गौचर भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश पर कार्यवाही नहीं।
गौचर भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश पर कार्यवाही नहीं।
निजी गोशाला प्रबंधक ने लगाया प्रशासन पर गम्भीर आरोप।
गौवंशो को तहसील परीसर में छोड़ने की चेतावनी।
असलम खान – संस्कार दर्शन खाचरोद
म.प्र. सरकार के मुखीया गौभक्त डा. मोहन यादव गोसुरक्षा वर्ष मना रहे हैं और उनके ही प्रशासनिक नुमाइंदे गौ सुरक्षा मे गौचर भूमि पर अतिक्रमण हटाने के निर्देशो की धज्जियां उड़ा रहे है, निर्देश के बाद भी हजारों गौवंश नगर और गांव की सड़कों पर घुमने को मजबुर हो रहे हैं, शासकीय और निजी गौशालाओं में स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और निजी स्वार्थ में गौवंश कि रक्षा नहीं हो पा रही है, और जो गौभक्त गौ सेवा कर रहे हैं उनको भी सरकार की सहायता नहीं मील पा रही है। जवाबदार गौचर भूमि से अतिक्रमण नहीं हटा पा रहे हैं। ऐसा खाचरोद की जनसुनवाई में शासकीय गौचर भूमी पर अतिक्रमण का मामला पहुंचा। कार्यवाही नहीं होने पर महिला गौसेवक ने अधिकारियों को चेताया कि उमरना की गौचर भूमि पर अतिक्रमण हटाने के आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है , गौशाला में गौवंश के चारा, खाने पिने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है, फ्रिडम फाइटर स्व. शंकररावजी को शासन की ओर से 5 बीघा जमीन मीली है शंकररावजी के स्वर्गवास होने के पश्चात उस पर बेटी आरती ने कृषि ना करते हुए गोशाला खोलकर गौसेवा कर रही है पास ही शासकीय गोचर भूमि स्थिति है जहां पर भूमाफियाओं ने अतिक्रमण कर रखा है गौवंश को चरवाह में समस्या आती है, कलेक्टर के पूर्व में दो बार अतिक्रमण हटाने के आदैश पर स्थानीय प्रशासन कार्यवाही नहीं कर रहे हैं गौवंश परेशान होकर सड़कों पर खुले घुम रहे हैं महिला गौसेवक आरती ने चेतावनी देते हुए कहा कि आदेशों का पालन करवाया जाकर अतिक्रमणओं से शासकीय गौशाला या गायों के चरने की भूमि उपलब्ध कराए अन्यथा उमरना निजी गौशाला के गौवंश को तहसील परिसर में छोड़ जाएगे। अब देखना यह होगा कि स्थानीय प्रशासन गौसुरक्षा वर्ष में गो वंश के लिए रक्षित गौचर भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कैसे और कब करेगा, फिलाल महिला गौ सेवक के आवेदन पर नायब तहसीलदार अनील मोरे ने तहसीलदार के पास पहुंचाने का आश्वासन दिया है।