मांगमंदसौरमध्यप्रदेश
31 जुलाई तक ठगी पीड़ितों का भुगतान नहीं हुआ तो तपजप संगठन करेगा राष्ट्रव्यापी अनिश्चित असहयोग आंदोलन
तपजप संगठन ने दिया राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नेता प्रतिपक्ष व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन
मन्दसौर। ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार (तपजप) जिला इकाई द्वारा 2 जुलाई, मंगलवार को महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष लोकसभा व प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिला प्रशासन को देकर शासन-प्रशासन एवं अन्य अधिकारियों द्वारा विधि का पालन न करने और ठगी पीड़ितों का भुगतान न करने के विरुद्ध अनिश्चितकालीन असहयोग आंदोलन की घोषणा की।
ज्ञापन में कहा कि संसद ने सर्वसम्मति से वर्ष 2019 में अनियमित जमा योजनायें पाबंदी क़ानून-2019 (द बैनिंग ऑफ अनरेग्युलेटेड डिपॉजिट स्कीम्स एक्ट-2019) बनाकर ठग कम्पनीज एवं ठग सोसाइटीज में डूबी हुई जमा राशि को पीड़ित आवेदक को 180 दिन में जमाराशि के दो से तीन गुणा वापस दिलाने का कानूनी अधिकार दिया था। जिसके अंतर्गत देश के प्रत्येक जिले में पीड़ित आवेदकों से आवेदन लेने और उनका भुगतान करने हेतु भुगतान पटल की स्थापना कागजों में कानून में हुई थी, अनियमित जमा और नियमित जमा योजनाओं में जनता के जमाधन की वापसी हेतु संसद और सरकार ने देश भर में विशेष न्यायालय सक्षम अधिकारी, सहायक सक्षम अधिकारी और अन्य नोडल एजेंसीज का चयन एवं नियुक्ति की थी, और कानून बनाकर जनता को यह विश्वास दिलाया था कि सरकार उनका डूबा हुआ, ठगा गया धन वापस करेंगी और दोषी संचालको को दण्डित करेंगी, समयबद्ध कानून के लागू होने के 5 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी संघ या राज्यों ने बड्स एक्ट-2019 के अंतर्गत पीड़ितों से न आवेदन आमंत्रित किए न आवेदन लेने के बाद उनका धन विधिसम्मत रूप से वापस किया जो करोड़ों नागरिकों के साथ अन्याय है, और इसका प्रतिकार करना हमारा धर्म है, अधिकार है। यह स्थाई अधिनियम है और इसके अंतर्गत नियुक्त सक्षम या सहायक सक्षम अधिकारी को स्थाई रूप से सुनवाई करनी है जो पांच वर्ष में अभी तक आरम्भ ही नहीं हुई है। लाखों आवेदनों पर आज तक नोटिस तक जारी नहीं किये गए हैं, अनेक राज्यों, जिलों एवं तहसीलों में अभी तक भुगतान पटलों की स्थापना तक नहीं हुई है, और बेईमान सिस्टम एक व्यापक अधिनियम की अवहेलना करते हुए गैरकानूनी रूप से सहारा सीआरसी, सेबी, पर्ल्स जैसे पोर्टल खोलने का झांसा देकर बड्स एक्ट-2019 को ख़त्म करने की साजिश रच रहा है। भुगतान न होने के कारण निवेशक और कथित एजेंट साथियों में आपसी तनाव बना हुआ है, गुस्साये निवेशक निर्दाेष एजेंट्स की गोली मारकर हत्या तक कर रहे हैं, जिससे करोड़ों एजेंट्स और निवेशकों के मध्य ग्रहयुद्ध जैसा छिड़ गया है जो निश्चित रूप से शासन-प्रशासन की लापरवाही और विधि एवं संसद का अपमान है। यदि