मंदसौरमध्यप्रदेश
विहिप व बजरंग दल ने ममता बनर्जी का पूतला फूंका, ज्ञापन भी दिया

बंगाल की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक, अविलंब राष्ट्रपति शासन लगाया जाए
मन्दसौर। विश्व हिन्दू परिषद, बजरंगदल जिला मंदसौर मालवा प्रांत द्वारा पश्चिम बंगाल में हिंदुओं के साथ लगातार हो रही हिंसा और अत्याचार के विरोध में कड़ा आक्रोश व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला फूंका व महामहिम राष्ट्रपति के नाम जिा प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
ज्ञापन में कहा कि वक्फ कानून के विरोध की आड़ में संपूर्ण बंगाल को जिस प्रकार हिंसा की आग में जलाया जा रहा है, हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों को निर्बाध रूप से अपने षडयंत्रों को क्रियान्वित करने की खुली छूट दी जा रही है, उससे स्पष्ट लगता है कि बंगाल की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है। मुर्शिदाबाद से प्रारम्भ हुई यह भीषण हिंसा अब संपूर्ण बंगाल में फैलती हुई दिखाई दे रही है। शासकीय तंत्र दंगाइयों के सामने केवल निष्क्रिय ही नहीं अपितु कई स्थानों पर इनका सहायक या प्रेरक बन गया है। इससे पहले कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए, केंद्र सरकार को प्रशासन का नियंत्रण व संचालन अपने हाथ में लेकर राष्ट्र विरोधी व हिंदू विरोधी तत्वों को उनके कुकर्मों के लिए कठोरता सजा दिलवानी चाहिए।
बंगाल की स्थिति से स्पष्ट है कि ममता सरकार भारत के संघीय ढांचे को बंगाल में ध्वस्त कर अपनी सरकार और वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है। बंगाल में राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में आ चुकी है ।बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों को निर्बाध रूप से आने दिया जा रहा है। उनके आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। पाकिस्तानी तथा बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की सक्रियता बढ़ती जा रही है । हिंदुओं के प्रति हिंसा बढ़ती जा रही है और न्यायालय के आदेश पर ही हिंदू त्योहारों को अनुमति मिल पाती है । उनको सुरक्षा देने वाले अर्धसैनिक बलों को निशाना बनाया जाता है। हिंदू का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है। कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से नष्ट हो चुकी है।तृणमूल के असामाजिक तत्व व जिहादी गुंडो के नियंत्रण व निर्देश पर ही प्रशासन काम करने के लिए विवश है ।
महामहिम राष्ट्रपति से मांग की कि बंगाल में अविलंब राष्ट्रपति शासन लगाया जाए । बंगाल की हिंसा की जांच एनआईए के द्वारा करवाई जाए और दोषियों को अविलंब दंडित किया जाए । बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथों में दिया जाए। बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको निष्कासित किया जाए। बंगाल व बांग्लादेश की 450 किलोमीटर की सीमा पर तार लगाने का काम अविलंब प्रारंभ किया जाए जिसे ममता बनर्जी ने रोका हुआ था।
इस अवसर पर सर्वश्री गुरचरण सिंह बग्गा, डॉ प्रवीण मंडलोई, रविप्रतापसिंह बुंदेला, कन्हैयालाल सोनगरा, हेमन्त बुलचन्दानी, रूपनारायण जोशी, कमल कोठारी, नंदू आडवाणी, एमपी सिंह परिहार, सत्येंद्रसिंह सोम, रविंद्र पांडेय, वीरेंद्र आर्य, सुभाष गुप्ता, विनोद मेहता, निरंजन भारद्वाज, अरविंद चौहान, हरीश टेलर, लक्की बाड़ोलिया, प्रदीप चौधरी, अमरदीप कुमावत, कन्हैयालाल धनगर, शंकर शर्मा, वर्दीचन्द कुमावत, रूपनारायण मोदी, प्रतीक व्यास, विनोद जाट, मनीष भाटी, विनोद प्रजापति, मुकेश चनाल, गोविंद नागदा, प्रेमलता आचार्य, विद्या उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में नगर के गणमान्य नागरिक, समाज प्रमुख एवं विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संगठनों के प्रमुख उपस्थित थे। उक्त जानकारी विहिप प्रचार प्रसार प्रमुख गोविंद पेंटर द्वारा दी गई।
