समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 27 अक्टूबर 2025 सोमवार

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मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का सहारा लेकर युवा केशव ने कार्बन-न्यूट्रल कुकिंग अभियान की शुरुआत की
वैष्णव ग्रीन फ्लेम रिवॉल्यूशन – भारत की रसोई से, दुनिया की जलवायु तक बदलाव
मंदसौर 26 अक्टूबर 25/ भारत की धरती पर कई क्रांतियाँ हुईं हैं—हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, डिजिटल क्रांति—लेकिन अब मंदसौर से शुरू हो रही है ग्रीन फ्लेम क्रांति, जो सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के ऊर्जा इतिहास को बदलने जा रही है। इस क्रांति की शुरुआत की है मंदसौर जिले के छोटे से गाँव करजू के युवा केशव बैरागी ने।
केशव बैरागी की यात्रा
केशव बताते हैं—“मेरी प्रारंभिक शिक्षा गाँव करजू के शासकीय विद्यालय से हुई। एरोनॉटिक्स में रुचि के कारण मैंने विज्ञान (गणित) विषय चुना, लेकिन परिस्थितियों के कारण इसे आगे जारी नहीं रख सका। इसके बाद मैंने मंदसौर शासकीय कॉलेज से बी.एससी. बायोटेक्नोलॉजी में स्नातक किया। पढ़ाई के दौरान ही मैंने ‘सेव एनर्जी – ग्रो नेशन’ मिशन की शुरुआत की और 140 वॉट पर चलने वाली कपड़ा प्रेस का आविष्कार किया, जो ऊर्जा बचत की दिशा में मेरी पहली पहल थी।”
साल 2022 में केशव ने इसी मिशन को मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के सहयोग से आगे बढ़ाया। उन्हें 9 लाख 50 हजार रुपये का लोन मिला और इसके जरिए उन्होंने घरेलू एवं व्यावसायिक रसोईघरों को विद्युत-आधारित ऊर्जा की ओर ले जाने का काम शुरू किया। आज 1000 से अधिक परिवार और 100 से अधिक व्यावसायिक प्रतिष्ठान लगभग 50% कम खर्च में एलपीजी की जगह इस मॉडल से खाना पका रहे हैं।
ग्रीन फ्लेम रिवॉल्यूशन : नया समाधान
अपने ब्रांड वैष्णव ग्रीन फ्लेम रिवॉल्यूशन के माध्यम से केशव ने एक टिकाऊ विकल्प पेश किया है, कृषि अवशेषों से बने बायो-कोल पैलेट्स पर आधारित चूल्हे। यह सिर्फ तकनीक नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की ओर एक क्रांतिकारी कदम है।
इनका मिशन बेहद स्पष्ट और प्रेरणादायक है
इनका मिशन बिल्कुल साफ और प्रेरणादायक है। ये चाहते हैं कि हर घर को सस्ती, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल रसोई की ऊर्जा मिले। इससे किसानों, महिलाओं और युवाओं को नए रोजगार और कमाई के अवसर मिलेंगे और भारत धीरे-धीरे एलपीजी जैसे बाहरी ईंधनों पर निर्भरता छोड़कर आत्मनिर्भर बन जाएगा।
ग्रीन फ्लेम रिवॉल्यूशन (हरित ऊर्जा क्रांति) सिर्फ एक तकनीकी उपाय नहीं है, बल्कि ऐसा मॉडल है जो जिले से शुरू होकर पूरे देश में फैल सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि एलपीजी जैसी बाहर से आने वाली गैस पर हमारी निर्भरता खत्म हो और उसकी जगह खेतों के बचे अवशेषों से बने खेती के अवशेषों से बने ईंधन के छोटे टुकड़े का इस्तेमाल कर हर घर की रसोई चलाई जाए।
ग्रीन फ्लेम रिवॉल्यूशन (हरित ऊर्जा क्रांति) के तीन मजबूत स्तंभ
1. शून्य शुद्ध कार्बन उत्सर्जन – फार्म वेस्ट से पैलेट बनाना, खाना पकाना और राख को वापस खेत में देना, यानी पूरा कार्बन-न्यूट्रल सायकल।
