
शिक्षक देवेन्द्र नारायण दीक्षित के सेवा निवृत्त होने पर भव्य चल समारोह के नगर भ्रमण किया गया
ताल ब्यूरो चीफ शिवशक्ति शर्माजावरा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक विद्यालय बटवाड़िया में कार्यरत शिक्षक देवेंद्र नारायण दीक्षित मंगलवार को सेवानिवृत हो गए। उनकी सेवानिवृत्ति के अवसर पर एक भव्य चल समारोह आयोजित किया गया ।चल समारोह अंबे माता मंदिर से प्रारंभ हुआ ।श्री दीक्षित जैसे ही बटवाडिया से अंबे माता मंदिर पहुंचे बैंड बाजे के साथ उनका स्वागत किया गया ।उन्हें साफा पहनाया गया ।इसके बाद उनका चल समारोह निकाला गया। उन्हें समारोह पूर्वक खुली जीप में बैठाकर पूरे नगर में भ्रमण कराया गया ।नगर भ्रमण के दौरान जगह-जगह उनका पुष्प माला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया ।चल समारोह का समापन उनके घर पहुंचकर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती शशीकला दीक्षित ने माला पहनाकर आरती उतार कर स्वागत किया, जहां परिजनों ने श्री दीक्षित एवं उनके साथ आए शिक्षक एवं अन्य शुभचिंतकों का भव्य स्वागत किया। चल समारोह में सेवानिवृत प्रधानाध्यापक, वरिष्ठ पत्रकार शिक्षाविद् शिव शक्ति शर्मा, श्री दीक्षित के बड़े भाई एवं सेवानिवृत शिक्षक प्रताप नारायण दीक्षित ,प्राचार्य विनोद कुमार शर्मा, प्रमोद भट्ट ,वीरेंद्र सिंह सिसोदिया ,राजेश कुमावत, हाजी सरफराज खान पठान रमेश परमार,कारुलाल माली, पटवारी प्रशांत शुक्ला ,सर्व ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष ललिता शंकर दुबे, पूर्णा शंकर शर्मा, अशोक कुमार शर्मा, इफ्तेखार बेग,हीरालाल बर्मन जुझार सिंह सिसोदिया, जुगल किशोर जायसवाल ,शुजाअत मोहम्मद खान ,दिनेश पांचाल संजय गुप्ता ,राजीव लोचन कुशवाह,दिनेश पाटीदार,हरीश बैरागी,महेंद्र सिंह डोडिया, सुरेश परमार मनोहर लाल श्रीवास्तव, सीताराम सूर्यवंशी ,गोविंद त्रिवेदी, शंकर प्रजापत ,राकेश जैन ,रवि उपाध्याय, दिनेश पांचाल, दुर्गा लाल पाटीदार, राजेश कुमावत, सत्यनारायण राठौड़ सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं अन्य समुदाय के लोग सम्मिलित हुए। गौरतलब है कि श्री दीक्षित 41 वर्षों तक एक ही विद्यालय में पदस्थ रहे हैं ।यह उनके स्वभाव की मधुरता के कारण संभव हो सका है ।बालाजी के परम भक्त और अवधूत पागल बाबा के शिष्य श्री दीक्षित सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में सदैव अग्रणी रहे हैं। इसी कारण आज उनका नगर में जगह जगह पुष्प वर्षा कर एवं केसरिया दूध पीलाकर भव्य स्वागत किया गया जो यादगार स्मृति बन गया। बैण्ड वालों ने भी बतोर स्वागत “बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है” की धून बजाकर माहौल में चार चांद लगा दिए, जिसे सभी ने सराहा।



