नहीं रहे भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, 92 वर्ष की उम्र में दुःखद निधन

मनमोहन सिंह के निधन से पूरे देश और कांग्रेस में दुख की लेहर
CWC की मीटिंग को स्थगित किया गया
कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की।
ऑक्सफ़ोर्ड से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि मिली।अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर रहेसंयुक्त राष्ट्र में काम किया, योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे ,रिज़र्व बैंक के गवर्नर भी रहे
देश के वित्त मन्त्री रहकर देश को सबसे कठिन परिस्थिति से बाहर निकाला
देश के 10 वर्ष तक प्रधानमंत्री रहे और इसी दौरान देश की अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम दिया
मनमोहन सिंह वो व्यक्ति हैं जिनका मूल्यांकन सिर्फ़ समय ही कर सकता है। ऐसे लोग महानता के उस शीर्ष पर होते हैं जहां बहुत कम लोग ही पहुँच पाते हैं।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे
मनमोहन सिंह का अकादमिक और राजनीतिक सफर
1957 से 1965- चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय में अध्यापक बने।
1969 से 1971- दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अन्तरराष्ट्रीय व्यापार के प्रोफेसर रहे।
1976- दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में मानद प्रोफेसर बने।
1982 से 1985- भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे।
1985 से 1987- योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे।
1990 से 1991- प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार रहे।
1991- नरसिंहराव सरकार में वित्त मंत्री बने।
1991- पहली बार असम से राज्यसभा के सदस्य बने।
1996- दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में मानद प्रोफेसर बने।
1999- दक्षिण दिल्ली से लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन हार गए।
2001- तीसरी बार राज्यसभा सदस्य बने और सदन में कांग्रेस की ओर से विपक्ष के नेता बने।
2004 से 2014- भारत के प्रधानमंत्री रहे।
2019-2024 छठी बार राज्यसभा के सदस्य रहे।