2. ग्रामीण सशक्तिकरण – फार्म-टू-फ्लेम वैल्यू चेन किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता का रास्ता खोलेगी।
3. आयात पर रोक – भारत हर साल अरबों रुपये LPG आयात पर खर्च करता है, ग्रीन फ्लेम इस खर्च को बचाएगा और आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम होगा।
ग्रीन फ्लेम से हर वर्ग होगा सशक्त
ग्रीन फ्लेम से हर वर्ग को फायदा मिलेगा। किसान अपने खेत के बचे अवशेष बेचकर अतिरिक्त कमाई करेंगे। महिलाएँ पैलेट की सप्लाई और छोटे-छोटे फ्रेंचाइज़ चलाकर आमदनी बढ़ाएँगी। स्थानीय युवाओं को कुकटॉप बेचने, पैलेट बनाने और ढुलाई में रोज़गार मिलेगा। सरकार को एलपीजी पर सब्सिडी का बोझ कम करना आसान होगा और जलवायु बचाव की दिशा में बड़ा कदम उठेगा। आम लोग सस्ती, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल रसोई ऊर्जा पाएँगे। वहीं, जिले की अर्थव्यवस्था पैलेट प्लांट, कार्बन क्रेडिट और फ्रेंचाइज़ नेटवर्क से और मजबूत होगी।
मंदसौर : भारत का ग्रीन फ्लेम मॉडल जिला बनेगा
मंदसौर एक नया इतिहास बनाएगा। अब यहाँ हर घर खाना बनाने के लिए एलपीजी छोड़कर बायोकोल पैलेट्स का इस्तेमाल होगा। इससे हर घर साल में लगभग 1 टन कार्बन डाइऑक्साइड की बचत करेगा। यानी जिले के 1 लाख घर मिलकर हर साल 1 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड कम करेंगे। इसकी कीमत कार्बन क्रेडिट के रूप में 600 से 900 रुपये प्रति टन होगी। इस तरह मंदसौर को हर साल 60 से 90 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी।
नतीजा – मंदसौर की वैश्विक पहचान बनेगी
मंदसौर अब भारत का पहला ऐसा जिला बनने जा रहा है, जो कार्बन क्रेडिट से सबसे ज़्यादा कमाई करेगा। इसका असर सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरी दुनिया पर होगा। यह मॉडल संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स जैसे स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु बचाव, गरीबी कम करने और महिलाओं को सशक्त बनाने में सीधा योगदान देगा। साथ ही, यह अंतरराष्ट्रीय क्लाइमेट फंड्स और कार्बन क्रेडिट साझेदारी के लिए भी एक बेहतरीन उदाहरण बनेगा। यही पहल भारत को दुनिया में कार्बन-न्यूट्रलिटी की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी।
मंदसौर से गूँजती ऊर्जा क्रांति की सफलता
आज जब एलपीजी, डीज़ल और पेट्रोल आम लोगों की जेब पर बोझ डाल रहे हैं, तब मंदसौर का ग्रीन फ्लेम मॉडल पूरी दुनिया के लिए नई राह दिखा रहा है। यह पहल आने वाले वर्षों में केवल एक जिले की सीमा तक नहीं रहेगी, बल्कि हर जिले, हर राज्य और पूरे भारत की रसोई तक पहुँचकर ऊर्जा का नया इतिहास रचेगी। यह सिर्फ एक स्थानीय स्टार्टअप नहीं, बल्कि भारत का पहला वैश्विक स्तर का कार्बन-फ्री कुकिंग रिवॉल्यूशन है। यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत की आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता का घोषणापत्र है। यह सिर्फ मंदसौर की उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे भारत की भविष्य की ऊर्जा क्रांति का आगाज़ है।
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नगरीय निकायों के पेंशनर्स को भी राज्य शासन के पेंशनर्स के समान मंहगाई राहत
