छोटी काशी कि धरा पर प्राचीन मां लक्ष्मी का मंदिर, धनतेरस पर बड़ी संख्या में किए भक्तों ने दर्शन, अमावस्या पर होगी महाआरती

छोटी काशी कि धरा पर प्राचीन मां लक्ष्मी का मंदिर, धनतेरस पर बड़ी संख्या में किए भक्तों ने दर्शन, अमावस्या पर होगी महाआरती
सीतामऊ। छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध सीतामऊ नगर में स्थित माता महालक्ष्मी का ऐतिहासिक मंदिर दीपावली पर श्रद्धा और आस्था का केंद्र बना हुआ है। कहा जाता है कि यह मंदिर जिले में माता लक्ष्मी का सबसे प्राचीन मंदिर है, यह मंदिर लगभग 400 वर्ष पुराना है। ऐसी जनश्रुति है कि यह मंदिर विशेष शक्ति जती द्वारा स्थापित किया गया है। यह मंदिर सीतामऊ के खेड़ा रोड पर रामद्वारा के पास स्थित है। और दीपावली पर यहां दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। यहां धनतेरस पर शहर सहित जिलेभर में पूजन व आराधना का दौर चला। शहर के कुबेर मंदिर पर दिनभर लोग दर्शन के लिए पहुंचे। लंबी-लंबी कतारों में लगकर भक्तजनों ने दर्शन लाभ लिया।
मंदिर के पुजारी प्रमोद मोड़ ने बताया कि महालक्ष्मी पूजन के दिन माता का विशेष श्रृंगार किया जाता है और महाआरती होती है। दिनभर श्रद्धालु पूजन और दर्शन के लिए पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि दीपावली के दिन मंदिर के पट प्रातः 5 बजे से खुल जाएंगे और देर रात तक खुले रहेंगे ताकि अधिक से अधिक भक्त दर्शन कर सकें। मान्यता है कि दीपावली के दिन माता लक्ष्मी को कमल का पुष्प चढ़ाने से मन्नतें पूर्ण होती हैं। इस परंपरा को निभाने के लिए दूर-दराज से भी श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। महालक्ष्मी मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह सीतामऊ और आसपास के ग्रामीण अंचलों की आस्था का केंद्र भी है।