अपराधशहडोलशहडोल संभाग

बहू ने फावड़े से की सास और बेटी की दर्दनाक हत्या, बाड़ी में पड़े गोबर में छिपाई लाश; ऐसे खुला राज

 

बहू ने फावड़े से की सास और बेटी की दर्दनाक हत्या, बाड़ी में पड़े गोबर में छिपाई लाश; ऐसे खुला राज

शहडोल। जिले के थाना सीधी के ग्राम दरेन में एक ही परिवार के दो लोगों की हत्या के मामले में जयसिंहनगर न्यायालय से आरोपिता को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश जयसिंहनगर के द्वारा आरोपिता उर्मिला कुशवाहा आयु 29 साल पत्नी कामता उर्फ शंभू कुशवाहा ग्राम दरैन थाना सीधी को धारा 302 के तहत दोष सिद्ध करते हुए दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अभियोजन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अशिकारी चंद्र प्रकाश मिश्रा के द्वारा साक्षियों का परीक्षण कराया गया ओर शेष अन्य साक्षियों का परीक्षण तथा अंतिम तर्क बहस नवीन कुमार वर्मा द्वारा की गईं।

जिला अभियोजन अधिकारी सहायक निदेशक अभियोजन हरिओम कुसमाकर बैस द्वारा निर्णय की जानकारी देते हुए बताया गया कि मामला जिला स्तरीय समिति द्वारा चिन्हित किया जाकर जघन्य ओर सनसनीखेज प्रकरणों की सूची में शामिल किया गया था। प्रकरण में अभिययोजन द्वारा 26 गवाह ओर 15 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे। प्रकरण की विवेचना आर के मिश्रा द्वारा की गई थी जिनके मृत होने के कारण उनकी कार्यवाही को न्यायालय में एम के शुक्ला उपनिरीक्षक द्वारा प्रामाणित की गई।

इस प्रकार से हुई थी घटना-:

मृतक सावित्री व उसकी नातिन मृतक लक्ष्मी एवं अभियुक्तगण तथा नकुल एक साथ परिवार में रहते थे। अभियुक्त कामता उर्फ शंभू की पहली पत्नी की मृत्यु होने पर अभियुक्त उर्मिला को दूसरी पत्नी बनाकर रखा था। उसके पहली पत्नी की औलाद मृतक लक्ष्मी थी। अभियुक्त उर्मिला उसकी सास मृतक सावित्री से रोजाना किसी न किसी बात पर विवाद करती रहती थी और सौतेली बेटी लक्ष्मी से नफरत करती थी। घटना 17 जून 2019 की रात में मृतक सावित्री व मृतक लक्ष्मी दोनों साथ में सोए थे। अभियुक्त कामता उर्फ शंभू खेत में आम रखवाली करने चला गया था। घर में नकुल कुशवाहा तथा अभियुक्त उर्मिला थी। रात में उर्मिला फावड़ा से सोए हुए सावित्री उर्फ समुद्री बाई के सिर व गर्दन में 4-5 बार प्रहार किया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।

अभियुक्त उर्मिला के प्रहार करते समय मृतक सावित्री के साथ सोई उसकी नातिन मृतक लक्ष्मी के जागकर चिल्लाने पर अभियुक्त उर्मिला ने उसके नाक में फावड़ा से प्रहार किया जिससे उसकी भी मृत्यु हो गई।

बाड़ी को पड़े गोबर में छिपाई लाश-:

पुलिस ने बताया कि मृतक सावित्री के शव को घसीटते हुए बाड़ी के गोबरीला में ले जाकर घास फूस से ढककर छिपा दिया गया। मृतक लक्ष्मी के शव को कथरी में लपेटकर लोहे के बक्से में छिपाकर रख दिया।

कामता उर्फ शंभू 18 जून की सुबह घर आया तो उसने उर्मिला से मां व पुत्री के बारे में पूछा तो उर्मिला ने कहा कि रात में यहां सोए थे पता नहीं कहां चले गए हैं। इसके बाद कामता उर्फ शंभू उसकी बहन मीना के यहां ग्राम दरमोहनी जिला बिलासपुर चला गया।

उर्मिला से पड़ोसियों द्वारा मृतक सावित्री व मृतक लक्ष्मी के बारे में पूछने पर बताई कि घर में बिना बताए कहीं चले गए हैं। इसके बाद उर्मिला ने मृतक लक्ष्मी के शव को घर से निकालकर कमलभान सिंह के कुंए में ले जाकर फेंक दिया एवं उसके उपर बेसरम की झाड़ियां डाल दीं। 21 जून के सुबह लगभग 7.30 बजे साक्षी पूनम कुशवाहा अपने घर में गोबर इकट्ठा कर बाड़ी में फेंकने गई तो उसे तेज दुर्गंध आने पर आसपास देखी तो अभियुक्तगण की बाड़ी के गोबर के ढेर में एक लाश पड़ी हुई दिखाई दी। उसने उर्मिला के घर जाकर बताया कि उसके बाड़ी में बांस के पास किसी का शव पड़ा है।

उर्मिला ने खुद गांव के लोगों को बताया-:

इसके बाद उर्मिला ने नाटकीय ढंग से गांव के लोगों को बताया कि उसकी बाड़ी में किसी की लाश है एवं अभियुक्त कामता उर्फ शंभू को फोन से सूचना दी। तत्कालीन सरपंच लोकनाथ सिंह आस.पड़ोस के लोगों को साथ लेकर सीधी थाना गया साथ में उर्मिला भी गई।

उर्मिला की सूचना पर मर्ग कायम कर जांच प्रारंभ की गई।जांच करने पर पता चला कि शव मृतक सावित्री का है। तब मृतक लक्ष्मी की तलाश प्रारंभ की गई। तलाश करते समय उसका शव कमलभान सिंह के क्षतिग्रस्त कुंए में पड़ा हुआ मिला। सावित्री व लक्ष्मी के शव सड़ चुके थे और कीड़े लग गए थे।

जांच के बाद सुनाई गई सजा-:

पुलिस ने कामता उर्फ शंभू की सूचना पर घटनास्थल में ही मर्ग कायम कर आरक्षी केन्द्र सीधी प्रेषित किया गया, जहां पर मामला दर्ज किया गया। मृतक सावित्री तथा मृतक लक्ष्मी के शव का साक्षियों के समक्ष नक्शा पंचायतनामा तैयार कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जयसिंहनगर में शव परीक्षण कराया गया। साक्षियों से पूछताछ करने उपरांत यह तथ्य प्रकाश में आने पर कि उर्मिला ने ही हत्या की और उसके पति कामता उर्फ शंभू द्वारा घटना के बारे में पुलिस को सूचना नहीं दी गई।

पुलिस ने दोनों को अभिरक्षा में लिया गया।साक्षियों के कथन उपरांत मर्ग जांच के बाद अभियुक्तगण के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। सम्पूर्ण विवेचना के बाद अभियोग पत्र न्यायलय में प्रस्तुत किया गया।

न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य ,दस्तावेज, तर्क से आरोपिता के विरूद्ध अपराध प्रमाणित पाया गया और दंडित किया गया।

=================

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WhatsApp Icon
Whatsapp
ज्वॉइन करें
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}