शासन-प्रशासन ने कानून पर विधिपूर्वक कार्य आरंभ किया होता तो अबतक सभी पीड़ितों का भुगतान हो गया होता और लाखों निवेशक प्रताड़ित एजेंट मौत के मुंह में जाने और पलायन एवं उत्पीड़न से बचाये जा सकते थे। हमारे जिला, तहसील, नगर, गाँवों में लाखों ठगी पीड़ित हैं, जिनकी परिश्रम से प्राप्त पूँजी सरकारी एजेंसीज और ठगों के पास फंसी हुई है, जो बार-बार आवेदन करने के पक्षात भी जिला प्रशासन व सक्षम अधिकारी वापस नहीं कर रहे है। जिस वजह से लाखों परिवारों के समक्ष भूखों मरने की भी स्थिति बन गई है। ज्ञापन में मांग की कि शिविर लगवाकर ठगी पीड़ितों की जमाराशि का भुगतान 31 जुलाई 2024 तक अवश्य कराएँ और दोषी अधिकारियों को दण्डित करवाकर उनके मन में कानून के प्रति सम्मान का की भावना पैदा करें ताकि देश में विधि के विरुद्ध काम करने वाले बेईमान अधिकारियों में कानून, शासन व संसद संसद का भय बना रहे।
ज्ञापन में विशेष रूप से कहा कि यदि शासन ने लोकतंत्र के मंदिर संसद कानून और ठगी पीड़ितों के भुगतान के अविलम्ब सुनिश्चित नहीं किया तो देश के करोड़ों ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार 31 जुलाई 2024 शहीद उधमसिंह शहादत दिवस पर सुबह 10 बजे से राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर समेत सम्पूर्ण राष्ट्र में बेईमान सिस्टम के विरूद्ध अनिश्चितकालीन असहयोग आंदोलन आरंभ करेंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार, शासन और प्रशासन की होगी।
इस अवसर पर संगठन के प्रदेश महासचिव रायसिंह दांगी, प्रदेश कोषाध्यक्ष कृष्णपाल सिंह राठौड़, जिला अध्यक्ष मोहनलाल धाकड़, जिला उपाध्यक्ष रामनिवास धाकड़, भेरूलाल प्रजापत, गोवर्धनलाल लोहार, लक्ष्मण प्रजापत, रमेश लोहार, भरत विश्वकर्मा, निजामुद्दीन मंसूरी सहित सैकड़ों ठगी पीड़ित व संगठन के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
ज्ञापन में कहा कि संसद ने सर्वसम्मति से वर्ष 2019 में अनियमित जमा योजनायें पाबंदी क़ानून-2019 (द बैनिंग ऑफ अनरेग्युलेटेड डिपॉजिट स्कीम्स एक्ट-2019) बनाकर ठग कम्पनीज एवं ठग सोसाइटीज में डूबी हुई जमा राशि को पीड़ित आवेदक को 180 दिन में जमाराशि के दो से तीन गुणा वापस दिलाने का कानूनी अधिकार दिया था। जिसके अंतर्गत देश के प्रत्येक जिले में पीड़ित आवेदकों से आवेदन लेने और उनका भुगतान करने हेतु भुगतान पटल की स्थापना कागजों में कानून में हुई थी, अनियमित जमा और नियमित जमा योजनाओं में जनता के जमाधन की वापसी हेतु संसद और सरकार ने देश भर में विशेष न्यायालय सक्षम अधिकारी, सहायक सक्षम अधिकारी और अन्य नोडल एजेंसीज का चयन एवं नियुक्ति की थी, और कानून बनाकर जनता को यह विश्वास दिलाया था कि सरकार उनका डूबा हुआ, ठगा गया धन वापस करेंगी और दोषी संचालको को दण्डित करेंगी, समयबद्ध कानून के लागू होने के 5 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी संघ या राज्यों ने बड्स एक्ट-2019 के अंतर्गत पीड़ितों