प्रतिस्पर्धा के दौर में डिग्री के साथ व्यावहारिक अनुभव भी जरूरी – श्री दयालदास माहेश्वरी

मंदसौर विश्वविद्यालय में करियर गाइडेंस पर विशेष सत्र ,इंटर्नशिप के महत्व पर जोर
मंदसौर। विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण और करियर विकास को दिशा देने के उद्देश्य से मंदसौर विश्वविद्यालय में “इंटर्नशिप का महत्व एवं करियर योजना” विषय पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में श्री दयालदास माहेश्वरी, इंडिपेंडेंट कंसल्टेंट एवं पूर्व उपाध्यक्ष, जुबिलेंट लाइफ साइंसेज लिमिटेड, गाज़ियाबाद उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुई। इसके बाद डीन अकादमिक डॉ. अरुणावा दास ने पुष्प गुच्छ भेंट कर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। सत्र का संचालन चांसलर ब्रिगेड की तकनीकी टीम द्वारा किया गया।
अपने संबोधन में श्री माहेश्वरी ने छात्रों को बदलते वैश्विक नौकरी बाजार की चुनौतियों और अवसरों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में केवल डिग्री पर्याप्त नहीं है, बल्कि व्यावहारिक अनुभव और उद्योग की समझ भी आवश्यक है, जो इंटर्नशिप से प्राप्त होती है।
उन्होंने छात्रों को भाषा एवं संचार कौशल, समय प्रबंधन, आत्मविश्वास और टीम वर्क जैसी क्षमताओं को विकसित करने की सलाह दी। साथ ही, प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़ने, ऑनलाइन कोर्सेज़ करने, अच्छी पुस्तकों का अध्ययन करने और विशेषज्ञों से संवाद स्थापित करने पर जोर दिया।
माहेश्वरी ने ऑफलाइन इंटर्नशिप को वास्तविक कार्यस्थल का अनुभव दिलाने वाला बताते हुए कहा कि इससे न केवल तकनीकी दक्षता बढ़ती है बल्कि समस्या समाधान और निर्णय क्षमता भी मजबूत होती है। उन्होंने सरकारी और निजी क्षेत्र की संभावनाओं और चुनौतियों पर भी विस्तार से चर्चा की।
सत्र को छात्रों ने अत्यंत प्रेरणादायी बताया और कहा कि यह कार्यक्रम उनके करियर की योजना बनाने और सही दिशा में आगे बढ़ने में उपयोगी सिद्ध होगा। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने भी माना कि ऐसे आयोजन छात्रों के समग्र विकास और उनके भविष्य को संवारने में अहम भूमिका निभाते हैं।