मंदसौरमध्यप्रदेश

समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 04 सितंबर 2025 गुरुवार

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नेशनल लोक अदालत के प्रचार वाहनों को मान. कार्यवाहक प्रधान जिला न्यायाधीश ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

मंदसौर 3 सितंबर 25/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं माननीय कार्यवाहक प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सिद्धार्थ तिवारी के मार्गदर्शन एवम सचिव,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मंदसौर श्री सुधीर सिंह निगवाल के निर्देशन में दिनांक 13 सितंबर 2025 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला स्तर एवं तहसील स्तर पर किया जा रहा है ।

नेशनल लोक अदालत के प्रचार प्रसार के लिए प्रचार वाहनों को माननीय कार्यवाहक प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सिद्धार्थ तिवारी ने हरी झंडी दिखाकर न्यायालय परिसर से रवाना किया। इस अवसर पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुधीर सिंह निगवाल, जिला स्थापना पर पदस्थ समस्त न्यायाधीशगण, एमपीईबी के अधिकारी गण,अधिवक्तागण उपस्थित रहे । सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री सुधीर सिंह निगवाल ने बताया कि यह प्रचार वाहन जिले के विभिन्न शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में जाकर लोक अदालत का प्रचार-प्रसार माइक व लाउडस्पीकर के माध्यम से करेंगे एवं आमजन को लोक अदालत से होने वाले फायदे के बारे में जागरूक करेंगे ताकि अधिक से अधिक राजीनामा योग्य प्रकरण लोक अदालत में निस्तारित किए जा सके।

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शासकीय आईटीआई में प्रवेश हेतु 10 सितंबर तक करें ऑनलाईन आवेदन

मंदसौर 3 सितंबर 25/ शासकीय आईटीआई प्राचार्य श्री मुकेश मौर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि कौशल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित शासकीय आईटीआई गरोठ, शामगढ़, मल्हारगढ़, सीतामऊ, भानपुरा एवं मंदसौर में प्रवेश हेतु ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 10 सितंबर 2025 तक जारी है।

उन्होंने बताया कि इच्छुक छात्र-छात्राएं रजिस्ट्रेशन एवं चॉइस फिलिंग कर “पहले आओ पहले पाओ” राउंड में संस्था में उपस्थित होकर प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन हेतु विद्यार्थी कियोस्क के माध्यम से अथवा स्वयं पोर्टल www.dsd.mp.gov.in पर प्रवेश-2025 विकल्प में जाकर ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं।

आईटीआई में प्रवेश हेतु वेल्डर, कोपा, डीज़ल मैकेनिक, स्टेनोग्राफर (हिंदी) एवं स्टेनोग्राफर (अंग्रेज़ी) जैसे व्यवसाय उपलब्ध हैं। 8 वीं एवं 10 वीं उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं शीघ्र संबंधित शासकीय आईटीआई में उपस्थित होकर प्रवेश ले सकते हैं। प्रवेश से संबंधित अधिक जानकारी हेतु अभ्यर्थी कार्यालयीन समय पर संबंधित शासकीय आईटीआई से संपर्क कर सकते हैं।

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नरवाई प्रबंधन हेतु आधुनिक कृषि यंत्र अनुदान पर उपलब्ध

किसान 10 सितम्बर तक करें ऑनलाइन आवेदन

मंदसौर 3 सितम्बर 25/ सहायक कृषि यंत्री, कृषि अभियांत्रिकी विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि नरवाई प्रबंधन एवं फसल अवशेषों के उपयोग हेतु हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, स्मार्ट सीडर, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, मल्चर, स्लेशर, हे–रेक एवं बेलर जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों की खरीद पर शासन द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। इन यंत्रों के लिए कृषक farmer.mpdage.org पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

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हैप्पी सीडर – बिना जुताई के सीधे बुवाई, खरपतवार व फसल अवशेषों को काटते हुए खेत में नमी का संरक्षण।

सुपर सीडर – हल्की जुताई और बुवाई एक साथ, समय और लागत की बचत।

स्मार्ट सीडर – केवल बोने वाली लाइन में जुताई, कम मेहनत और कम लागत।

जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल – बिना जुताई सीधे बुवाई।

मल्चर – फसल अवशेषों को काटकर खेत में फैलाना, जिससे वे जल्दी सड़कर खाद में परिवर्तित हो जाते हैं।

