मंदसौरमध्यप्रदेश
अ.भा.साहित्य परिषद की हिन्दी दिवस काव्य गोष्ठी सम्पन्न

************************
श्री हरेन्द्रसिंह भदौरिया की पुस्तक ‘‘जिंदगी नामा’’ की समीक्षा की गई
भारत विकास परिषद ने उत्कृष्ट कार्य हेतु तीन संस्थाओं का किया सम्मान

मन्दसौर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मंदसौर इकाई द्वारा 14 सितम्बर हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में पुस्तक समीक्षा एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन साहित्यकार रविशंकर वर्मा नीमच के मुख्य आतिथ्य व पं. देवेश्वर जोशी, जन परिषद मंदसौर चैप्टर के जिला संयोजक व वरिष्ठ पत्रकार घनश्याम बटवाल, प्रेस क्लब अध्यक्ष ब्रजेश जोशी के विशेष आतिथ्य, पर्यावरण प्रेमी एवं संवरक्षक डॉ. उर्मिला तोेमर की अध्यक्षता तथा महंत गोपाल बैरागी, नरेन्द्रसिंह राणावत, हरिओम बरसोलिया, चंदा अजय डांगी, नंदकिशोर राठौर, नरेन्द्र भावसार, नरेन्द्र त्रिवेदी, अनुष्का मांदलिया, अजीजुल्लाह खान, सिने स्क्रीप्ट रायटर एवं डायरेक्टर संजय भारती, वरिष्ठ लक्ष्मीनारायण देवड़ा के सानिध्य में सम्पन्न हुआ। जिसमें कवियों ने हिन्दी के सम्मान में कविता पाठकर हिन्दी दिवस मनाया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री वर्मा ने कहा कि साहित्य परिषद मंदसौर काव्य गोष्ठी, पुस्तक समीक्षा, लाइब्रेरी संचालन जैसे साहित्यिक सरोकार के कार्य कर नगर में साहित्यिक माहौल बनाए हुए है। इसी का परिणाम आज भारत विकास परिषद ने इन्हें सम्मानित किया है। परिषद ने साहित्य के प्रति एक सकारात्मक वातावरण नगर में बना दिया है। मैं आज यहां उपस्थित होकर गौरव का अनुभव कर रहा हूॅ । इस अवसर पर आपने अपनी कविता ‘‘तम को मिटाने रवि बने हम, काव्य को सजाने कवि बने हम’’ भी सुनाई।
इस अवसर पर परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष त्रिपुरारीलाल शर्मा ने भी वीडियो कॉल से संबोधित किया। आपने उपस्थित कवियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि हिन्दी दिवस पर आयोजित इस काव्य गोष्ठी में हिन्दी के हस्ताक्षर एवं लिखने बोलने पर प्रयास करने रहने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर हरेन्दसिंह भदौरिया की पुस्तक ‘‘जिंदगी नामा’’ की समीक्षा पर बोलते हुए डॉ. बटवाल ने कहा कि कानपुर निवासी श्री भदौरिया की पुस्तक आपके जीवन का सचित्र आलेख हैं 90 पेज व 2500 रू. की कीमत वाली इस पुस्तक में श्री भदौरिया जी ने एयरफोर्स के कार्य से सेवानिवृत्त होने के पश्चात सामाजिक एवं पत्रकारिता के जीवन की झलकियां है। एअर मार्सल अर्जुनसिह एवं पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद के साथ की चित्रमय उपलब्धियां आपके व्यवहार कुशल होने का प्रमाण देती है।
श्री ब्रजेश जोशी ने कहा कि श्री भदौरिया जी का जिंदगीनामा उनके बहुआयामी व्यक्तित्व का परिचय देता है। जो साहित्य एवं सक्रियता से पत्रकारिता करने का प्रमाण है।
श्रीमती तोमर ने कहा कि भदोरियाजी का जिंदगी नाम पठनीय कम चित्र एवं पेपर करतन समाचार के कारण यह पुस्तक कम एलबम ज्यादा प्रतीत होता है।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में आज के साहित्य परिषद के आयोजन को सफलतम बताया जिसमें उपस्थिति, पुस्तक समीक्षा, संस्था सम्मान, लाइब्रेरी का शुभारंभ एवं नवकवियों की कविताओं ने काव्य गोष्ठी को भव्य स्वरूप प्रदान कर दिया। यह अखिल भारतीय साहित्य परिषद के सभी कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है।
इस अवसर पर भारत विकास परिषद मध्यभारत पश्चिम प्रांत शाखा मंदसौर ने अ.भा. साहित्य परिषद, जन परिषद मंदसौर चैप्टर, हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सम्पर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा एवं समर्पण के क्षेत्र में साहित्य के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करने के लिये संस्थाओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में जन परिषद मंदसौर चैप्टर के जिला संयोजक घनश्याम बटवाल ने संस्था में एक साहित्य पुस्तकालय का शुभारंभ कई लेखकों की पुस्तकें प्रदान करने के साथ किया।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। संचालन नरेन्द्र भावसार ने किया। आभार नन्दकिशोर राठौर ने माना। अंत में अनंतनाग में शहीद हुए सेना में मेजर कर्नल एवं डीएसपी को दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।