दस साल पहले चंबल नदी पर पुल बनाने का सपना देखा था अब पूरा होता दिख रहा

जनप्रतिनिधि व प्रसासनिक अधिकारीयों ने किया था स्थल अब चंबल नदी पर ब्रिज बनाने के लिए सेतु निगम ने किया सर्वें
अनुमानित लागत 700 करोड़ होंगी व लम्बाई 4.3 किलोमीटर व चौड़ाई 8 मीटर होंगी
टिडवास से मोल्याखेड़ी की बिच बनेगा ब्रिज
अहमदाबाद से दिल्ली की 200 किमी दुरी होंगी कम तो गरोठ क्षेत्र वालों के लिए 40 किमी कम होगा जिला मुख्यालय
धौलामगरा के यहां पर्यटक स्थल बनेगा
टकरावद(पंकज जैन ) दस साल पहले मई 2016 मे चम्बल नदी के किनारे टीडवास के पास धुलेरा मगरा का तत्कालीन मल्हारगढ़ विधायक जगदीश देवड़ा, तत्कालीन मन्दसौर विधायक यशपालसिंह सिसोदिया,तत्कालीन गरोठ विधायक चन्दरसिंह सिसोदिया, तत्कालीन जिला कलेक्टर स्वतन्त्र सिंह एवम् ब्रिज कारपोरेशन के अधिकारियो व राजस्व अमले ने निरीक्षण किया था जहा से चम्बल नदी पर पुल बन सके अगर यहा चम्बल नदी पर पुल बनता हे तो यह मध्यप्रदेश का सबसे लम्बा पुल होगा जिसकी नदी के यहा 23 मीटर ऊचाई होगी व जेसे जेसे नदी से दूर जायेगे ऊचाई कम होती जायेगी उस समय इस ब्रिज की अनुमानित लागत 438 करोड़ बताई जा रही थी जो अब अनुमानित 700 करोड़ होंगी चंबल नदी पर बड़ा पुल बनने से मन्दसौर से गरोठ की दुरी 40 से 60 किमी तक कम होंगी अगर यहा से पुल बनाता हे तो पुल की लम्बाई 4.3 किमी होगी जिसका पहला किनारा टीडवास गांव के पास तो दूसरा किनारा गरोठ तहसील के मोलाखेड़ी खुर्द के वहा होगा इसकी लिए दो दिन पहले ब्रिज कारपोरेशन के अधिकारीयों ने सर्वें किया संभावना बताई जा रही की इस पुल को बजट मे लेकर जल्द बनाया जायेगा।
क्या होगा फायदा;- चम्बल नदी पर अगर पुल बनता हे तो मन्दसौर से गरोठ की दुरी 60 किमी कम होगी इस पुल बनने से कोटा, झालावाड से गरोठ व पुल पर होकर सीधे मन्दसौर पहुच जायेगे जिससे गुजरात से मन्दसौर होते हुए राजस्थान जाने में सुविधा होगी व इस मार्ग से होकर सीधे 8 लाइन पर निकल जायेगे जिससे कोटा छात्रों को पढ़ाई के लिए जाने मे कम दुरी करना पड़ेगी वही अहमदाबाद से दिल्ली की दुरी भी कम होंगी अभी मन्दसौर मण्डी में 2 हजार करोड़ का टर्नओवर हे पुल बनने से यह 10 हजार करोड़ का होगा साथ से संजीत क्षेत्र के गावो का भी आर्थिक विकास होगा
क्यों हुई देरी :-चंबल नदी पर बड़ा पुल बनाने के लिए तत्कालीन कलेक्टर स्वतंत्रसिंह व तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य जेतराम पाटीदार ने तत्कालीन जनप्रतिनिधि के साथ सर्वें कर इसको बनवाने के लिए खूब पहल की थी लेकिन कलेक्टर किसान आंदोलन की भेट छड़ गए व फिर किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया हालांकि क्षेत्रवासी लगातार जनप्रतिनिधियों से चंबल नदी पर पुल बनाने की मांग करते आ रहे है