समाचार मध्यप्रदेश रतलाम 01 मई 2025 गुरुवार

समाचार मध्यप्रदेश रतलाम 01 मई 2025 गुरुवार
संबल योजना अंतर्गत रतलाम के हितग्राहियों को 14 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का हितलाभ मिला
रतलाम 30 अप्रैल 2025/ मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अंतर्गत राज्य स्तरीय कार्यक्रम से उमरबन जिला धार से माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा संबल हितग्राहियों को अनुग्रह सहायता राशि का हितलाभ वितरण किया गया। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण प्रदेश की समस्त जनपद पंचायत एवं नगरीय निकायों सहित जिला स्तर पर भी एनआईसी कार्यालय में हितग्राहियों को दिखाया गया।
योजना के तहत रतलाम जिले के कुल 675 हितग्राहियों को 14 करोड़ 62 लाख रूपए की हितलाभ राशि का सिंगल क्लिक के माध्यम से भुगतान किया गया। इस दौरान रतलाम एनआईसी कक्ष में भाजपा जिला अध्यक्ष श्री प्रदीप उपाध्याय, नगर निगम अध्यक्षा श्रीमती मनीषा शर्मा, कलेक्टर श्री राजेश बाथम, सीईओ जिला पंचायत श्री श्रृंगार श्रीवास्तव, हितग्राहीगण एवं श्रम विभाग के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।
=================
बाल विवाह से मुक्ति की ओर अग्रसर रतलाम
रतलाम 30 अप्रैल 2025/ बाल विवाह सिर्फ एक गंभीर सामाजिक समस्या नहीं बल्कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अंतर्गत एक अपराध भी है। बाल विवाह अपराध घोषित होने के बाद भी एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार विश्व की एक तिहाई बाल दुल्हन भारत में हैं। यह आंकड़े बाल विवाह की गंभीर सामाजिक समस्या प्रकट करते हैं।
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 NALSA Child Friendly Legal Services for Children Scheme 2024 के अंतर्गत सदस्य सचिव, म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रतलाम सुश्री नीना आशापुरे के मार्गदर्शन तथा न्यायाधीश/सचिव श्री नीरज पवैया के निर्देशन में जिला विधिक सहायता अधिकारी/नोडल अधिकारी सुश्री पूनम तिवारी, रतलाम द्वारा एक दिवसीय विशेष अभियान हेतु पैरालीगल वालेंटियर्स/न्याय मित्रों की एक टीम गठित की गई। उस टीम एवं प्रशासन द्वारा गठित टीम द्वारा रतलाम जिले के संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा किया जाकर बाल विवाह न करने के संबंध में जागरूक किया गया तथा एक बाल विवाह भी रूकवाया गया।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी वर्ष 2024 में पारित अपने एक निर्णय में विवाहों को रोकने, पीड़ितों के पुर्नवास और उन्हें समाज में पुनः स्थापित करने के लिये व्यापक दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इन निर्देशों के पालन में समाज को बाल विवाह के बालक-बालिकाओं के मानसिक एवं शारीरिक विकास पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के संबंध में जागरूक किया जाना है। इसके लिए सभी स्टेक होल्डर्स के बीच समन्वय स्थापित कर बाल विवाह रोकथाम कानून को प्रभावी रूप से लागू किया जाना है।
प्रशासन एवं जिला प्राधिकरण, रतलाम की टीम में पैरालीगल वालेंटियर्स एवं पैनल अधिवक्ताओं द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से विद्याथियों में जागरूकता फैलाई गई। इस अभियान में ग्राम पंचायतों में बाल विवाह न होने देने की शपथ ली गई और उस शपथ को गांवों में चस्पा किया गया। जिससे आमजन भी बाल विवाह रोकने हेतु प्रेरित हों। गांवो के स्वसहायता समूह की दीदीयों द्वारा ग्रामीणजन से चर्चा कर उन्हें समझाईश दी गई।
पुलिस एवं पंचायत विभाग द्वारा 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं की जानकारी एकत्र कर उन परिवारों पर विशेष रूप से निगरानी रखी जा रही है। साथ ही बाल विवाह के दुष्परिणामों का आमजन के बीच सघन एवं व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। बाल विवाह की रोकथाम के लिये सूचना दल एवं कंट्रोल रूम का गठन किया गया है। प्रत्येक क्षेत्र में स्थापित कंट्रोल रूम में 24×7 हेल्पलाईन नंबर अथवा बेबसाईट https://stopchildmarrige.wc.gov.in पर सूचना देकर बाल विवाह को रोका जा सकता है। इस संबंध में अपील है कि आमजन इस कार्य में सहयोग देकर इस सामाजिक कुरीति को दूर करने में अपना योगदान दें।
