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मशहूर फोटोग्राफर दिनेश कश्यप की स्मृति में स्वर धारा ने दी गीतों से श्रद्धांजलि

मशहूर फोटोग्राफर दिनेश कश्यप की स्मृति में स्वर धारा ने दी गीतों से श्रद्धांजलि

मन्दसौर। फिल्मों एवं शहर के मशहूर फोटोग्राफर स्व. दिनेश कश्यप की तीसरी पुण्यतिथि स्वर धारा के संगीत मित्रों स्नेहियों ने दिनेश कश्यप का स्मरण करते हुए सुमधुर गीत कविताओं से विनम्र श्रद्धांजलि दी।श्रद्वासुमन समर्पित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार डॉ. घनश्याम बटवाल, लालबहादुर, आनंद श्रीवास्तव, पं प्रकाश शर्मा ,गणेश वर्मा ,रमेश कारा, एडव्होकेट कृष्ण वल्लभ त्रिपाठी, मनीष शर्मा ,संजय शर्मा,महेश पाटीदार, पुखराज सोनी,तरूण जैन, कुणाल, रिंधाश कश्यप, नरेद्र रमेश कश्यप ने कहा दिनेश जी जितने कमाल के फोटोग्राफर थे उतने ही सहृदय इंसान भी थे। सबके दुख सुख में खड़े रहने वाले ,बड़े से लेकर छोटे तक के पारिवारिक मित्र थे। एक दशक से भी अधिक समय तक मुम्ब‌ई फिल्मी दुनिया में रहकर आपने अमिताभ बच्चन शशि कपूर, ऋषि कपूर, देवानंद, राजेश खन्ना मनोज कुमार,राजेंद्र कुमार धमेद्र जैसे अनेक सुपर स्टार की श्रेष्ठ फिल्मों के लिए बेजोड़ स्टील फोटोग्राफी कर मंदसौर जैसे छोटे शहर को रोशन किया था।ब्लैक व्हाईट फोटोग्राफी के दौर में आपका नाम शीर्ष पर शुमार था।आप अपनी मुस्कान, ठहाकों और सहृदयता से हमारे बीच सदा खिलखिलाते रहेंगे।पुत्र कुणाल ने पापा की स्मृति में कविता ‘‘कैमरे के जादूगर मेरे पापा का‘‘ वाचन किया।संगीत के शौकिन दिनेश कश्यप की पावन पुण्यतिथि पर बाल‌ कलाकार पोते रिंधाश ने अच्युतम केशवम भजन केसीयो पर धुन बजाकर अपने दादा को श्रद्वा सुमन समर्पित किये।दिनेशजी के पसंदीदा गायक रफी मुकेश किशोर के सुमधुर गीत ,मैने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने,मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूंगा सदा,आ लौट के आजा मेरे मीत,अजब याद आए बहुत याद आए ,ये चांद सा रोशन चेहरा, कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दें,जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं जो मंका‌‌ वो फिर नहीं आते, ये क्या हुआ कैसे हुआ,कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दें,लिखे जो खत तुझे वो तेरी याद में,किसका रस्ता देखे ऐ दिल ऐ सौदाई, स्वर धारा के गायक लाल बहादुर श्रीवास्तव, आनंद श्रीवास्तव द्वारा गुनगुनाएं। पुत्र कुणाल कश्यप द्वारा अपने पिता की स्मृति को संजोए रखने के लिए प्रति वर्ष आयोजित संगीत निशा स्वर धारा के लिए मित्रों ने बधाईयां दी।सुमधुर गीतों से स्वर धारा श्रद्धांजलि का संचालन लाल बहादुर श्रीवास्तव ने किया आभार कुणाल कश्यप ने माना।

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