ज्ञापन में कहा कि वक्फ कानून के विरोध की आड़ में संपूर्ण बंगाल को जिस प्रकार हिंसा की आग में जलाया जा रहा है, हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों को निर्बाध रूप से अपने षडयंत्रों को क्रियान्वित करने की खुली छूट दी जा रही है, उससे स्पष्ट लगता है कि बंगाल की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है। मुर्शिदाबाद से प्रारम्भ हुई यह भीषण हिंसा अब संपूर्ण बंगाल में फैलती हुई दिखाई दे रही है। शासकीय तंत्र दंगाइयों के सामने केवल निष्क्रिय ही नहीं अपितु कई स्थानों पर इनका सहायक या प्रेरक बन गया है। इससे पहले कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए, केंद्र सरकार को प्रशासन का नियंत्रण व संचालन अपने हाथ में लेकर राष्ट्र विरोधी व हिंदू विरोधी तत्वों को उनके कुकर्मों के लिए कठोरता सजा दिलवानी चाहिए।
बंगाल की स्थिति से स्पष्ट है कि ममता सरकार भारत के संघीय ढांचे को बंगाल में ध्वस्त कर अपनी सरकार और वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है। बंगाल में राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में आ चुकी है ।बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों को निर्बाध रूप से आने दिया जा रहा है। उनके आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। पाकिस्तानी तथा बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की सक्रियता बढ़ती जा रही है । हिंदुओं के प्रति हिंसा बढ़ती जा रही है और न्यायालय के आदेश पर ही हिंदू त्योहारों को अनुमति मिल पाती है । उनको सुरक्षा देने वाले अर्धसैनिक बलों को निशाना बनाया जाता है। हिंदू का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है। कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से नष्ट हो चुकी है।तृणमूल के असामाजिक तत्व व जिहादी गुंडो के नियंत्रण व निर्देश पर ही प्रशासन काम करने के लिए विवश है ।
महामहिम राष्ट्रपति से मांग की कि बंगाल में अविलंब राष्ट्रपति शासन लगाया जाए । बंगाल की हिंसा की जांच एनआईए के द्वारा करवाई जाए और दोषियों को अविलंब दंडित किया जाए । बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथों में दिया जाए। बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको निष्कासित किया जाए। बंगाल व बांग्लादेश की 450 किलोमीटर की सीमा पर तार लगाने का काम अविलंब प्रारंभ किया जाए जिसे ममता बनर्जी ने रोका हुआ था।
इस अवसर पर सर्वश्री गुरचरण सिंह बग्गा, डॉ प्रवीण मंडलोई, रविप्रतापसिंह बुंदेला, कन्हैयालाल सोनगरा, हेमन्त बुलचन्दानी, रूपनारायण जोशी, कमल कोठारी, नंदू आडवाणी, एमपी सिंह परिहार, सत्येंद्रसिंह सोम, रविंद्र पांडेय, वीरेंद्र आर्य, सुभाष गुप्ता, विनोद मेहता, निरंजन भारद्वाज, अरविंद चौहान, हरीश टेलर, लक्की बाड़ोलिया, प्रदीप चौधरी, अमरदीप कुमावत, कन्हैयालाल धनगर, शंकर शर्मा, वर्दीचन्द कुमावत, रूपनारायण मोदी, प्रतीक व्यास, विनोद जाट, मनीष भाटी, विनोद प्रजापति, मुकेश चनाल, गोविंद नागदा, प्रेमलता आचार्य, विद्या उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में नगर के गणमान्य नागरिक, समाज प्रमुख एवं विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संगठनों के प्रमुख उपस्थित थे। उक्त जानकारी विहिप प्रचार प्रसार प्रमुख गोविंद पेंटर द्वारा दी गई।