समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 06 नवंबर 2025 गुरुवार

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मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान योजना बनी जीवार्थ के जीवन की डोर
डायाफ्रामिक हर्निया से जंग जीतकर जीवार्थ की लौटी मुस्कान
मंदसौर 5 नवंबर 25/ जिले के छोटे से ग्राम नगरी में किसान महेश धाकड़ और उनकी पत्नी ज्योति के घर 2 अक्टूबर 2025 को खुशियों का आगमन हुआ, नन्हा जीवार्थ जन्मा। लेकिन जन्म के साथ ही परिवार की खुशियाँ चिंता में बदल गईं। जीवार्थ को सांस लेने में दिक्कत थी, रो नहीं पा रहा था, और डॉक्टरों ने बताया कि उसे डायाफ्रामिक हर्निया (Diaphragmatic Hernia) नाम की गंभीर बीमारी है — एक ऐसी स्थिति जिसमें पेट के अंग छाती की गुहा में चले जाते हैं और बच्चे को सांस लेने में परेशानी होती है।
महेश, जो स्वयं एक छोटे किसान हैं, के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी — अपने बेटे को बचाना। आर्थिक स्थिति कमजोर थी, पर बेटे की जिंदगी से बड़ा कुछ नहीं था। उन्होंने बेटे को तुरंत इंदौर के एक निजी अस्पताल वी-वन हॉस्पिटल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने बताया कि इलाज संभव है, लेकिन खर्च काफी अधिक आएगा।
उधर पिता महेश के दिल में एक ही बात थी — “किसी भी हाल में मेरे बेटे को ठीक करना है।” उन्होंने हर दरवाज़े पर दस्तक दी। इसी बीच उन्हें पता चला कि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान योजना के तहत गंभीर बीमार बच्चों के इलाज के लिए आर्थिक सहायता मिलती है।
महेश ने आवेदन किया — और जैसे ईश्वर ने सुन लिया हो, सरकार की ओर से उन्हें 1,50,000 की सहायता राशि स्वीकृत हुई। यही राशि उनके बेटे के उपचार के लिए जीवनरेखा बन गई। इलाज शुरू हुआ, ऑपरेशन सफल रहा, और कुछ ही दिनों में नन्हा जीवार्थ मुस्कुराने लगा।
आज जीवार्थ स्वस्थ है, उसकी किलकारियाँ पूरे घर में गूंजती हैं। पिता महेश की आँखों में अब राहत और कृतज्ञता है। वे कहते हैं — मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव जी का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। सरकार की सहायता से ही मेरा बेटा आज हमारे साथ है।
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जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के अंतर्गत घर-घर मतदाता सत्यापन अभियान प्रारंभ
मंदसौर 5 नवम्बर 2025/ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के अंतर्गत मतदाता सूची का घर-घर सत्यापन अभियान प्रारंभ किया गया है। यह अभियान आगामी 4 दिसम्बर 2025 तक जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में संचालित होगा।
इस अवधि में प्रत्येक बूथ लेवल अधिकारी (BLO) अपने-अपने क्षेत्र में मतदाताओं के घर जाकर उनके नाम, पता, आयु एवं अन्य विवरणों का भौतिक सत्यापन करेंगे। बीएलओ के पास मतदाता सूची 2025 के अनुसार नाम, पता और ईपीआईसी नंबर सहित प्री-प्रिंटेड एन्यूमरेशन फॉर्म होगा। नागरिकों से अपेक्षा की गई है कि वे इस फॉर्म में दर्ज जानकारी को ध्यानपूर्वक जांचें और आवश्यक संशोधन हेतु जानकारी प्रदान करें।
जिन परिवारों में कोई नया सदस्य 1 जनवरी 2026 तक 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका है, उसका नाम जोड़ने हेतु बीएलओ द्वारा फॉर्म-6 भरवाया जाएगा। वहीं, जिन व्यक्तियों का निधन हो गया हो या जो अन्य स्थान पर स्थानांतरित हो गए हों, उनकी जानकारी भी बीएलओ को देकर मतदाता सूची से नाम विलोपित कराया जा सकेगा।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि घर-घर सर्वेक्षण के दौरान बीएलओ कोई भी दस्तावेज़ एकत्र नहीं करेंगे। यदि किसी प्रविष्टि का सत्यापन पूर्ववर्ती रिकॉर्ड से मेल नहीं खाता, तो निर्वाचन रजिस्ट्री अधिकारी (ERO) द्वारा अलग से दस्तावेज़ मांगे जाएंगे। बीएलओ अपने अधिकृत पहचान-पत्र के साथ घर-घर पहुंचेंगे, अतः नागरिक उनसे पहचान-पत्र देखकर ही जानकारी साझा करें।
घर-घर सत्यापन पूर्ण होने के बाद 9 दिसम्बर 2025 को प्रारूप मतदाता सूची (Draft Roll) प्रकाशित की जाएगी। नागरिक 9 दिसम्बर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक अपने नाम संबंधी दावा या आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
