एक दिन में आधे रह गए प्याज के दाम, नाराज किसानों ने मंडी के बाहर धरना देकर की नारेबाजी,
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धरना देते किसान व तहसीलदार से चर्चा करते किसान नेता जोकचन्द
किसान नेता जोकचन्द का आरोप किसानों को ठगा जा रहा, तहसीलदार के आश्वासन के बाद हटा जाम
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। मंदसौर कृषि उपज मंडी में प्याज के दाम मिलने से नाराज किसानों ने शुक्रवार को हंगामा कर दिया, वे मंडी के सामने महू-नीमच मार्ग पर धरना लगाकर बैठ गए और नारेबाजी की, धरने का नेतृत्व किसान नेता श्यामलाल जोकचन्द ने किया। किसानों के सड़क पर बैठे रहने से जाम लग गया, करीब दो घंटे तक चले धरने के बाद मंदसौर तहसीलदार रमेश मसारे मौके पहुंचे, किसानों से जाम खुलवाया व किसानों को आश्वासन देकर नीलामी चालू कराई। किसान नेता श्यामलाल जोकचन्द ने बताया गुरुवार को मंदसौर मंडी में प्याज का भाव दो से ढ़ाई हजार रुपए क्विंटल था, लेकिन शुक्रवार को प्याज का भाव 200 से 1000 के बीच ही रह गया, यह भाव किसानों का रास नही आया और उन्होंने नारेबाजी की व धरने पर बैठ गए, किसानों की सूचना पर मैं मौके पहंुचा व जानकारी ली, प्रशासन को अवगत कराया। जोकचन्द ने बताया कि एक दिन ही प्याज के भाव इतने ज्यादा कैसे गिर गए ? जबकि शामगढ़ मंडी में प्याज 1800 रुपए तक बिका, यह विरोधाभास कैसे ? महाराष्ट्र में प्याज 2400 रुपए क्विटल में बिक रहा है। सरकार की नियत व नीति सही नही होने से किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। इधर सूचना पर तहसीलदार रमेश मसारे मौके पहंुचे, किसानों को समझाइश देकर जाम खुलवाया, प्याज का सही भाव मिले, इसके लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया, तहसीलदार ने समस्या को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत कराया। इधर किसान नेता जोकचन्द ने आरोप लगाया कि जिले में किसानों को ठगा जा रहा है, कई बार तो फसल का लागत मूल्य भी किसानों को नही मिल रहा है। जनप्रतिनिधि चुनाव जीतने के लिए धार्मिक स्थलों पर रुपए देकर चुनाव जीत जाते है और जीतने के बाद यही यही राशि पुनः किसानों व आमजन को परेशान कर वसूली जाती है। किसानों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए कोई नेता व जनप्रतिनिधि आगे नही आता है, केवल किसानों से वोट लेकर दूर हो जाते है व उन्हेें लूटने का काम शुरु कर देते है। किसानों की समस्याओं का निराकरण नही हुआ तो मजबूरन उन्हें आन्दोलन करना पडेगा। मंदसौर जिले में किसान आन्दोलन भी इसी कारण हुआ था कि किसानों को उनकी फसल का लागत मूल्य भी नही मिल रहा था और सरकार के कारिन्दे किसानों से ऋण वसूलियां कर धमका रहे थे, बिजली कंपनी लाखों के बिल भेजकर किसानों के सामान की कुर्की कर रही थी। जोकचन्द ने कहा कि अब किसान जागरुक हो गया है, अगर उन्हें ठगा गया व अन्याय, अत्याचार हुआ तो इसका प्रतिकार किया जाएगा। जोकचन्द ने कहा कि सरकार प्याज को लेकर किसानों को राहत प्रदान करे, तत्कालीन मनमोहनसिंह सरकार में किसानों को प्याज भंडारण के लिए बड़ा अनुदान दिया जाता था, लेकिन वर्तमान सरकार ने यह बन्द कर दिया। प्याज को भावान्तर योजना में शामिल किया जाए, भंडारन के लिए अनुदान दिया जाए व वेयर हाउस में प्याज रखने की अनुमति दी जाए। जोकचन्द ने चेतावनी दी कि अगर किसानों पर अन्याय, अत्याचार होगा तो फिर किसान हित में बड़ा किसान आन्दोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
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