नीमच 25जुलाई (केबीसी न्यूज़) संसार में रहते हुए शरीर रूपी मन से अनेक पाप हो जाते हैं इन पापों के कर्मों की निर्जरा के लिए भक्ति तपस्या चातुर्मास में करने वाले लोगों को पुण्य फल की प्राप्ति होती है।और पुण्य फल से ही आत्म कल्याण होता है।जो आत्म जागृति को समझते हैं वही मोक्ष को प्राप्त करते हैं।
यह बात वैराग्य सागर जी महाराज साहब ने कही।वे दिगंबर जैन समाज नीमच द्वारा श्री पार्श्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आयोजित धर्म सभा में बोल रहे थे ।उन्होंने कहा कि बच्चों की धार्मिक पाठशाला में सम्यक दर्शन का ज्ञान अपनी पहली भूमिका निभाता है। आत्मा की पहचान किए बिना आत्मा को सच्चा सुख नहीं मिलता है। आत्मज्ञान के बिना मुनि को भी मोक्ष नहीं मिलता है ।आत्मज्ञान के बिना जीवन पशु के समान होता है ।सभी आत्मा एक की ही है। जिनवाणी में कोई अंतर नहीं है ।इसका कोई भी जाति वर्ग नहीं होता है। जीव तत्व ज्ञान एक होता है। धर्म कर्म का पुण्य करते-करते जीवन में परिवर्तन हो जाता है लेकिन आत्मा शांति नहीं मिलती है। स्वयं को स्वयं की आत्मा की पहचान करने से मिलती है लेकिन हम दूसरों को बदलने की प्रयास में रहते हैं दूसरों की चिंता नहीं करें हम अपने धर्म का पुण्य कर्म करें तभी हमारी आत्मा का कल्याण हो सकता है वर्धमानसागर जी महाराज के सुशिष्य मुनि सुप्रभ सागर जी मसा ने
ने कहा कि शरीर को बचपन से जैसा ढालते हैं वैसा ही ढल जाता है इसलिए शरीर को सदैव सजग सरल बनाना चाहिए पहले प्राचीन काल में पहले बच्चे स्कूल दौड़ कर जाते थे और उनके स्कूल जाने का आनंद ही अलग होता था ।लोग तीर्थ पर स्वयं भोजन बनाकर आनंद में तीर्थ दर्शन करते थे आज सब कुछ सुविधा होने के बाद भी सच्चे आनंद और सुख नहीं मिलता है ।चिंतन का विषय है जो मनुष्य सर्दी को सहन करता है वह गर्मी भी सहन कर सकता है इसके शरीर को सहनशील बनाना चाहिए। सहनशीलता के बिना जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफलता नहीं मिलती है। शरीर को ज्यादा सुविधा भोगी बनाएंगे तो शरीर आलसी होगा और रोगों का घर बन जाएगा।
परम पूज्य चारित्र चक्रवर्ती 108 शांति सागर जी महामुनि राज के आचार्य पदारोहण के शताब्दी वर्ष मे परम पूज्य मुनि 108 श्री वैराग्य सागर जी महाराज एवं परम पूज्य मुनि 108 श्री सुप्रभ सागर जी महाराज जी का पावन सानिध्य मिला।
दिगम्बर जैन समाज एवं चातुर्मास समिति के अध्यक्ष विजय विनायका और जैन ब्रोकर्स, मिडिया प्रभारी अमन विनायका ने उक्त जानकारी ने दी।