स्लेशर – कटाई के बाद बचे फसल अवशेषों को काटना।

हे–रेक – अवशेषों को लाइन में एकत्र करना।

बेलर – फसल अवशेषों को गट्ठों में बदलकर 16 से 25 किलो तक की बेल तैयार करना।

इन यंत्रों से रबी की फसल की बुवाई सामान्यत: 15-20 दिन पहले की जा सकती है, जिससे मिट्टी की नमी का बेहतर उपयोग होता है, सिंचाई की आवश्यकता कम होती है और लागत में भी कमी आती है।

अनुदान की राशि

हैप्पी सीडर – अधिकतम 81,400 से 86,400 तक।

सुपर सीडर – अधिकतम 1,20,000 तक।

स्मार्ट सीडर – अधिकतम 84,150 से 90,200 तक।

जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल – अधिकतम 24,800 से 33,000 तक।

मल्चर – अधिकतम 72,500 से 95,700 तक।

स्लेशर – अधिकतम 27,500 तक।

हे–रेक – अधिकतम 1,65,000 तक।

बेलर – अधिकतम 2,20,000 से 6,60,000 तक।

सभी यंत्रों पर शासन द्वारा यंत्र की कीमत का 50% या निर्धारित अधिकतम राशि तक अनुदान उपलब्ध होगा।

आवेदन हेतु पात्रता व आवश्यक दस्तावेज

आवेदन हेतु पात्रता व आवश्यक दस्तावेज के अंतर्गत आधार कार्ड, जमीन की खतौनी/बी-1 (आवेदक के नाम पर कृषि भूमि अनिवार्य), ट्रैक्टर का पंजीयन प्रमाणपत्र (50 एचपी से अधिक शक्ति वाला ट्रैक्टर – हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, स्मार्ट सीडर व बेलर हेतु आवश्यक), SC/ST वर्ग हेतु जाति प्रमाण पत्र, बैंक खाते की छायाप्रति, सहायक कृषि यंत्री मंदसौर के नाम से निर्धारित राशि का बैंक डिमांड ड्राफ्ट।

अधिक जानकारी के लिए कृषक farmer.mpdage.org पर विवरण देख सकते हैं अथवा कार्यालय सहायक कृषि यंत्री, मंदसौर से संपर्क कर सकते हैं।

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प्रतिभा प्रोत्‍साहन योजना का लाभ हेतु 25 सितम्‍बर तक करें आवेदन

मंदसौर 3 सितंबर 25 / जिला संयोजक जनजातीय कार्य विभाग मंदसौर ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिभा प्रोत्‍साहन योजना अंतर्गत वर्ष 2024-25 एवं वर्ष 2025-26 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के वे विद्यार्थी, जिन्होंने योजना अंतर्गत शासकीय संस्थाओं में प्रवेश लिया है, वे इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

इसके लिए विद्यार्थियों को MPTAASC Portal पर ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है। योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 सितम्बर 2025 निर्धारित की गई है।

उन्होंने बताया कि यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने और उन्हें उच्च शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ाने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है। इच्छुक पात्र विद्यार्थी समय पर आवेदन कर योजना का लाभ अवश्य लें।

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जिले में अब तक 769.5 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

मंदसौर 3 सितंबर 25 / जिले में इस वर्ष अब तक औसतन 769.5 मि.मी. वर्षा दर्ज की गयी है। जब कि पिछले 24 घन्टों में मंदसौर जिले में 19.7 मिमी वास्तविक वर्षा दर्ज की गई है। पिछले 24 घन्टों में मंदसौर में 2.0 मि.मी., सीतामऊ में 12.6 मि.मी., सुवासरा में 38.2 मि.मी., गरोठ में 21.8 मि.मी., भानपुरा में 32.2 मि.मी., मल्हारगढ़ मे 0 मि.मी., धुधंड़का में 15.0 मि.मी., शामगढ़ में 47.6 मि.मी., संजीत में 10.0 मि.मी., कयामपुर में 16.0 मि.मी. एवं भावगढ़ में 22.0 मि.मी वास्तविक वर्षा दर्ज की गई है।

