मुआवजे के लिए स्टाम्प की बाध्यता को समाप्त करने की मांग

मुआवजे के लिए स्टाम्प की बाध्यता को समाप्त करने की मांग
सीतामऊ। सोयाबीन की फसल में हुए नुकसान के बाद मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। क्षेत्र में सोयाबीन की फसल में नुकसान के बाद लागत निकाल पाना भी मुश्किल हो रहा है। कई किसानों ने स्वयं सोयाबीन की शेष बची फसल पर रोटावेटर चला दिया तो कई किसानों ने फसल में आग भी लगा दी, बची हुई फसल वर्षा ने पूरी कर दी। ऐसे में किसान बीमा कंपनी एवं शासन से आस लगाए बैठा है।इसी क्रम में किसानों द्वारा संघर्ष के बाद प्रशासनिक स्तर पर दिशा-निर्देश जारी हुए एवं पटवारियों द्वारा किसानों से मुआवजा राशि की प्रक्रिया में दस्तावेज लेना शुरू किए गए हैं। पटवारियों द्वारा एकल खाताधारक किसानों से आधार, बैंक पासबुक, भूमि खसरा मांगा जा रहा है। जबकि संयुक्त भूमि खातेदारों से इन दस्तावेजों के अलावा 200 रुपए के स्टाम्प पर नोटरी किया हुआ सहमति पत्र भी मांगा जा रहा है। जिसके चलते किसान स्टाम्प और नोटरी के लिए भाग दौड़ करने पर मजबूर हैं।
जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष गोविंदसिंह पंवार एवं कांग्रेस महामंत्री पवन शर्मा ने बताया कि सोमवार दोपहर सीतामऊ तहसील परिसर में परेशान हो रहे किसानों की समस्या को लेकर हमने तहसीलदार मोहित सीनम से चर्चा कर मांग रखी कि संयुक्त खातेदारों को 200 रु के स्टाम्प की बाध्यता से मुक्त रखा जाए, सिर्फ नोटरी किया हुआ सहमति पत्र मान्य किया जाए, ताकि पहले ही नुकसान झेल रहा किसान और परेशान न हो। जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष गोविंदसिंह पंवार ने मांग की है कि शासन का दायित्व है कि प्राकृतिक आपदा से पीड़ित किसानों को मुआवजा प्रदान कर राजधर्म का पालन करें, साथ ही बीमा कंपनी से क्लेम का लाभ जल्द मिले इसके लिए भी गंभीर प्रयास किए जाएं।