===============
अत्यधिक गर्मी एवं लू से बचने के लिए नागरिक अपनायें सावधानियाँ
रतलाम 30 अप्रैल 2025/ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संध्या बेलसर ने बताया कि गर्मी के मौसम में भारत सरकार द्वारा हीट रिलेटेड इलनेस से बचाव के लिए दिशा-निर्देश अनुसार जनसामान्य को जागरूक करने और सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में रोगियों को एचआरआई से बचाव के उपायों के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, आईएचआईपी पोर्टल पर प्रतिदिन एचआरआई मामलों की रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है ।
’हाइड्रेटेड रहना है जरूरी’
गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी होना आम समस्या है, जिससे गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। नागरिको दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें, भले ही प्यास न लगे। यात्रा करते समय पानी अवश्य साथ रखें। ओआरएस, नींबू पानी, लस्सी, छाछ, फलों के रस (थोड़ा नमक मिलाकर) जैसे घरेलू पेयों का सेवन लाभकारी होता है। तरबूज, खरबूजा, संतरा, अंगूर, अनानास, खीरा जैसी मौसमी फल-सब्ज़ियों का सेवन शरीर में तरलता बनाए रखने में सहायक होता है।
’शरीर को ढंककर रखें’
धूप में निकलते समय शरीर को पूरी तरह ढंकना बेहद जरूरी है। हल्के रंग के, सूती और ढीले कपड़े पहनें ताकि गर्मी से राहत मिल सके। सिर को टोपी, छतरी, गमछा या पारंपरिक उपायों से ढकना चाहिए। नंगे पांव धूप में जाना भी हानिकारक हो सकता है, इसलिए चप्पल या जूते पहनना अनिवार्य है।
’घर को ठंडा और सुरक्षित बनाएं’
जहां तक हो सके, दोपहर के समय घर के अंदर या छांव में रहें। घर में ठंडी हवा का संचार बना रहे, इसके लिए दिन में खिड़कियां और पर्दे बंद रखें और रात में उन्हें खोल दें। यदि बाहर जाना ही हो, तो सुबह या शाम के ठंडे समय में ही जाएं। गर्मी के समय बाहरी गतिविधियों को सीमित करना आवश्यक है। घर में ठंडक बनाए रखने के लिए पर्दे, शटर या सनशेड का उपयोग करें। दिन में निचली मंजिल पर रहना ज्यादा सुरक्षित होता है। शरीर को ठंडा रखने के लिए पंखा, ठंडा पानी, गीले कपड़े, या 20 डिग्री के पानी में पैरों को डुबोना सहायक होता है।
’विशेष ध्यान देने योग्य संवेदनशील वर्ग’
छोटे बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, मानसिक या शारीरिक बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति, और जो लोग बाहर कार्य करते हैं दृ ये सभी अधिक संवेदनशील होते हैं। इन लोगों को अतिरिक्त सुरक्षा और देखरेख की आवश्यकता होती है। यदि कोई व्यक्ति हाल ही में ठंडे प्रदेश से गर्म प्रदेश में आया हो, तो उसे शरीर को नई जलवायु के अनुसार ढालने के लिए समय देना चाहिए।
’मौसम की जानकारी रखें’
रेडियो, टीवी, समाचार पत्रों या भारत मौसम विज्ञान विभाग की वेबसाइट ((https://mausam.imd.gov.in) से मौसम की ताज़ा जानकारी लेते रहें। मौसम की पूर्व चेतावनियों को गंभीरता से लें और उसी अनुसार अपने कार्यक्रम बनाएं।
’बचाव के लिए ये गलतियां न करें’
दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक बाहर न निकलें। इस समय गर्मी अपने चरम पर होती है। भारी कामकाज या शारीरिक मेहनत भी टालें। नंगे पांव बाहर न निकलें। गर्मी में खाना पकाते समय रसोई में वेंटिलेशन रखें। शराब, चाय, कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स, या अधिक मीठे पेयों से बचें, ये शरीर से तरलता कम करते हैं। बासी और भारी प्रोटीन युक्त भोजन न करें। किसी भी परिस्थिति में बच्चों या पालतू जानवरों को बंद वाहन में न छोड़ें।
’श्रमिकों और नियोक्ताओं के लिए विशेष निर्देश’