विगत 1 जून से अब तक वर्षा मापक केन्द्र मंदसौर में 761.0 मि.मी., सीतामऊ में 684.0 मि.मी. सुवासरा में 751.2 मि.मी., गरोठ में 705.6 मि.मी., भानपुरा में 1516.4 मि.मी., मल्हारगढ़ मे 447.0 मि.मी., धुधंड़का में 745.0 मि.मी., शामगढ़ में 738.0 मि.मी., संजीत में 589.0 मि.मी., कयामपुर में 695.3 मि.मी. एवं भावगढ़ में 832.4 वास्तविक वर्षा दर्ज की गई है। गांधीसागर बांध का जल स्‍तर अब तक 1301.69 फीट है।

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जिलों में उर्वरक वितरण में अव्यवस्था के लिए कलेक्टर होगें उत्तरदायी – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

जिला प्रशासन, उर्वरक उपलब्धता और वितरण के संबंध में किसान संगठनों से निरंतर सम्पर्क और संवाद बनाए रखें

उर्वरक वितरण व्यवस्था की हो सघन मॉनीटरिंग और अनुचित गतिविधियों पर करें कठोर कार्यवाही

अतिवृष्टि और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत के लिए हो तत्काल कार्यवाही

जनहानि और पशुहानि की स्थिति में 24 घंटे में राहत उपलब्ध कराई जाए

राज्य शासन हर स्थिति में किसानों के साथ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की अतिवृष्टि तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों और जिलों में उर्वरक वितरण व्यवस्था की समीक्षा

मंदसौर 3 सितंबर 25 / मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जिलों में उर्वरक वितरण के संबंध में जिला प्रशासन आवश्यक व्यवस्था बनाए। उपलब्ध उर्वरक की उचित वितरण व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से निरंतर संवाद और संपर्क में रहे। उर्वरक वितरण की व्यवस्था में किसान संगठन के प्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाए। जिलों में यदि उर्वरक वितरण को लेकर अव्यवस्था होती है तो उसके लिए जिला कलेक्टर उत्तरदायी होंगे। राज्य सरकार हर स्थिति में किसानों के साथ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों और जिलों में उर्वरक वितरण की स्थिति की बुधवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से समीक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाना सहित अधिकारी उपस्थित थे। सभी जिले के कलेक्टर एवं संबंधित अधिकारी वर्चुअली जुड़े।

किसानों को जिले में उपलब्ध उर्वरक की वास्तविक स्थिति से निरंतर करावाये अवगत

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिलों में उर्वरक उपलब्धता की सघन समीक्षा की जाए। साथ ही जिले में उपलब्ध उर्वरक के स्टॉक की जानकारी जनप्रतिनिधियों से भी साझा करें, इससे किसानों को जिले में उर्वरक उपलब्धता की वास्तविक स्थिति से अवगत कराने में मदद मिलेगी। जिला प्रशासन डबल लॉक, पैक्स और निजी विक्रय केंद्रों का आकस्मिक सत्यापन और उनकी मॉनिटरिंग अनिवार्य रूप से करें। अतिरिक्त विक्रय केन्द्र की आवश्यकता होने पर उनका संचालन तत्काल आरंभ किया जाए। कृषि, सहकारी बैंक, विपणन संघ के अधिकारी निरंतर सम्पर्क में रहें।

उर्वरक से संबंधित अवैध गतिविधियों के लिए हुईं 53 एफ.आई.आर और 88 लायसेंस किए निरस्त

बैठक में खरीफ 2025 के लिए यूरिया, डी.ए.पी, एन.पी.के, एस.एस.पी, एम.ओ.पी तथा डी.ए.पी + एन.पी.के की उपलब्धता, ट्रांजिट की स्थिति की जानकारी प्रस्तुत की गई। साथ ही नेनो एवं जैविक उर्वरक वितरण कार्यक्रम के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। बताया गया कि उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण, अवैध परिवहन और नकली उर्वरक आदि से संबंधित प्रकरणों पर कार्यवाही करते हुए 53 एफ.आई.आर दर्ज की गई और 88 लायसेंस निरस्ती, 102 लायसेंस निलंबन सहित 406 विक्रय प्रतिबंधित की कार्यवाही की गई।

