दुर्घटना में मृत शिक्षक के परिजनों को आर्थिक सहायता देने व सरकारी नौकरी देने की मांग पर अड़े ग्रामीण

किसान नेता जोकचंद परिजनों के साथ डटे रहे, एसडीएम के आश्वासन के बाद माने,
मामला नीमच जिले में एएसआई की कार से शिक्षक दशरथसिंह की मौत का
नीमच (निप्र)। नीमच जिले के भरभड़िया फंटे पर शनिवार को चार घंटे तक हाईवे जाम रहा। जावद थाने में पदस्थ एएसआई मनोज यादव की बोलेरो कार से हुए सड़क हादसे में शिक्षक दशरथ सिंह पिता शंभूसिंह राठौर (42) निवासी रूपारेल की मौत के विरोध में ग्रामीणों और परिजनों ने हाईवे पर धरना दे दिया। हादसे में मृतक की पत्नी, 10 वर्षीय बेटा और 6 वर्षीय बेटी गंभीर रूप से घायल हैं। मृतक दशरथ सिंह राठौर नीमच के ज्ञानोदय आईटीआई कॉलेज में शिक्षक थे। वे रोज शाम को ड्यूटी के बाद परिवार के साथ सब्जी लेकर घर लौटते थे। हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है।
नशे में धुत एएसआई ने मारी थी जोरदार टक्कर:-
जानकारी के अनुसार शुक्रवार रात दशरथ सिंह अपनी पत्नी ललिता बाई, बेटा हर्षित (10) और बेटी जया (6) के साथ बाइक से घर लौट रहे थे। तभी जावद की ओर से आ रही बोलेरो (एचआर 99 एबीएस टेम्प 1491) ने उन्हें टक्कर मार दी। बोलेरो एएसआई मनोज यादव चला रहा था, जो पूरी तरह शराब के नशे में था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आरोपी बोलेरो से उतरते ही लड़खड़ा गया और खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। बोलेरो से शराब की बोतलें भी मिलीं। हादसे में दशरथ सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। बेटा हर्षित के दोनों पैर कुचल गए जिन्हें डॉक्टरों ने काटना पड़ा। पत्नी और बेटी गंभीर रूप से घायल हैं।
गुस्साए परिजन बोले, आदेश चाहिए, आश्वासन नहीं:-
घटना की जानकारी मिलते ही परिजन और ग्रामीणों ने पहले जिला चिकित्सालय में शव लेने से इनकार कर दिया और फिर भरभड़िया फंटे पर चक्काजाम कर दिया। किसान नेता श्यामलाल जोकचंद भी मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार के साथ धरने पर बैठ गए। प्रशासनिक अधिकारी लगातार समझाइश देते रहे, लेकिन लोगों ने कहा कृ “खाली आश्वासन नहीं, लिखित आदेश चाहिए।” करीब चार घंटे चले आंदोलन के बाद दोपहर तीन बजे जब प्रशासन ने लिखित में सहायता राशि और नौकरी का आदेश दिया, तब जाकर जाम खोला गया।
सहायता का आश्वासन दिया अधिकारियों ने :-
4 लाख संबल योजना से। 5 लाख मुख्यमंत्री सहायता कोष से (प्रस्ताव भेजा गया)। 50 हजार रुपए रेडक्रॉस से तत्काल चेक जारी। नगर पंचायत अध्यक्ष सोहन माली ने घोषणा की मृतक की पत्नी ललिता बाई को दैनिक वेतनभोगी के रूप में नगर पंचायत जावद में नौकरी दी जाएगी। घायल बेटे हर्षित के इलाज और कृत्रिम अंग का पूरा खर्च प्रशासन व पुलिस विभाग वहन करेगा। मौके पर लोगों व अधिकारियों, कर्मचारियों ने पीड़ित परिवार के खाते में आनलाइन सहायता राशि भी डाली।
किसान नेता जोकचंद ने रखी ये प्रमुख मांगे:-
मृतक की पत्नी को स्थायी सरकारी नौकरी दी जाए। हर्षित के 18 वर्ष की आयु तक पूरे पालन-पोषण और शिक्षा का खर्च सरकार उठाए। पूरे परिवार की आजीविका हेतु 1 करोड़ की आर्थिक सहायता दी जाए। आरोपी एएसआई के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। मृतक परिवार के इलाज का खर्च आरोपी से वसूला जाए। घायल बेटी जया को भी उच्च स्तरीय इलाज मुहैया कराया जाए।
एएसआई मनोज यादव सस्पेंड, केस दर्ज:-
पुलिस अधीक्षक ने रात में ही एएसआई मनोज यादव को निलंबित कर केस दर्ज कर दिया है। उसके खिलाफ लापरवाही, शराब सेवन और गैर इरादतन हत्या के समान अपराध की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
चार घंटे तक जाम, हजारों ने जताया आक्रोश:-
भरभड़िया फंटे पर जाम के दौरान महू-नीमच हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। मौके पर एसडीएम संजीव साहू, तहसीलदार, सीएसपी किरण चौहान, थाना प्रभारी विकास पटेल सहित भारी पुलिस बल मौजूद रहा। लोगों ने मौके पर ही मृतक परिवार के खाते में आर्थिक सहयोग के रूप में नकद राशि डाली। कुछ ही घंटों में हजारों रुपए एकत्र कर पीड़ित परिवार को सौंपे गए।
इनका कहना:-
आन्दोलन को नेतृत्व कर रहे मल्हारगढ़ विधानसभा के किसान नेता श्यामलाल जोकचन्द ने आरोप लगाया पुलिस लगातार आमजन के साथ अन्याय कर रही है। निर्दोष लोगों को झूठे केस में फसा रही है। शराब के नशे में पुलिस द्वारा लोगों को रौंदना उसके बाद पीड़ित परिवार को न्याय नही मिलना शर्मनाक है। निष्ठुर प्रशासन है। रेडक्रास में सभी लोग पैसे देने है, लेकिन जब देने की बारी आई तो पीड़ित परिवार को बहुत कम राशि दी गई, रेडक्रास का यह रवैया अन्त्यन्त दुःखद है। कम से कम पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए देना थे। सरकारी योजना से रुपए देने की घोषणा करना प्रशासन की कृपा दृष्टि नही है। वो तो पीड़ित परिवार को मिलना ही चाहिए। पीड़ित परिवार में एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए वहीं दोषी पुलिस वालों को बर्खास्त किया जाए। वहीं मृतक के साले नरेन्द्र चौहान ने कहा “हमारे भाई की मौत के बाद पूरा परिवार बिखर गया है। बेटा चल भी नहीं सकता। हमें सिर्फ न्याय चाहिए।”
एसडीएम ने कहा:-
एसडीएम संजीव साहू ने बताया कि कलेक्टर द्वारा रेडक्रॉस से 50 हजार की तत्काल सहायता स्वीकृत की गई है। संबल योजना के तहत 4 लाख और मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है।
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