मंदसौर 26 अक्टूबर 25/ नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने नगरीय निकायों के पेंशनरों एवं परिवार पेंशनरों को राज्य शासन के पेंशनरों के समान महंगाई राहत का लाभ प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त श्री संकेत भोंडवे ने आदेश जारी किये हैं।
आदेश के अनुसार अब नगरीय निकायों के पेंशनरों और परिवार पेंशनरों को 1 सितम्बर 2025 से देय महंगाई राहत सातवें वेतनमान में 55 प्रतिशत तथा छठवें वेतनमान में 252 प्रतिशत की दर से प्राप्त होगा।
राज्य शासन के इस निर्णय से नगरीय निकायों के पेंशनरों और परिवार पेंशनरों को प्रभावी राहत मिलेगी तथा उन्हें राज्य शासन के पेंशनरों के समान आर्थिक लाभ प्राप्त होंगे। नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त श्री संकेत भोंडवे ने बताया कि इस संबंध में सभी संबंधित को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं ताकि पेंशनरों को समय पर महंगाई राहत का लाभ मिल सके।
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डाक विभाग ने इनलैंड स्पीड पोस्ट (दस्तावेज़) शुल्क में परिवर्तन और नई सुविधाओं की शुरुआत की
मंदसौर 26 अक्टूबर 25/ डाकघर अधीक्षक द्वारा बताया गया कि डाक विभाग ने 1 अगस्त 1986 को स्पीड पोस्ट की शुरुआत की थी ताकि देशभर में पत्रों और पार्सलों के तेज़ और विश्वसनीय वितरण को सुनिश्चित किया जा सके। भारतीय डाक के आधुनिकीकरण प्रयासों के तहत शुरू की गई यह सेवा समयबद्ध, कुशल और सुरक्षित डाक वितरण के उद्देश्य से शुरू की गई थी। वर्षों में स्पीड पोस्ट भारत की सबसे लोकप्रिय और विश्वसनीय मेल सेवाओं में से एक बन चुकी है और निजी कुरियर कंपनियों से बेहतर सुविधा देने के लिए तत्पर है।
आरंभ से ही स्पीड पोस्ट ने ग्राहकों की बदलती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निरंतर विकास किया है। देश में पसंदीदा वितरण सेवा के रूप में अपनी स्थिति और मजबूत करने के लिए इसमें अब, ग्राहकों की सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से नई सुविधाएँ जोड़ी गई हैं!
ओटीपी-आधारित सुरक्षित वितरण, ऑनलाइन भुगतान सुविधा, एसएमएस-आधारित वितरण सूचनाएँ सुविधाजनक, ऑनलाइन बुकिंग सेवाएँ, वास्तविक समय (रीयल-टाइम) वितरण अपडेट, उपयोगकर्ताओं के लिए पंजीकरण सुविधा आदी।
इनलैंड स्पीड पोस्ट का शुल्क अंतिम बार अक्टूबर 2012 में संशोधित किया गया था। निरंतर सुधारों को बनाए रखने, बढ़ती परिचालन लागतों को पूरा करने और नए नवाचारों में निवेश करने के लिए, अब स्पीड पोस्ट (दस्तावेज़) का शुल्क तार्किक रूप से संशोधित किया गया है।
स्पीड पोस्ट के अंतर्गत दस्तावेज़ों और पार्सलों दोनों के लिए पंजीकरण (Registration) को एक मूल्य-वर्धित सेवा के रूप में उपलब्ध कराया गया है। इससे ग्राहक किसी विशेष पते पर सुरक्षित डिलीवरी का लाभ उठा सकते हैं, जिसे विश्वास और गति को साथ लाने के उद्देश्य से विशिष्ट रूप से डिज़ाइन किया गया है। इस मूल्य-वर्धित सेवा ‘पंजीकरण’ के लिए प्रति स्पीड पोस्ट आइटम (दस्तावेज़/पार्सल) ₹5/- तथा लागू जीएसटी का शुल्क लिया जाएगा। इस सुविधा के अंतर्गत डाक सामग्री केवल वास्तविक प्राप्तकर्ता अथवा प्राप्तकर्ता द्वारा विधिवत् अधिकृत व्यक्ति को ही सौंपी जाएगी।