उर्वरक की बेहतर वितरण व्यवस्था में हुए नवाचारों का करें अनुसरण

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उर्वरक वितरण व्यवस्था के संबंध में धार, दमोह, जबलपुर और रीवा जिले के कलेक्टरों से चर्चा की। दमोह कलेक्टर ने बताया कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से सतत् सम्पर्क और संवाद सुनिश्चित करते हुए वितरण व्यवस्था में उनका सहयोग लिया जा रहा है। साथ ही टोकन वितरण और उर्वरक वितरण को अलग-अलग किया गया है। टोकन तहसील कार्यालय से बांटे जा रहे हैं और वितरण विक्रय केन्द्रों से किया जा रहा है। जबलपुर कलेक्टर ने बताया कि किसानों के लिए टोकन वितरण की व्यवस्था फोन कॉल द्वारा सुनिश्चित की जा रही है। उर्वरक वितरण केन्द्रों पर डिस्पले बोर्ड लगाए गए हैं। बोर्ड न पर टोकन नंबर प्रदर्शित कर उर्वरक वितरण किया जा रहा है। डिस्पले बोर्ड पर जिले में उपलब्ध उर्वरकों की मात्रा भी प्रदर्शित की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अन्य जिलों को भी इस प्रकार के नवाचार अपनाने के निर्देश दिए।

बाढ़ और अतिवृष्टि की स्थिति में सजग और सक्रिय रहे पुलिस प्रशासन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में जिन-जिन क्षेत्रों में भी अतिवृष्टि और बाढ़ से फसलों को क्षति हुई है, वहां राहत के लिए तत्काल कार्रवाई आरंभ की जाए। साथ ही जनहानि और पशु हानि की स्थिति में 24 घंटे में राहत उपलबध कराई जाए। बाढ़ के दौरान अस्थाई कैम्प व्यवस्था, राशन वितरण, भोजन वितरण आदि की त्वरित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सामग्री सभी संभावित स्थानों पर उपलब्ध हो। आगामी दिनों में भी भारी वर्षा की संभावना है। सभी जिलों में पुलिस प्रशासन सक्रिय और सजग रहते हुए पुल-पुलिया में बैरिकेटिंग और बाढ़ की स्थि‍ति में पुल क्रास न करने की चेतावनी की व्यवस्था जैसी सभी आवश्यक सावधानियां सुनिश्चित करें।

प्रदेश में दर्ज की गई औसत से 21 प्रतिशत अधिक वर्षा

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 1 जून से 2 सितम्बर तक 971.5 एमएम अर्थात् 38.24 इंच वर्षा दर्ज की गई है, जो औसत से 21 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश के 21 जिलों में भिण्ड, छतरपुर, श्योपुर, ग्वालियर, नीमच, मुरैना, शिवपुरी, अशोकनगर, अलीराजपुर, सिंगरौली, राजगढ़, मण्डला, सीधी, टीकमगढ़, गुना, नरसिंहपुर, दतिया, रतलाम, उमरिया, रायसेन और सिवनी में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई। सर्वाधिक वर्षा गुना, मण्डला, श्योपुर, रायसेन और अशोकनगर में दर्ज हुई। प्रदेश के प्रमुख बांधों में जलभराव की स्थित की जानकारी भी प्रस्तुत की गई।

प्रभावित 17,500 कृषकों के लिए 20 करोड़ रूपए से अधिक की राहत राशि स्वीकृत

बैठक में बताया गया कि बाढ़ और अतिवृष्टि में कुल 394 जनहानि हुई और 5 हजार से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए। बाढ़ से 1814 पशुहानि भी दर्ज की गई। शिवपुरी, बुरहानपुर, दमोह, अशोकनगर, धार, छतरपुर, रायसेन, उमरिया, बड़वानी, मंडला और कटनी जिलों का कुल 12 हजार हेक्टेयर रकबा अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित हुआ है। प्रभावित 17 हजार 500 कृषकों के लिए 20 करोड़ रूपए से अधिक की राहत राशि स्वीकृत की गई है।

 

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