पेयजल की समस्या को लेकर हम लोग पलायन करने पर मजबूर होगे:–सतीश स्नेही
पेयजल की समस्या को लेकर हम लोग पलायन करने पर मजबूर होगे:–सतीश स्नेही
बिहार औरंगाबाद से धर्मेन्द्र गुप्ता
औरंगाबाद शहर के कई इलाकों में पीने के पानी की समस्या देखने को मिलती है बिहार सरकार के बिहार जल जीवन मिशन (हर घर जल) की योजना चल रही है, जिसका करोड़ों रुपया औरंगाबाद नगर परिषद द्वारा खर्च करने के बावजूद भी शहर का हाल किसी से है। छिपा नहीं है. शहर के कई इलाकों में पानी पीने की बहुत समस्या है, लेकिन फिर भी नगर परिषद के अधिकारी और कर्मचारी कोई खास कदम नहीं उठा रहे हैं।
औरंगाबाद शहर की घुटने की आबादी वाले इलाके वार्ड नं 16 के लोगों ने अपना दर्द बयान किया। स्थानीय निवासी एडवोकेट सतीश स्नेही ने कहा कि ‘मैं पिछले कई सालों से देख रहा हूं कि यहां पीने के पानी की किल्लत बनी हुई है। मुस्लिम भाई लोगों का अभी मोहर्रम चल रहा है, आने वाले कुछ दिनों के बाद हम लोगों के सावन का महीना आ रहा है ऐसे में पीने के पानी की परेशानी होना ठीक नहीं है। पिछले कई सालों से नगर परिषद वार्ड नं 16 के इलाके में पीने के पानी की किल्लत हो गई थी और अब फिर से वही परेशानी सामने आ रही है।
पीने के पानी की बड़ी जटिल समस्या बनी हुई है। पिछले कई दिनों से यहां पीने का पानी नहीं आ रहा है जिससे लोगों में काफी गुस्सा है। इलाके के लोगों द्वारा नगर परिषद में इसकी कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन नगर परिषद इस बारे में कोई सुध नहीं ले रही है।
बिहार सरकार द्वारा सात निश्चय के तहत पेय जल की योजना पर काम किया जा रहा है, इसके बावजूद वार्ड 16 सहित शहर के आधे से अधिक क्षेत्रों में पीने का पानी नहीं है। शहर के लोगों द्वारा नगर परिषद से कई बार शिकायत भी की गई है और अधिकारी भी यहां आते हैं। उम्मीदें देते हैं लेकिन किसी भी समस्या का समाधान अभी तक नहीं हुआ है।
औरंगाबाद शहर के वार्ड नं 16 के स्थानीय निवासी अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि महावीर मंदिर के पास, ललिता प्रसाद रोड, चौधरी गली, भीतरी बाजार सहित शहर के प्रमुख स्थानों पर पानी की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। प्रेम हार्दिक के साथ रहने वाले लोगों में पानी के लिए रोजाना बहस होती रहती है, इस समस्या को दूर करने में नगर परिषद असफल साबित हो रही है। और कहा कि और कहा कि कई पुरखों से हम लोग यहां निवास कर रहे हैं । नगर परिषद अगर ध्यान नहीं देती है तो अब ऐसी स्थिति बन गई है कि हम लोग पलायन करने पर मजबूर होगे।