इसी प्रकार, वन-टाइम पासवर्ड (OTP) डिलीवरी की मूल्य-वर्धित सेवा के लिए भी प्रति स्पीड पोस्ट आइटम (दस्तावेज़/पार्सल) ₹5/- तथा लागू जीएसटी का शुल्क लिया जाएगा। इस सुविधा के अंतर्गत डाक सामग्री केवल तभी सौंपी जाएगी जब वितरण कर्मचारी को साझा किया गया ओटीपी सफलतापूर्वक सत्यापित हो जाएगा।
स्पीड पोस्ट सेवाओं की पहुंच छात्रों के लिए और आसान बनाने हेतु स्पीड पोस्ट शुल्क पर 10% की छूट दी गई है। इसके अलावा, नए बल्क ग्राहकों के लिए विशेष रूप से 5% की छूट भी शुरू की गई है।
ये सभी प्रयास भारतीय डाक की उस सतत यात्रा का हिस्सा हैं जिसके अंतर्गत वह अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम सेवा प्रदाता के रूप में विकसित हो रहा है। स्थायी नवाचारों और विश्वास बढ़ाने वाली सुविधाओं को अपनाकर स्पीड पोस्ट ग्राहकों की बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप स्वयं को ढालता रहा है और राष्ट्र के सबसे विश्वसनीय व किफायती वितरण साझेदार के रूप में अपनी स्थिति को लगातार मज़बूत कर रहा है।
अधिक जानकारी के लिए सोशल मीडिया लिंक https://x.com/jm_scindia/status/1971583564711174614?s=46&t=dzUP3Qfr-K9KcXd4a05OpQ या कार्यालय अधीक्षक डाकघर मंदसौर पर संपर्क कर सकते है।
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मंदसौर विकास योजना 2041 के संबंध में आपत्ति या सुझाव 14 नवंबर तक आमंत्रित
मंदसौर 26 अक्टूबर 25/ नगर तथा ग्राम निवेश प्र. उप संचालक श्रीमती विनिता दर्शयामकर द्वारा बताया गया कि मंदसौर विकास योजना 2041 (प्रारूप) अमृत योजना के तहत एन.आर.एस.सी. (National Remote Sensing Centre) हैदराबाद से प्राप्त डाटा GIS आधारीत मानचित्र तैयार किया गया। मंदसौर नगर 2041 (प्रारूप) अनुसार 5 लाख जनसंख्या पर आधारीत विकास योजना तैयार किया गया। मंदसौर नगर में कुल ग्राम 32 अंकित किया गया है। मंदसौर विकास योजना में मुख्य भूमि उपयोग मिश्रित के अंतर्गत आवासीय, वाणिज्यिक, सार्वजनिक-अर्धसार्वजनिक उपयोग का लाभ प्राप्त होगा।
भूमि उपयोग मिश्रित रतलाम-नीमच बायपास के दोनो और दर्शाया गया है एवं प्रस्तावित ट्रांसर्पोट नगर ग्राम गुराडियादेदा में बायपास से लग कर प्रस्तावित किया गया है। प्रस्तावित मंडी ग्राम मुलतानपुरा एवं भूनियाखेड़ी में सम्मिलित है। बस स्टेंड ग्राम नालछा में प्रस्तावित किया गया है। अतः अन्य भूमि उपयोग मंदसौर के विकास को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित किया गया। तेलिया तालाब समिति सदस्य द्वारा सीमांकन मानचित्र के आधार पर दर्शाया गया एवं शिवना नदी के दोनो और 30.00 मीटर का बफर नियमानुसार दर्शाया गया है। कुल 37 मार्ग/मुख्य मार्ग प्रस्तावित किया गया है।
यदि कोई आपत्ति या सुझाव मंदसौर विकास योजना 2041 (प्रारूप) के संबंध में लिखित रूप में कलेक्टर कार्यालय मंदसौर कक्ष क्रमांक 210 में व उप संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश, जिला कार्यालय, नीमच या ई-मेल आईडी Obj-sugg-devplan@mp.gov.in में 14 नवंबर से पूर्व, सम्यक विचार हेतु प्रस्तुत किया जा सकता है।
