2 पन्ने फोटोकॉपी की कीमत 4 हजार रुपए, शहडोल में इस बिल पर बवाल, सरपंच-सचिव ने किया पेमेंट

2 पन्ने फोटोकॉपी की कीमत 4 हजार रुपए, शहडोल में इस बिल पर बवाल, सरपंच-सचिव ने किया पेमेंट
शहडोल। जिले की ग्राम पंचायतों में मनमानी बिल पास कराकर सरकारी पैसे को इधर-उधर करना आम बात हो गई है, इसमें संरपंच सहित सभी जिम्मेंदारों की अहम भूमिका रहती है। जयसिंहनगर तहसील की ग्राम पंचायत कुदरी में ऐसे बिल से सरकारी राशि निकाली गई है, जिसमें 15 अगस्त के उपलक्ष्य में आयोजित ग्राम सभा के लिए दो प्रति फोटो कॉपी के लिए 4000 रुपये का भुगतान दिखाया गया है।
बिलों में कई अनियमितताएं-:
दो हजार रुपये प्रति कॉपी के हिसाब से सिर्फ दो प्रति के लिए चार हजार भुगतान किए गए हैं। इतनी राशि में एक छोटी फोटो कॉपी मशीन खरीदी जा सकती है। इस मामले को लेकर ग्रामीण महिला सरपंच चंद्रवती सिंह को घेर रहे हैं, लेकिन उसके पास इसका कोई जबाव नहीं हैं। यहा पंचायत के द्वारा लगाए गए बिलों में कई अनियमितताएं की गई है। एक बिल ऐसा भी है जिसमें पंचायत ऐसी दुकान से मोटर वाइंडिंग पंप का काम करा रही है जो सीमेंट गिट्टी, बोल्डर, बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई करती है।
हायलोजन लाइट की व्यवस्था-:
दूसरी तरफ, कुदरी पंचायत पंचायत में न समुदायिक भवन है और न ही सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था है। इसके अलावा 15 अगस्त की ग्रामसभा में ग्रामीणों ने पंचायत को एक लिखित आवेदन दिया है, जिसमे मांग की जा रही है कुदरी पंचायत के सभी बिजली पोलो (जो मुख्य सड़क से जुड़े) में हायलोजन लाइट की व्यवस्था की जाए ताकि रात में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
अम्बेडकर भवन बनाने की भी मांग-:
पंचायत में बहुत से जगह में पीसीसी रोड की जरूरत है। पंचायत उस पर भी ध्यान दे। ग्राम पंचायत के समीप सामुदायिक भवन या फिर अम्बेडकर भवन बनाने की भी मांग की गई है, जिसका निर्माण कार्य पंचायत स्वयं करें, जिससे पंचायत के युवाओं को रोजगार मिल सकें। ग्राम पंचायत कुदरी की बदहाली को देखकर बहुत से ग्रामीणों के अंदर बहुत आक्रोश भरा है।
इनका कहना है-:
कुदरी की सरपंच चंद्रवती सिंह का कहना है कि बिल में क्या गड़बड़ी हुई है, यह समझ में नहीं आ रहा है। हो सकता है लिखने में कोई त्रुटि हुई होगी। एक फोटो कॉपी का 2000 रुपये बिल कैसे हो सकता है। मैं सचिव और अन्य जिम्मेदारों से समझकर ही बता पाऊंगी कि क्या हुआ है।
वहीं ग्राम पंचायत कुदरी के सचिव हेमराज कहार का कहना है कि पंचायतों में ऐसे बिल ही लगाना पड़ता है। आप बता रहे हैं तो मै देखता हूं कौन से बिल की बात करे हैं। ऐसे तो हम कई बिल लगा चुके हैं और अधिकारियों की जानकारी में ही लगाते है। आप उसको गलत बता रहें है, जबकि हमारे अधिकारी पास कर रहे हैं।