आध्यात्मनीमचमध्यप्रदेश

हेलो हाय दुख का प्रतीक इसे त्याग देना चाहिए और राम-राम बोलना चाहिए- -भीमाशंकर शास्त्री

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नीमच 6 मई 2023 (केबीसी न्यूज़) श्रीमद् भागवत ज्ञान संसार का मोह काम करने साधन है। संसार के कर्म को भक्ति बना ले।जो कर्म करे भक्ति बनाकर करे तो आत्मा का कल्याण हो सकता है। माता शबरी ने श्री राम की प्रतीक्षा में सैकड़ों वर्ष झाड़ू लगाया था और एक दिन आखिर श्रीराम के चरण के दर्शन कर लिया थे। और अपने जीवन का कल्याण कर लिया था।माता शबरी ने गुरु आज्ञा को मानने के लिए पूरा जीवन लगा दिया था।यह बात भागवत आचार्य पंडित भीमाशंकर शास्त्री ने कही । वे श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव आयोजन समिति के तत्वावधान दिवंगत पूर्व जनपद उपाध्यक्ष राजाराम पाटीदार की चतुर्थ पुण्य स्मृति में गामी परिवार भेरु बावजी देवरा परिसर रामनगर में श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मूर्ति में भगवान नहीं होता तो सांवरिया सेठ के यहां लाइने नहीं लगती ।करोड़ों रुपए दान पेटी में नहीं निकलते। बुराई हमें हमारे अंदर देखनी चाहिए। लेकिन हम दूसरों में बुराई देखते हैं। तपस्या करने से मन शांत होता है तनाव दूर होता है।आत्मा का कल्याण करना है तो जीवन में परमात्मा भक्ति के लिए समय निकालना चाहिए। जब हम मटका खरीदते हैं तो बजाकर खरीदते हैं। मीराबाई ने भक्ति कर अपने जीवन का कल्याण कर लिया था।छोटे बच्चों को टीवी सीरियल देखने से बचाना चाहिए धार्मिक शिक्षा और संस्कार सिखाना चाहिए। नहीं तो विद्यार्थी परीक्षा में प्रश्न का उत्तर याद होने के बाद ही सही ढंग से नहीं लिख पाएंगे।सूर्यास्त से 24 मिनट पहले और सूर्यास्त के 48 मिनट बाद घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए इससे घर में दरिद्रता हो जाती है इसका ध्यान रखना चाहिए।झाड़ू को सदैव आड़ा रखना चाहिए कभी खड़ा नहीं रखना चाहिए। झाड़ू निकालते समय किसी का पांव नहीं लगना चाहिए। यदि लग जाए तो प्रणाम कर क्षमा मांगना चाहिए। संपत्ति सुख का कारण नहीं है। सुख का कारण परमात्मा की शरण है। संत डोंगरे बाबा के अनुसारश्रीमद् भागवत ज्ञान कथा नाचने का नहीं आत्म कल्याण का साधन है। श्रीमद् भागवत कथा लोकरंजन के लिए नहीं आत्म रंजन के लिए होती है।राम नाम सुमिरन करने वाले कभी कष्ट नहीं होते हैं।
हेलो हाय दुख का प्रतीक होता है इसे त्याग देना चाहिए और राम-राम बोलना चाहिए।श्मशान वैराग्य भुमि है वहां राम नाम का स्मरण करेंगे तो शंकर प्रसन्न होंगे। जहां सब की शान एक जैसी सम होती है उसे श्मशान कहते हैं। हम सभी आलसी नहीं परिश्रमी पुरुषार्थी बने। तभी जीवन का कल्याण हो सकता है । संस्कारों के अभाव में युवतियों लव जिहाद का शिकार हो रही है ।युवा वर्ग बींद चेहरे पर दाढ़ी बढ़ाकर विवाह कर रहे हैं चिंतन का विषय है।विवाह और मृत्यु के समय दाढ़ी कटवाना जरूरी।शिखा और चोटी की रक्षा के लिए सिख धर्म का उदय हुआ। सिख धर्म सनातन धर्म है।द्रोपदी ने बाल खुले रखे कितनी अक्षुणी सेना मारी गई थी खुल्ले बाल नहीं रखना चाहिए।युवा वर्ग भारतीय संस्कृति के संस्कारों को जीवन में आत्मसात करें तो कथाएं सुधार का माध्यम बन सकती है। वाणी में मिठास हो ,प्रेम से बोलना चाहिए। प्रतिदिन सुबह उठकर मातृशक्ति द्वारा पति को परमेश्वर मान कर चरण स्पर्श करना चाहिए।पति की थाली में ही पत्नी को भोजन करना चाहिए।पत्नी की मांग में सिंदूर पति की सुरक्षा का प्रतीक होता है। सती सावित्री अपने पति को यमराज से वापस मांग कर ला सकती है।पत्नी के लिए पति से बढ़कर कोई सौभाग्य नहीं होता है। सती नारी गंगा से भी पवित्र होती है। भागवत कथा के मध्य 8 महिलाओं ने अपने अपने पतिदेव को चरण स्पर्श कर आशीर्वाद ग्रहण किया और संस्कृति के संस्कारों को जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लिया।जहां नारी का सम्मान होता है देवताओं का निवास होता है। सदैव नारी का सम्मान करना चाहिए। शिव मंदिर में चावल का आसन लगाकर दीपक प्रज्वलित करना चाहिए। माता पार्वती से पति का प्रेम प्राप्त होने की प्रार्थना करना चाहिए। पत्नीम मनोरमाम देही मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। तो पति पत्नी का विवाद मिट जाता है और प्रेम बढ़ जाता है।बेटी बेटी का विवाह समय पर होना चाहिए। मांगलिक होने से विवाह में देरी हो रही है। चिंतन का विषय है।

श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव में साध्वी सत्य सिद्धा दीदी मां ने श्रीमद्भागवत पौथी पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर साध्वी सत्य सिद्धा का आयोजन समिति पदाधिकारियों द्वारा शाल श्रीफल माल्यार्पण से सम्मान कर आशीर्वाद ग्रहण किया ।

इस अवसर पर रामनगर में हनुमान मंदिर जीर्णोद्धार के लिए ओम प्रकाश सोडाणी द्वारा 11हजार, बाबूलाल एवं जोगेश पाटीदार द्वारा 21 हजार रुपए का दान करने की घोषणा की।
कार्यक्रम शुभारंभ पर आना हो गणराज हरि भागवत सत्संग में आना… गोविंद हरे गोपाल हरे जय जय दीनदयाल हरे है गोविंद…. भजन संकीर्तन से हुआ।कथा भक्ति पांडाल में ठण्डी हवा के 108 फव्वारे तथा ठण्डी हवा के कुलर भी लगाए ।महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ 6मई शनिवार भेरुजी के देवरे पर पूजा अर्चना आरती के साथ हुआ। श्रीमती निर्मला देवी धर्मपत्नी स्वर्गीय राजाराम पाटीदार, जोगेश पाटीदार ने बताया कि 6 मई को रात्रि 8 बजे सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया, 10 मई को श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा का विश्राम हवन यज्ञ में पूर्णाहुति के साथ किया जाएगा। आरती के बाद महाप्रसाद वितरण किया । इस अवसर पर कृष्णाष्टकम स्तुति का सामुहिक वाचन किया गया। विद्वान पंडितों द्वारा मंत्रों का उच्चारण किया। आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।

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