आवरी माता मेले में उमड़ा जनसैलाब… हजारों श्रद्धालु पहुंचे माता के दर पर
महाअष्टमी।
*हजारों श्रद्धालु पहुंचे माता के दर पर, पद यात्रियों के लिए जगह-जगह लगे रसना एवं ठंडा पेय पदार्थ लस्सी तो किसी ने अल्पाहार की लगाई स्टाल*
*आवरी माता मेले में उमड़ा आस्था का सैलाब*–
समरथ सेन
जीरन-29मार्च। चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी बुधवार को आवरी माता सहित अंचल के सभी माता मंदिरों में आस्था और श्रद्धा के साथ मनाई गई। हाथों में ध्वजा लेकर दूरदराज से पैदल यात्री के जत्थे मां के दरबार में पहुंचे,अल सुबह से देर रात तक भक्तों की भीड़ लगी रही। श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन कर मन्नत मांगी, आसमान से बरसती तेज तपन भी माता के भक्तों के बढ़ते कदम को नहीं रोक सके,तेज धूप और तपन की परवाह किए बगैर मां जगदंबा की चौखट तक पहुंच कर दर्शन लाभ लिया। मां जगदंबा के मंदिर को आकर्षक विद्युत सज्जा से जगमगाया गया।
मंदिर परिसर स्थित आवरी माता जी गर्भ ग्रह में फूलों से विशेष श्रंगार किया गया। मंदसौर ,प्रतापगढ़ ,धमोतर, छोटी सादड़ी, भीलवाड़ा, ,मल्हारगढ़ , नीमच,जीरन,जावद ,नयागांव, निंबाहेड़ा , सहित दूरदराज से भक्तों मां के दिव्य दर्शन के लिए पहुंचे। श्रद्धालुओं की सेवा के लिए समाजसेवियों, धार्मिक संगठनों सहित अन्य लोगों ने ठंडा पेय पदार्थ, फलिहारी की स्टॉल लगाई गई। आवरी माता के दर्शन के लिए महाअष्टमी पर चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है…., जोर से बोलो जय माता दी……., प्रेम से बोलो जय माता दी….. जैसे जयकारों के साथ अल सुबह होते ही श्रद्धालु उमड़ने लगे थे। वाहनों के अलावा हजारों श्रद्धालु पैदल यात्रा कर माता के अलौकिक दरबार में मां के देवी दर्शन करने के लिए पहुंचे।यही नहीं मंदिर परिसर में सैकड़ों की तादाद में अनेक बीमारियों से ग्रस्त मरीज भी माता के दरबार में रहकर रोग मुक्त होकर लौटते हैं। श्रद्धालुओं की यह मान्यता है कि यहां लकवा, गोद भराई सहित कई असाध्य रोगों से मुक्ति संभव है।खासकर यहां पर नवरात्रि के दिनों में ऐसे मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती हैं,करीब 25 से 30 हजार की संख्या में लोग माता के दरबार में मत्था टेकने नवरात्रि के पावन पर्व के अवसर पर प्रतिदिन आते हैं।
**कहीं लस्सी तो कहीं फलहार तो कहीं रसना-**
महा अष्टमी पर जिले सहित आसपास के जिलो और राजस्थान सहित अन्य शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचे। माता के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए समाजसेवी, धार्मिक संगठनों और युवाओं ने अल्पाहार वह खाने-पीने के स्टाल लगाए गए, लगी स्टालों पर कुछ तो लेना ही पड़ेगा चाहे भले ही आप कुछ खाएं या ना खाएं हाथ में शल्पा हार ,लस्सी तो लेना ही पड़ेगा यह किसी स्टॉल वाले की दादागिरी नहीं है बल्कि ग्रामीण बड़े ही आत्मीय मनुहार से यह सब कर रहे थे उनकी मनुहार ही कुछ ऐसी थी कि श्रद्धालु यहां रुकने को विवश हो गए जी हां यह नजारा आवरी माता जी मार्ग पर दिखाई दिया। कराडिया महाराज गांव के समाजसेवी पाटीदार समाज के युवाओं द्वारा लस्सी ,जय माता दी नव युवक मित्र मंडल कास्बी द्वारा लस्सी, राजस्थान बरखेड़ा के पाटीदार समाज द्वारा फलिहारी एवं जगह-जगह समाजसेवियों द्वारा जल सेवा हेतु मिनरल वाटर की स्टाइल लगाई गई।