कृषि दर्शनमंदसौरमंदसौर जिला
कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि विभाग द्वारा एफडीपी वाडी परियोजना का तकनीकी भ्रमण
मंदसौर जिले में ग्रामीण विकास की नई मिसाल
मन्दसौर। जिले के सीतामऊ और गरोठ विकास खंडों के 50 ग्रामों में एचडीएफसी बैंक परिवर्तन पहल के अंतर्गत बाएफ लाइव्लीहुड्स द्वारा संचालित एफडीपी वाडी परियोजना ने ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। इस परियोजना के तहत वाडी विकास में अपनाए गए नवीनतम तकनीकी नवाचारों और खेती की उन्नत विधियों का प्रदर्शन किया गया।
तकनीकी भ्रमण और विशेषज्ञ सलाह, ग्राम साठखेड़ा, गुराडिया नरसिंह और खजूरीरुंडा में आयोजित तकनीकी भ्रमण में कृषि विज्ञान केंद्र मंदसौर के प्रमुख डॉ. जी.एस. चुंडावत, कृषि विभाग गरोठ के सतेंद्र सिंह शेखर, सहायक तकनीकी प्रबंधक आत्मा राजेश भावेल, सेवानिवृत्त वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी गोपाल कारपेंटर और बाएफ टीम के सदस्यों ने भाग लिया। भ्रमण के दौरान संतरे की वाडियों में पौध संरक्षण, पोषण प्रबंधन और अंतरवर्तीय फसल प्रणाली के आधुनिक तरीकों पर गहन चर्चा हुई।
संतरे की वाडियों में नवाचार और अंतरवर्तीय खेती, वाडी परियोजना के अंतर्गत संतरे की वाडियों में अपनाई गई उन्नत तकनीकों का अवलोकन किया गया। इन वाडियों में उच्च मूल्य की फसलें जैसे लहसुन, प्याज, मटर, गाजर और फूलों की खेती को शामिल किया गया है। डॉ. जी.एस. चुंडावत ने वाडी प्रतिभागियों को पौधों में दिख रही बीमारियों जैसे पीला होना, काली मक्खी का प्रकोप और कीटों के प्रभाव से बचाव के लिए प्रभावी उपाय बताए।
रोकथाम और उपचार, ब्लू कॉपर (40 मि.ली. प्रति टंकी) का छिड़काव, पौधों के पास 6 इंच खोदकर गोबर की खाद, ट्राइकोडरमा और सूडोमोनस का उपयोग, मकड़ी के प्रकोप के लिए प्रोपेजाइड 57 प्रतिशत और थियोमाथेसम का स्प्रे आदि उपायों को समय पर अपनाने की अनुशंसा की गई ताकि पौधों की वृद्धि सुनिश्चित हो सके और रोगों का प्रभाव रोका जा सके।
टीम का समर्पण और वाडी प्रतिभागियों का योगदान, भ्रमण के दौरान, परियोजना के प्रोजेक्ट लीडर रामगणेश गुप्ता एवं कृषि विशेषज्ञ सुरेश मेवाड़ा, रविंद्र पाटीदार, मयंक यादव और विजय धाकड़ ने परियोजना के विभिन्न पहलुओं की जानकारी पर चर्चाकर अपने अनुभव सांझा करते हुए वैज्ञानिकों से तकनीकी चर्चा की गयी। बाएफ मंदसौर के कृषि विषय विशेषज्ञों ने भी अपनी विशेषज्ञता के साथ भ्रमण को उपयोगी और ज्ञानवर्धक बनाया।
वाडी प्रतिभागियों ने तकनीकी टीम का स्वागत कर भ्रमण को सफलतापूर्वक संपन्न कराया। यह कार्यक्रम वाडी प्रतिभागियों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ और कृषि नवाचारों के प्रसार में मील का पत्थर साबित हुआ साथ ही इस तकनीकी भ्रमण ने वाडी परियोजना के प्रतिभागियों को उन्नत कृषि तकनीकों और पौध संरक्षण के उपायों के बारे में सशक्त करते हुए शासकीय योजनाओं के साथ जुड़ने हेतु जागरूक किया। यह पहल क्षेत्रीय कृषि विकास और किसानों की आजीविका सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
तकनीकी भ्रमण और विशेषज्ञ सलाह, ग्राम साठखेड़ा, गुराडिया नरसिंह और खजूरीरुंडा में आयोजित तकनीकी भ्रमण में कृषि विज्ञान केंद्र मंदसौर के प्रमुख डॉ. जी.एस. चुंडावत, कृषि विभाग गरोठ के सतेंद्र सिंह शेखर, सहायक तकनीकी प्रबंधक आत्मा राजेश भावेल, सेवानिवृत्त वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी गोपाल कारपेंटर और बाएफ टीम के सदस्यों ने भाग लिया। भ्रमण के दौरान संतरे की वाडियों में पौध संरक्षण, पोषण प्रबंधन और अंतरवर्तीय फसल प्रणाली के आधुनिक तरीकों पर गहन चर्चा हुई।
संतरे की वाडियों में नवाचार और अंतरवर्तीय खेती, वाडी परियोजना के अंतर्गत संतरे की वाडियों में अपनाई गई उन्नत तकनीकों का अवलोकन किया गया। इन वाडियों में उच्च मूल्य की फसलें जैसे लहसुन, प्याज, मटर, गाजर और फूलों की खेती को शामिल किया गया है। डॉ. जी.एस. चुंडावत ने वाडी प्रतिभागियों को पौधों में दिख रही बीमारियों जैसे पीला होना, काली मक्खी का प्रकोप और कीटों के प्रभाव से बचाव के लिए प्रभावी उपाय बताए।
रोकथाम और उपचार, ब्लू कॉपर (40 मि.ली. प्रति टंकी) का छिड़काव, पौधों के पास 6 इंच खोदकर गोबर की खाद, ट्राइकोडरमा और सूडोमोनस का उपयोग, मकड़ी के प्रकोप के लिए प्रोपेजाइड 57 प्रतिशत और थियोमाथेसम का स्प्रे आदि उपायों को समय पर अपनाने की अनुशंसा की गई ताकि पौधों की वृद्धि सुनिश्चित हो सके और रोगों का प्रभाव रोका जा सके।
टीम का समर्पण और वाडी प्रतिभागियों का योगदान, भ्रमण के दौरान, परियोजना के प्रोजेक्ट लीडर रामगणेश गुप्ता एवं कृषि विशेषज्ञ सुरेश मेवाड़ा, रविंद्र पाटीदार, मयंक यादव और विजय धाकड़ ने परियोजना के विभिन्न पहलुओं की जानकारी पर चर्चाकर अपने अनुभव सांझा करते हुए वैज्ञानिकों से तकनीकी चर्चा की गयी। बाएफ मंदसौर के कृषि विषय विशेषज्ञों ने भी अपनी विशेषज्ञता के साथ भ्रमण को उपयोगी और ज्ञानवर्धक बनाया।
वाडी प्रतिभागियों ने तकनीकी टीम का स्वागत कर भ्रमण को सफलतापूर्वक संपन्न कराया। यह कार्यक्रम वाडी प्रतिभागियों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ और कृषि नवाचारों के प्रसार में मील का पत्थर साबित हुआ साथ ही इस तकनीकी भ्रमण ने वाडी परियोजना के प्रतिभागियों को उन्नत कृषि तकनीकों और पौध संरक्षण के उपायों के बारे में सशक्त करते हुए शासकीय योजनाओं के साथ जुड़ने हेतु जागरूक किया। यह पहल क्षेत्रीय कृषि विकास और किसानों की आजीविका सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।