मंदसौरमंदसौर जिला
अवर्षा से सूख चुकी फसलों से किसानों की टूटी कमर
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त्वरित सर्वे व मुआवजे की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने दिया ज्ञापन
मन्दसौर। संयुक्त किसान मोर्चा के एक प्रतिनिधि मण्डल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, कृषि मंत्रालय के मुख्य सचिव एवं जिला कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन ए.डी.एम. विशाल चौहान को दिया इस दौरान किसानों ने अवर्षा से सुख चुकी सोयाबीन भी एडीएम को दिखाई तथा त्वरित मुआवजे की मांग की। प्रतिनिधि मण्डल ने कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव से मिलकर किसानों की समस्या को लेकर चर्चा करना चाही लेकिन कलेक्टर से चर्चा नहीं होने पर ज्ञापन के माध्यम से किसानों की समस्या को उन तक पहुंचाकर उसके त्वरित निराकरण की मांग की।
ज्ञापन का उल्लेख करते हुए महेश व्यास लदूसा ने बताया कि वर्तमान खरीफ सीजन में अवर्षा के कारण सोयाबीन, मक्का आदि फसलें सुख चुकी है। अतः राजस्व विभाग द्वारा नजरावलोकन कर किसानों को कृषि संहिता की कंडीका 6/4 के अंतर्गत शीघ्र राहत राशि का लाभ दिया जाए एवं उचित समय पर अनावरी निकाल कर बीमा राशि का लाभ प्रदान किया जाए। सैटेलाइट सर्वे से किसान संतुष्ट नहीं है मौका पांचनामा जरूरी है। क्योकी फसल सुख जाने के कारण आर्थिक रूप से किसान् की कमर टूट चुकी है अतः कृषि लोन, जिला सहकारी बैंक, सेवा सहकारी संस्थाओं के कर्ज पर किसान् को ब्याज मुक्त कर शेष राशि तीन किस्तों में विभाजित कर आगे 3 वर्षों में प्रतिवर्ष एक किस्त के रूप में जमा की जाए। तथा किसान् को डीऊ खातेदार मान कर संस्था से उसे खाद बीज उपलब्ध कराया जाए एवं बैंक से नगद राशी का चेक उपलब्ध कराया जाए। विगत कई वर्षों से किसान सिंचाई हेतु 12 घंटे दिन में लगातार बिजली मांग रहा है। और शासन द्वारा उल्टा कृषि विद्युत 10 घंटे से घटकर 7 घंटे कर दिया गया,यह कदम घोर किसान विरोधी है। इसे तत्काल निरस्त करते हुए किस को दिन के समय में 12 घंटे लगातार बिजली उपलब्ध कराई जाए। किसानों का आने वाले रबी सीजन का विद्युत बिल शिथिल करते हुए आगामी दो छः माही बिलों के साथ आधा-आधा जमा करवाया जाए। 2022 की खरीब, सोयाबीन की बीमा राशि तुरंत किसानों के खाते में जमा की जावे। तालाब नदिया सब सूखी पड़ी है। मवेशियों को पालने और पानी पिलाने तक का भारी संकट पैदा होने वाला है। शासन एक तरफ किसानो की पूर्व की बकाया राहत राशि की तीसरी किस्त, गेहूं का 160 रू. प्रति क्विंटल का बोनस, सोयाबीन, मक्का व प्याज की भावांतर की राशि आदि जो भी राशियां बकाया है शिघ्र भुगतान किया जाए।
ज्ञापन में कहा कि सभी बिंदुओं पर विचार करते हुए अपने उचित निर्णय से एक सप्ताह में किसानों को अवगत कराएं अन्यथा जिले का अन्नदाता अनिश्चितकाल के लिये धरना प्रदर्शन कर रोड़ पर उतरने को विवश होगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
