संघ सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, स्वदेशी, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक शिष्टाचार जैसे व्यवहारिक मूल्यों में निहित है -श्री गंधर्व

परासली घाटा मण्डल के ग्राम मोरडी़ में निकला पथ संचलन

कार्यक्रम के दौरान बौद्धिक प्रमुख राजेंद्र गन्धर्व ने अपने उद्बोधन मे संघ की स्थापना से लेकर वर्तमान तक की यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्ष 1925 में विजयादशमी के दिन डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार जी ने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नींव रखी थी शताब्दी वर्ष में पंच-परिवर्तन के माध्यम से परम वैभव का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। संघ ने बीते 100 वर्षों में व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण के जो कार्य किए हैं, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, स्वदेशी, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक शिष्टाचार जैसे व्यवहारिक मूल्यों में निहित है। कहा कि अपने जीवन का कुछ समय राष्ट्र, समाज कार्य के लिए निकाले । साथ ही कार्यकर्ताओं से शाखा लगाने का आग्रह किया । राष्ट्र के परम वैभव के लिए पंच परिवर्तन के अंतर्गत हम सब अपने दैनिक जीवन में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली एवं स्वदेशी को अपनाएं तथा नागरिक कर्तव्यों का पालन करें। जिसके बाद संचलन निकाला गया।
संचलन का भव्य स्वागत माता-बहनों और ग्रामवासियों द्वारा पुष्पवर्षा, रंगोली सजाकर किया गया। बहनों द्वारा ध्वज के नीचे शानदार रंगोली बनाई गई जो आकर्षण का केंद्र रही ।
आयोजन में उत्सव का माहौल रहा और लोगों ने पूरे हर्षोल्लास के साथ संघ के शताब्दी वर्ष को ऐतिहासिक बनाया वक्ताओं ने संघ की स्थापना की आवश्यकता, उद्देश्य व उसकी 100 वर्ष की यात्रा पर प्रकाश डाला। स्वयंसेवकों द्वारा आगामी दिनों में राष्ट्रीय हित में संकल्पित होकर देश सेवा करने का प्रण लिया ।