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मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के नवीन आवेदन लेने की प्रक्रिया पूर्णतः बंद है
लाड़ली बहना योजना के संबंध में अवैध वसूली करने वालों की शिकायत दूरभाष नंबर 07422-235543 पर तत्काल करें
मंदसौर 26 अक्टूबर 25/ जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास बी. एल. विश्नाई द्वारा बताया गया कि मंदसौर जिले मे विगत दिनों से कुछ संगठन, यूनियन एवं अन्य लोगो द्वारा गांव एवं शहरों की माता एवं बहनों से लाड़ली बहना योजना के नवीन आवेदन फार्म भरवाने के नाम पर अवैध वसूली किये जाने की सूचना प्राप्त हुई है। तथा फार्म भरने के आवेदन तैयार कर उनको भ्रमित किया जा रहा है। वर्तमान में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के नवीन पंजीयन आवेदन लेने की प्रक्रिया पूर्णतः बंद है, इस योजना के तहत नवीन पंजीयन नही हो रहे है।
यदि किसी व्यक्ति या बेनाम संगठन या यूनियन द्वारा मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के संबंध में कोई भ्रामक जानकारी दी जाती है या अवैध वसूली किये जाने का प्रयास किया जाता है, तो इसकी सूचना तत्काल जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जिला मंदसौर के दूरभाष नंबर 07422-235543 पर दे सकते हैं।
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बिना एचएसआरपी वाहन मालिक नहीं कर पाएँगे आरसी, फिटनेस और परमिट नवीनीकरण : आरटीओ श्री यादव
वाहन मालिकों से अपील, जल्द लगवाएँ एचएसआरपी
मंदसौर 26 अक्टूबर 25/ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्री वीरेंद्र यादव द्वारा बताया गया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के निर्देशानुसार जिले के सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) अनिवार्य कर दी गई है। जिन वाहनों पर एचएसआरपी नहीं होगी, उन्हें कई प्रकार की परिवहन सेवाओं से वंचित रहना पड़ेगा।
1 अप्रैल 2019 से पहले पंजीकृत सभी वाहनों पर एचएसआरपी लगवाना आवश्यक है। इसके बाद पंजीकृत वाहनों में यह प्लेट पहले से अनिवार्य कर दी गई है। यदि वाहन मालिक निर्धारित समयावधि में अपने वाहनों पर एचएसआरपी नहीं लगवाते हैं तो संबंधित शो-रूम डीलर का ट्रेड लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है।
एचएसआरपी न होने पर वाहन मालिकों को निम्नलिखित सेवाएँ उपलब्ध नहीं होंगी।
डुप्लीकेट पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) के लिए आवेदन, पंजीकरण प्रमाण पत्र में पता परिवर्तन, शुल्क देकर आरसी विवरण देखना, मोटर वाहन के स्वामित्व में परिवर्तन, हाइपोथिकेशन जोड़ना/हटाना, अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करना, परमिट का नवीनीकरण, वाहन का पंजीयन निरस्त करना, वाहन के ऋण/अर्थिक अनुज्ञप्ति जारी करना, फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करना।
परिवहन विभाग की अपील
सभी वाहन मालिक समय रहते अपने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाएँ। यह न केवल कानूनन अनिवार्य है, बल्कि आपकी और आपके वाहन की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।
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