प्रतिनिधि मण्डल में महेश व्यास लदूसा, दिलीप पाटीदार बुढ़ा, भगतसिंह बोराना, कुंजीलाल पाटीदार, रामचन्द्र पाटीदार, परमानंद पाटीदार, गणेश, किशोर पाटीदार, दिलीप पाटीदार मुदेड़ी, कारूलाल मुकाती, रामेश्वर वेदावत, दयाराम, गिरीश धाकड़, बगदीराम नंदावता, गणेशराम नंदावता, रामचन्द्र बरूजना, बाबूलाल टकरावद, राजेश, नंदकिशोर, उदयराम चिल्लोद पिपलिया आदि कृषकगण उपस्थित थे।
ज्ञापन का उल्लेख करते हुए महेश व्यास लदूसा ने बताया कि वर्तमान खरीफ सीजन में अवर्षा के कारण सोयाबीन, मक्का आदि फसलें सुख चुकी है। अतः राजस्व विभाग द्वारा नजरावलोकन कर किसानों को कृषि संहिता की कंडीका 6/4 के अंतर्गत शीघ्र राहत राशि का लाभ दिया जाए एवं उचित समय पर अनावरी निकाल कर बीमा राशि का लाभ प्रदान किया जाए। सैटेलाइट सर्वे से किसान संतुष्ट नहीं है मौका पांचनामा जरूरी है। क्योकी फसल सुख जाने के कारण आर्थिक रूप से किसान् की कमर टूट चुकी है अतः कृषि लोन, जिला सहकारी बैंक, सेवा सहकारी संस्थाओं के कर्ज पर किसान् को ब्याज मुक्त कर शेष राशि तीन किस्तों में विभाजित कर आगे 3 वर्षों में प्रतिवर्ष एक किस्त के रूप में जमा की जाए। तथा किसान् को डीऊ खातेदार मान कर संस्था से उसे खाद बीज उपलब्ध कराया जाए एवं बैंक से नगद राशी का चेक उपलब्ध कराया जाए। विगत कई वर्षों से किसान सिंचाई हेतु 12 घंटे दिन में लगातार बिजली मांग रहा है। और शासन द्वारा उल्टा कृषि विद्युत 10 घंटे से घटकर 7 घंटे कर दिया गया,यह कदम घोर किसान विरोधी है। इसे तत्काल निरस्त करते हुए किस को दिन के समय में 12 घंटे लगातार बिजली उपलब्ध कराई जाए। किसानों का आने वाले रबी सीजन का विद्युत बिल शिथिल करते हुए आगामी दो छः माही बिलों के साथ आधा-आधा जमा करवाया जाए। 2022 की खरीब, सोयाबीन की बीमा राशि तुरंत किसानों के खाते में जमा की जावे। तालाब नदिया सब सूखी पड़ी है। मवेशियों को पालने और पानी पिलाने तक का भारी संकट पैदा होने वाला है। शासन एक तरफ किसानो की पूर्व की बकाया राहत राशि की तीसरी किस्त, गेहूं का 160 रू. प्रति क्विंटल का बोनस, सोयाबीन, मक्का व प्याज की भावांतर की राशि आदि जो भी राशियां बकाया है शिघ्र भुगतान किया जाए।
ज्ञापन में कहा कि सभी बिंदुओं पर विचार करते हुए अपने उचित निर्णय से एक सप्ताह में किसानों को अवगत कराएं अन्यथा जिले का अन्नदाता अनिश्चितकाल के लिये धरना प्रदर्शन कर रोड़ पर उतरने को विवश होगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
प्रतिनिधि मण्डल में महेश व्यास लदूसा, दिलीप पाटीदार बुढ़ा, भगतसिंह बोराना, कुंजीलाल पाटीदार, रामचन्द्र पाटीदार, परमानंद पाटीदार, गणेश, किशोर पाटीदार, दिलीप पाटीदार मुदेड़ी, कारूलाल मुकाती, रामेश्वर वेदावत, दयाराम, गिरीश धाकड़, बगदीराम नंदावता, गणेशराम नंदावता, रामचन्द्र बरूजना, बाबूलाल टकरावद, राजेश, नंदकिशोर, उदयराम चिल्लोद पिपलिया आदि कृषकगण उपस्थित थे।