाकर सामाजिक संस्कृति, सनातन धर्म तथा ऐतिहासिक इमारतें सहित अन्य विषयों पर 7 पुस्तकें लिखुगां ताकि आने वाली पीढ़ी को मेरी ओर से ऐतिहासिक ज्ञान गिफ्ट दें सकूं।जेवियर ने संपूर्ण जानकारी अंग्रेजी भाषा में दी।

चर्चा के दौरान संस्कार दर्शन संपादक लक्ष्मीनारायण मांदलिया से स्पेन से आए नागरिक ने बताया कि मैं जेवियर बारेलोना ( दिपक नेम कर्नाटका) स्पेन का नागरिक मेरी उम्र वर्तमान में 65 वर्ष है मैं वर्ष 2015 से सर्वप्रथम भारत के कर्नाटक पहुंचा जहां से भारत के ऐतिहासिक स्थलों मंदिरों तथा संस्कृति सनातन धर्म को जानने के लिए लगातार भ्रमण कर रहा हूं। भारत के विभिन्न स्थानों का पैदल भ्रमण किया। और कहीं पर भी ऐतिहासिक स्थलों आदि में प्रवेश आदि पर किसी प्रकार का मेरा कोई खर्च नहीं लगा। मेरा अपना परिवार है तथा कारपेट का प्लांट है। एक प्रश्न के जवाब में जेवियर ने बताया कि यहां कि प्रकृति बहुत ही सुन्दर है। यहां कि संस्कृति विश्व व्यापी है। और सनातन धर्म बहुत ही अच्छा है। यहां देश के प्रति समर्पित लोग हैं। श्री जेवियर ने बताया कि मैं राजस्थान से नीमच पहुंचा जहां पर पुलिस अधीक्षक अंकित जायसवाल और थाना प्रभारी पुष्पा चौहान से भेंट कर नीमच मंदसौर क्षेत्र के ऐतिहासिक स्थानों कि जानकारी हुई।

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