काम की जगह पर ठंडा पेयजल उपलब्ध कराना अनिवार्य है और हर 20 मिनट में पानी पीने की सलाह दी जाए। काम को सुबह-शाम के समय शेड्यूल करें। छांव की व्यवस्था करें और कार्य के बीच पर्याप्त आराम दें। नए श्रमिकों के लिए कार्य का समय धीरे-धीरे बढ़ाएं ताकि वे मौसम के अनुसार ढल सकें। श्रमिकों को गर्मी से संबंधित लक्षणों की पहचान और प्राथमिक उपचार की ट्रेनिंग दें। ‘बडी सिस्टम’ अपनाएं और प्रशिक्षित फर्स्ट एड कर्मियों की व्यवस्था करें। गर्भवती या बीमार श्रमिकों के लिए डॉक्टर से परामर्श आवश्यक है।
’भीड़-भाड़ वाले आयोजनों में सावधानी’
खेलों या धार्मिक आयोजनों जैसे भीड़-भाड़ वाले आयोजनों में अत्यधिक गर्मी और पसीने के कारण हीट रिले़टेड इलनेस (एचआरआई) की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे आयोजनों में पर्याप्त पानी, छांव और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था अनिवार्य है। उपस्थित लोगों को लक्षणों की जानकारी होनी चाहिए।
’गर्मी से होने वाली बीमारियां और लक्षण’
अत्यधिक गर्मी से शरीर का तापमान ऊपर जा सकता है, जिससे हीट स्ट्रेस, हीट रैश, हाथ-पांव सूजना, मांसपेशियों की ऐंठन, चक्कर आना, हीट एक्सहॉशन और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे दिल, फेफड़े, किडनी जैसी पुरानी बीमारियां भी बढ़ सकती हैं। लक्षणों में चक्कर, बेहोशी, उल्टी, सिरदर्द, बहुत ज्यादा प्यास, गाढ़ा पेशाब, तेज़ सांस और दिल की धड़कन शामिल हैं। मांसपेशियों की ऐंठन होने पर तुरंत ठंडे स्थान पर आराम करें और ओआरएस पिएं। यदि ऐंठन एक घंटे से अधिक रहे तो डॉक्टर से परामर्श लें।
’हीट स्ट्रोकः जानलेवा स्थिति’
हीट स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है। इसमें शरीर का तापमान 40°ब् से ऊपर हो सकता है और व्यक्ति बेहोश, भ्रमित या चिड़चिड़ा हो सकता है। त्वचा लाल, गर्म और सूखी हो जाती है। बच्चों में संकेतः दूध न पीना, चिड़चिड़ापन, पेशाब कम होना, आंखों का धंसना, सुस्ती या झटका आना, शरीर से खून आना आदि।
’तुरंत क्या करें’
108 या 102 पर कॉल करें। व्यक्ति को ठंडी जगह ले जाएं। ठंडा पानी लगाएं, पंखा करें। चिकित्सा सहायता आने तक ठंडा करते रहें।
======
ईकेवायसी से शेष रहे पात्र हितग्राहियों के लिए अवधि 15 मई तक बढाई गई
रतलाम 30 अप्रैल 2025/ शासन निर्देशानुसार रतलाम जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत समस्त पात्र परिवारों के सभी सदस्यों की ईकेवायसी करवाना अनिवार्य है। इस हेतु 30 अप्रैल 2025 तक विशेष अभियान चलाया गया था। एनएफएसए 2013 अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की ईकेवायसी राज्य शासन की प्राथमिकता का कार्य है। अतः उक्त कार्य की प्राथमिकता को दृष्टिगत रखते हुये ईकेवायसी अभियान की अवधि 15 मई 2025 तक बढ़ाई गई है।
अतः उपभोक्ताओं से अपील की जाती है कि वे अपनी शासकीय उचित मूल्य दुकान पर जाकर पीओएस मशीन से अथवा ग्राम/वार्ड/मोहल्लो में विक्रेता द्वारा किये जा रहे कैम्प के माध्यम से शेष रहे पात्र हितग्राहियों के ईकेवायसी का कार्य अतिशीघ्र करवाएं अथवा पात्र हितग्राही अपने एंड्रोइड मोबाईल फोन के माध्यम से “मेरा ईकेवायसी ऐप“ को डाउनलोड कर स्वयं अपने परिवार के सदस्यों का तथा अन्य पात्र हितग्राहियों का भी ईकेवायसी (Face Authentication) के माध्यम से कर सकते है, जिससे परिवार के सभी सदस्यों का राशन प्रदाय निर्बाध रूप से हो सकें।
शासकीय उचित मूल्य दुकान से राशन लेने वाले सभी पात्रता पर्चीधारी परिवारों के सदस्यों को आधार प्रमाणीकरण कर लाभार्थी सत्यापन ईकेवायसी पीओएस मशीन / “मेरा ईकेवायसी ऐप“ से किया जा रहा है। ईकेवायसी नहीं होने की स्थिति में भविष्य में उन्हें राशन मिलना बंद हो जाएगा तथा वन नेशन वन राशन कार्ड एवं राशन पोर्टेबिलिटी सुविधा का लाभ हितग्राही नहीं ले सकेंगे। अतः सभी पात्र हितग्राही परिवार के सभी सदस्यों की ईकेवायसी पीओएस मशीन / “मेरा ईकेवायसी ऐप“ के माध्यम से करवाना सुनिश्चित करें।