तथा अजीत चौरड़िया, यतिंद्र -प्रभु लाल बसेर, अमित साल्वी, दीपेश शर्मा , पप्पू लाल जाखमिया द्वारा श्रद्धालुओं के लिए पूरी नवरात्रि में नौ दिन तक मिनरल वॉटर ( पानी )की स्टाल लगाकर श्रद्धालुओं की निःशुल्क जल सेवा सराहनीय रुप से की गई। वहीं डॉ.बबलू वैष्णव द्वारा मेले में नौ दिनों तक बिमार बुखार जैसे जनरल रोगीयों का निःशुल्क उपचार किया गया।
**मेले में विद्युत डेकोरेशन रहा आकर्षण का केंद्र-**
आवरी माता जी का दरबार और पूरा परिसर तथा आयोजित मेले के चप्पे-चप्पे पर पप्पू माली ,भरत माली, राहुल माली ,रजत माली,अंतिम माली ,सोमेश माली द्वारा कमरतोड़ मेहनत कर मां जगदंबा के अलौकिक दरबार में आकर्षक ढंग से विद्युत सज्जा की गई जो मैलार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र रही, मेले में मां के दर्शन हेतु आने वाले श्रद्धालुओं के मन को खूब भा रहा था। शाम ढलते ही मां जगदम्बा का दरबार और मैला परिसर रंग-बिरंगे बल्बों से जगमगा उठता है।मेला रहता है आकर्षण का केन्द्र
नवरात्रि के चलते 9 दिनों तक यहां मेला भी विशाल लगता है जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है, मेले में मनिहारी ,गुब्बारे, खेल खिलौने श्रंगार तथा मैलार्थियों के मनोरंजन के लिए मनोरंजन यंत्र झुले ,चकरी में बैठकर आनंद उठाएं सहित खाने पीने की अनेक प्रकार की दुकानें सजाई जाती है जिसे देख कर लोगों का मन मोह जाता है।
**हवन पूजन का चला दोर-**
नवरात्रि पावन पर्व पर महा अष्टमी के दिन होने वाले हवन पूजन का विशेष महत्व रहता है इसके लिए भक्तों कोसो दूरी से आते हैं। नीमच के गोपाल सिंहल द्वारा विगत 16 वर्षों से महा अष्टमी को यज्ञ हवन करवाते आ रहे हैं इसी दरमियान में इस बार महा अष्टमी पर 17 वें वर्ष में बुधवार को महाष्टमी को दोपहर 11:45से हवन का आयोजन प्रारंभ किया गया जिसकी दोपहर 3:30 बजे पूर्णाहुति हुईं। इस दौरान कई भक्तों ने जोड़े सहित हवन में बैठकर आहूतियां देकर धर्म लाभ लिया।
9 दिनों तक चलने वाली नवरात्रि के पावन पर्व पर मां जगदंबा के अलौकिक दरबार में रंगारंग मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम ,भजन संध्या ,कवि सम्मेलन कार्यक्रमों की धूम मची रही ।और लोग मंत्रमुग्ध होकर इन्हें देखने हजारों की संख्या में आए।
**विशाल भंडारे में उमडा सैलाब-**
हीरा लाल, लालचंद(सिंहल) अग्रवाल की स्मृति में चीता खेड़ा वाले अग्रवाल सिंहल परिवार एवं मेला समिति द्वारा विगत 16 वर्षों से आवरी माता मेले में भंडारे का आयोजन करवाते आ रहे हैं इसी कड़ी में 17वां भंडारा बुधवार को महाष्टमी को मां के दरबार में आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए रखा गया है18 हजार से भी अधिक मां के भक्तों ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण की।