जिले के सभी नागरिकों से अपील की है कि जब बीएलओ आपके घर पहुंचे, तो उन्हें पूरा सहयोग प्रदान करें एवं सटीक जानकारी दें। यह अभियान मतदाता सूची की शुद्धता, पारदर्शिता एवं समावेशिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे प्रत्येक पात्र नागरिक का नाम सूची में शामिल हो सके।
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पुलिस मुख्यालय करेगा सूबेदार/उप निरीक्षक भरती परीक्षा-2025 के लिए विज्ञापन जारी
मंदसौर 5 नवम्बर 25 / पुलिस मुख्यालय के अंतर्गत सूबेदार/उप निरीक्षक संवर्ग के 500 पदो की सीधी भरती के लिये चयन परीक्षा-2025 का विज्ञापन मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा 7 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित किया जायेगा। परीक्षा के ऑनलाईन आवेदन-पत्र भरने की तिथि 27 अक्टूबर से 10 नवंबर 2025 तक निर्धारित है। परीक्षा का आयोजन 9 जनवरी 2026 को होगा। परीक्षा केन्द्र प्रदेश के 12 शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, खंडवा, नीमच, रीवा, रतलाम, सागर, सतना, सीधी, उज्जैन एवं अनूपपुर में होंगे। परीक्षा की नियम पुस्तिका मंडल की वेबसाइट www.esb.mp.gov.in पर प्रदर्शित की गई है, जिसे डाउनलोड कर आवेदक नियम पुस्तिका में उल्लेखित प्रावधान अनुसार अपना आवेदन-पत्र कर सकते हैं।
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लम्पी वायरस से बचाव के लिए पशुओं का कराएं टीकाकरण
बीमार पशुओं को अलग रखें, कराएं उपचार
लम्पी स्किन डिसीज़ से बचाव एवं रोकथाम के लिए पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी
मंदसौर 5 नवम्बर 25 / प्रदेश के झाबुआ, रतलाम, बैतूल, बड़वानी, सिवनी, सागर एवं भोपाल जिलों से पशुओं में लम्पी स्किन डिसीज़ की जानकारी मिली है। इस संबंध में पशुपालन विभाग द्वारा लम्पी वायरस से बचाव एवं रोगग्रस्त पशुओं के उपचार के संबंध में एडवाइजरी जारी की है। संचालक पशुपालन एवं डेयरी डॉ. पी. एस. पटेल ने बताया कि इस रोग से बचाव के लिए पशुओं को प्रतिबंधात्मक टीका अवश्य लगवाएं। पशुपालक अपने पशुओं में लम्पी स्किन डिसीज के लक्षण दिखाई देने पर निकटतम पशु औषधालय/पशु चिकित्सालय से तत्काल संपर्क कर बीमार पशुओं का उपचार कराएं। स्वस्थ पशुओं को बीमार पशुओं से अलग रखें। स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण कराएं। पशु रखने के स्थान की सफाई रखें एवं पशुओं के शरीर पर परजीवी जैसे किल्ली, मक्खी, मच्छर आदि को नियंत्रित करने के उपाय करें।
डॉ. पटेल ने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा लम्पी वायरस की चुनौती से निपटने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। संक्रमण से बचाव के लिए टीकों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है, मुफ्त टीकाकरण किया जा रहा है एवं पशु पालकों को रोग से बचाव के संबंध में आवश्यक परामर्श दिया जा रहा है। प्रदेश में पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा माह अप्रेल 2025 से कुल 41.5 लाख पशुओं को एल.एस.डी. रोग प्रतिबंधात्मक टीका लगवाया जा चुका है। मुफ्त टीकाकरण कार्य निरंतर जारी है।
लम्पी स्किन डिसीज़
लम्पी पशुओं में होने वाली एक वायरस जनित बीमारी है, जो कि संक्रामक होती है। यह बीमारी मुख्यतः गो-वंशीय पशुओं में वर्षा के दिनों में फैलती है। इस रोग की शुरूआत में हल्का बुखार दो से तीन दिन के लिये रहता है, उसके बाद पूरे शरीर की चमड़ी में गठानें निकल आती हैं। ये गठानें गोल उभरी हुई आकृति की होती हैं। इस बीमारी के लक्षण मुंह, गले, श्वास नली तक फैल जाते हैं, साथ ही पैरो में सूजन, दुग्ध उत्पादकता में कमी, गर्भपात, बांझपन और कभी -कभी मृत्यु भी हो जाती है। यह रोग मच्छर, काटने वाली मक्खी एवं किल्ली आदि से एक पशु से दूसरे पशुओं में फैलती है। अधिकतर संक्रमित पशु 2-3 सप्ताह में ठीक हो जाते है, किन्तु दूध की उत्पादकता में कमी कुछ समय बनी रह सकती है।
राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम
पशुपालन विभाग द्वारा लम्पी स्किन बीमारी की रोकथाम एवं निगरानी हेतु भोपाल में राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जिसका दूरभाष नंबर – 0755-2767583 है। कोई भी पशुपालक इस पर संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकता है। संचालनालय स्तर से जिलों के समस्त अधिकारियों को रोग के प्रति सजग रहने एवं केन्द्र सरकार की गाइड लाइन का पालन करने के लिए निर्देशित किया गया है।
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