से न आवेदन आमंत्रित किए न आवेदन लेने के बाद उनका धन विधिसम्मत रूप से वापस किया जो करोड़ों नागरिकों के साथ अन्याय है, और इसका प्रतिकार करना हमारा धर्म है, अधिकार है। यह स्थाई अधिनियम है और इसके अंतर्गत नियुक्त सक्षम या सहायक सक्षम अधिकारी को स्थाई रूप से सुनवाई करनी है जो पांच वर्ष में अभी तक आरम्भ ही नहीं हुई है। लाखों आवेदनों पर आज तक नोटिस तक जारी नहीं किये गए हैं, अनेक राज्यों, जिलों एवं तहसीलों में अभी तक भुगतान पटलों की स्थापना तक नहीं हुई है, और बेईमान सिस्टम एक व्यापक अधिनियम की अवहेलना करते हुए गैरकानूनी रूप से सहारा सीआरसी, सेबी, पर्ल्स जैसे पोर्टल खोलने का झांसा देकर बड्स एक्ट-2019 को ख़त्म करने की साजिश रच रहा है। भुगतान न होने के कारण निवेशक और कथित एजेंट साथियों में आपसी तनाव बना हुआ है, गुस्साये निवेशक निर्दाेष एजेंट्स की गोली मारकर हत्या तक कर रहे हैं, जिससे करोड़ों एजेंट्स और निवेशकों के मध्य ग्रहयुद्ध जैसा छिड़ गया है जो निश्चित रूप से शासन-प्रशासन की लापरवाही और विधि एवं संसद का अपमान है। यदि शासन-प्रशासन ने कानून पर विधिपूर्वक कार्य आरंभ किया होता तो अबतक सभी पीड़ितों का भुगतान हो गया होता और लाखों निवेशक प्रताड़ित एजेंट मौत के मुंह में जाने और पलायन एवं उत्पीड़न से बचाये जा सकते थे। हमारे जिला, तहसील, नगर, गाँवों में लाखों ठगी पीड़ित हैं, जिनकी परिश्रम से प्राप्त पूँजी सरकारी एजेंसीज और ठगों के पास फंसी हुई है, जो बार-बार आवेदन करने के पक्षात भी जिला प्रशासन व सक्षम अधिकारी वापस नहीं कर रहे है। जिस वजह से लाखों परिवारों के समक्ष भूखों मरने की भी स्थिति बन गई है। ज्ञापन में मांग की कि शिविर लगवाकर ठगी पीड़ितों की जमाराशि का भुगतान 31 जुलाई 2024 तक अवश्य कराएँ और दोषी अधिकारियों को दण्डित करवाकर उनके मन में कानून के प्रति सम्मान का की भावना पैदा करें ताकि देश में विधि के विरुद्ध काम करने वाले बेईमान अधिकारियों में कानून, शासन व संसद संसद का भय बना रहे।
ज्ञापन में विशेष रूप से कहा कि यदि शासन ने लोकतंत्र के मंदिर संसद कानून और ठगी पीड़ितों के भुगतान के अविलम्ब सुनिश्चित नहीं किया तो देश के करोड़ों ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार 31 जुलाई 2024 शहीद उधमसिंह शहादत दिवस पर सुबह 10 बजे से राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर समेत सम्पूर्ण राष्ट्र में बेईमान सिस्टम के विरूद्ध अनिश्चितकालीन असहयोग आंदोलन आरंभ करेंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार, शासन और प्रशासन की होगी।
इस अवसर पर संगठन के प्रदेश महासचिव रायसिंह दांगी, प्रदेश कोषाध्यक्ष कृष्णपाल सिंह राठौड़, जिला अध्यक्ष मोहनलाल धाकड़, जिला उपाध्यक्ष रामनिवास धाकड़, भेरूलाल प्रजापत, गोवर्धनलाल लोहार, लक्ष्मण प्रजापत, रमेश लोहार, भरत विश्वकर्मा, निजामुद्दीन मंसूरी सहित सैकड़ों ठगी पीड़ित व संगठन के कार्यकर्ता उपस्थित थे।