रतलाम में ड्रग्स सप्लाई का बड़ा जाल उजागर — 20 लाख की एमडी ड्रग्स केस में चार्जशीट दाखिल, 6 माह बाद भी चार आरोपी फरार

रतलाम में ड्रग्स सप्लाई का बड़ा जाल उजागर — 20 लाख की एमडी ड्रग्स केस में चार्जशीट दाखिल, 6 माह बाद भी चार आरोपी फरार
रतलाम : 26 अक्टूबर 2025
रतलाम जिले में हाईप्रोफाइल वर्ग और युवाओं को नशे की लत में फंसाने वाली एक कुख्यात ड्रग्स सप्लाई गैंग का पर्दाफाश हुए छह माह बीत चुके हैं, लेकिन गिरोह के चार मुख्य आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। जावरा पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की है, जिसमें से 7 आरोपी गिरफ्तार होकर जेल जा चुके हैं, जबकि 4 आरोपी फरारी काट रहे हैं।
यह वही गैंग है जो रतलाम शहर में हाईप्रोफाइल महिलाओं, युवतियों और युवकों तक एमडी ड्रग्स की सप्लाई करती थी। पुलिस जांच में सामने आया है कि यह नेटवर्क रतलाम से लेकर मंदसौर और उदयपुर तक फैला हुआ था।
5 मई 2025 की रात हुआ था खुलासा
5 मई 2025 की देर रात जावरा पुलिस ने महू–नीमच फोरलेन रोड पर पटेल होटल के सामने से रतलाम के ट्रांसपोर्ट व्यापारी कमलेश जैन (51) और साबीर खान (27) को 200 ग्राम एमडी ड्रग्स (कीमत करीब 20 लाख रुपये) के साथ गिरफ्तार किया था।
इन दोनों की गिरफ्तारी ने रतलाम के ड्रग्स नेटवर्क का काला चेहरा उजागर कर दिया था। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया था कि वे यह ड्रग्स सुनील सूर्या (38) के लिए दलोदा (मंदसौर) निवासी एजाज उर्फ बाबा से खरीदकर लाए थे।
रिमांड में खुली हाईप्रोफाइल गैंग की पोल
पुलिस रिमांड के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि उनका गिरोह रतलाम शहर के हाईप्रोफाइल परिवारों, कॉलेज स्टूडेंट्स और युवतियों तक ड्रग्स सप्लाई करता था।
इस नेटवर्क में शामिल प्रमुख नाम हैं –
अक्षय चपड़ौद, आशीष सोनी, रितेश नाथ, अश्करण उर्फ आशु, सुशांत राज उर्फ डॉ. मोनू, सुरेंद्र सिंह, और अजय बरगुंडा, जिन पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उदयपुर से पकड़ा गया मास्टरमाइंड ‘सूर्या’
गैंग का सरगना सुनील उर्फ सूर्या जैन, घटना के बाद करीब डेढ़ माह तक फरार रहा।23 जून 2025 की रात राजस्थान के उदयपुर से उसकी गिरफ्तारी हुई।सूर्या पर पूर्व में भी 43 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं।
उसकी गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा हुआ कि गैंग ने रतलाम के स्कूल-कॉलेज युवाओं, महिलाओं और प्रतिष्ठित परिवारों के सदस्यों तक ड्रग्स की सप्लाई का नेटवर्क बना रखा था।
अब भी फरार हैं ये चार आरोपी
छह माह बाद भी पुलिस इन चार आरोपियों को पकड़ नहीं सकी है —
1️⃣ अक्षय पिता सुनील चपड़ौद, निवासी चांदनी चौक, रतलाम
2️⃣ आशीष पिता सुशील कुमार सोनी, निवासी धनजीबाई का नौहरा, रतलाम
3️⃣ एजाज उर्फ बाबा पिता आबीद खान, निवासी दलोदा मगरा, मंदसौर
4️⃣ रितेश नाथ पिता विक्रम नाथ, निवासी शुभम परिसर, रतलाम
अब तक गिरफ्तार हुए आरोपी
1️⃣ कमलेश जैन, निवासी शास्त्री नगर, रतलाम
2️⃣ साबीर खान, निवासी डाट की पुल, रतलाम
3️⃣ सुनील उर्फ सूर्या जैन, निवासी शास्त्री नगर, रतलाम
4️⃣ अश्करण उर्फ आशु, निवासी डोंगरे नगर, रतलाम
5️⃣ सुशांत राज उर्फ डॉ. मोनू पुरोहित, निवासी महेश नगर, रतलाम
6️⃣ सुरेंद्र सिंह चौहान, निवासी राजस्व कॉलोनी, रतलाम
7️⃣ अजय बरगुंडा, निवासी हाट की चौकी, रतलाम
पुलिस ने कहा – जल्द होगी गिरफ्तारी
दीपक मंडलोई, थाना प्रभारी, जावरा शहर ने बताया –> “मैं हाल ही में थाने पर पदस्थ हुआ हूं। फिलहाल अवकाश पर हूं, लेकिन लौटते ही इस केस को प्राथमिकता दी जाएगी। फरार चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की जाएगी और जल्द उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।”
जांच एजेंसियों पर उठे सवाल
ड्रग्स माफिया के चार मुख्य आरोपियों का छह माह तक गिरफ्त से बाहर रहना पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहा है।
स्थानीय सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि इस मामले की एसटीएफ या एनसीबी से संयुक्त जांच करवाई जाए, ताकि ड्रग्स नेटवर्क की जड़ें पूरी तरह उजागर हों।
नशे के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग
रतलाम जैसे शहरों में ड्रग्स का जाल फैलना चिंताजनक संकेत है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि समय रहते ऐसे नेटवर्कों पर नकेल नहीं कसी गई तो आने वाले समय में युवाओं का भविष्य बर्बाद हो सकता है।
सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से “ड्रग फ्री रतलाम अभियान” चलाने की मांग की है।



