पीपीगंज में खुले में मांस-मछली की हो रही बिक्री प्रशासन बेखबर

पीपीगंज में खुले में मांस-मछली की हो रही बिक्री प्रशासन बेखबर
गोरखपुर पीपीगंज नगर पंचायत क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों पर खुलेआम मांस और मछली की बिक्री व कटाई ने स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भगवानपुर, बंधुपुर और पीपीगंज रेलवे लाइन के पास लगने वाली मांस-मछली की दुकानों से फैल रही गंदगी और दुर्गंध के कारण राहगीरों का गुजरना मुश्किल हो गया है। इन दुकानों पर स्वच्छता मानकों की अनदेखी के साथ-साथ अस्वस्थ मांस की बिक्री से लोगों का स्वास्थ्य भी खतरे में है।मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, गोरखपुर ने बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए 21 दिनों तक गोरखपुर परिक्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में मुर्गे की दुकानें बंद रखने की एडवाइजरी जारी की है। हालांकि, पीपीगंज और आसपास के क्षेत्रों में कोई असर नहीं दिख रहा। पीपीगंज बंद रेल समपार फाटक के पास सड़क किनारे रेल की जमीनों पर अवैध रूप से चल रही दर्जनों दुकानों पर मांस का अपशिष्ट खुले में फेंका जा रहा है, जिससे गंदगी फैली हुई है।स्थानीय लोगों का आरोप है कि इन दुकानों में न तो साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता है और न ही मांस को ढककर रखा जाता है, जो खाद्य सुरक्षा नियमों का खुला उल्लंघन है। अस्वस्थ बकरे और मुर्गे काटे जाने की शिकायतें भी सामने आ रही हैं, जो पशु क्रूरता कानून को भी कमजोर साबित कर रहा है। हैरानी की बात यह है कि अधिकांश दुकानों के पास वैध लाइसेंस तक नहीं है।स्थानीय निवासियों ने रेलवे अधिकारियों और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। वे चाहते हैं कि स्वच्छता और स्वास्थ्य मानकों का सख्ती से पालन कराया जाए, साथ ही अवैध दुकानों पर रोक लगे ताकि जनता को इस गंदगी और स्वास्थ्य जोखिम से निजात मिल सके।