मध्यप्रदेशरतलाम

अब पुलिस सहायता के लिए 100 डायल नहीं 112 डायल करने पर मिलेगी मदद रतलाम में हुआ शुभारंभ 

रिपोर्टर जितेंद्र सिह चद्रांवत जडवासा

अब पुलिस सहायता के लिए 100 डायल नहीं 112 डायल करने पर मिलेगी मदद रतलाम में हुआ शुभारंभ 

ढोढर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मध्‍यप्रदेश पुलिस द्वारा प्रदेश की नवीन आपातकालीन सेवा डायल 112 का शुभारंभ 14 अगस्‍त को कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्‍ट्रीय कन्‍वेंशन सेंटर भोपाल में किया गया था ।

वही नागरिकों की सुरक्षा एवं त्वरित पुलिस सहायता सुनिश्चित करने हेतु मध्य प्रदेश शासन एवं पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा रतलाम जिले को कुल 21 नवीन एफआरवी (डायल-112) वाहन प्राप्त हुए हैं

सुरक्षा, सुशासन और गतिशीलता का समन्‍वय के तहत वाहनों का फ्लेग ऑफ कार्यक्रम आयोजित किया गया

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उज्जैन जोन उमेश जोगा, डीआईजी रतलाम रेंज मनोज कुमार सिंह एवं एसपी अमित कुमार द्वारा पुलिस कन्ट्रोल रूम से डायल 112 के सभी नए 21 वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर पंक्तिबद्ध रवाना किया गया। सभी वाहन फील्ड में क्षेत्र अनुसार निर्धारित नोडल प्वाइंट पर ड्यूटी में तत्पर रहेंगे।नागरिकों की सुरक्षा एवं त्वरित पुलिस सहायता सुनिश्चित करने हेतु मध्य प्रदेश शासन एवं पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा जिले को कुल 21 नवीन एफआरवी (डायल-112) वाहन प्राप्त हुए हैं। पूर्व से संचालित आकस्मिक पुलिस सेवा का आधुनिक समय के अनुसार आधुनिकीकरण हुआ है।डायल-112 राष्ट्रीय आपातकालीन सेवा है, जिसमें पुलिस, फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, आपदा प्रबंधन, सायबर सुरक्षा, महिला सुरक्षा, रेल्वे हेल्पलाईन और अन्य आपातकालीन एजेंसियाँ एकीकृत रूप से शामिल हैं। इससे आपात परिस्थितियों में सहायता और प्रतिक्रिया अधिक त्वरित, समन्वित और प्रभावी होगी।अब इन नए वाहनों के जुड़ने से जिले में पुलिस के रिस्पांस टाईम में सुधार होगा तथा सड़क दुर्घटनाओं, अपराध की सूचनाओं, आगजनी, महिला सुरक्षा संबंधी घटनाओं एवं अन्य आकस्मिक परिस्थितियों में नागरिको को त्वरित पुलिस सहायता उपलब्ध हो सकेगी।शुरू की जा रही है। अब पुलिस (100), स्वास्थ्य/एम्बुलेंस (108), अग्निशमन (101), महिला हेल्पलाइन (1090), साइबर क्राइम (1930), रेल मदद (139), हाईवे एक्सिडेंट रिस्पॉन्स (1099), प्राकृतिक आपदा (1079) और महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन (181, 1098) जैसी सभी सेवाएं एक ही नंबर 112 से उपलब्ध होंगी।तेजी से बदलते तकनीकी परिदृश्य और सेवा गुणवत्ता की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, डायल-112 को अधिक कुशल, बुद्धिमान और नागरिक-जागरूक प्रणाली के रूप में पुनः डिज़ाइन किया गया है। नई तकनीकों—डेटा एनालिटिक्स, रीयल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग और IoT के साथ डायल-112 अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि खतरे का पूर्वानुमान कर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी सक्षम है।

बता दे कि मध्यप्रदेश में 1 नवम्बर 2015 को शुरू हुई डायल-100 भारत की पहली केंद्रीकृत, राज्य-व्यापी पुलिस आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा थी। इसने शहरी और ग्रामीण—दोनों क्षेत्रों में त्वरित, तकनीक-सक्षम सहायता उपलब्ध कराते हुए जन-सुरक्षा में नया मानक स्थापित किया। इस प्रणाली का संचालन भोपाल स्थित अत्याधुनिक सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से किया गया। नागरिक टोल-फ्री नंबर 100 पर कॉल करते थे, जहां प्रशिक्षित कॉल-टेकर कंप्यूटर-सहायता प्राप्त डिस्पैच सॉफ़्टवेयर के माध्यम से निकटतम उपलब्ध डायल-100 (FRV) की पहचान कर तुरंत रवाना करते थे। इसमें 1,000 जीपीएस-सक्षम चार-पहिया FRV और 150 दो-पहिया इकाइयाँ शामिल थीं, जिन्हें मोबाइल फोन और मोबाइल डेटा टर्मिनल (MDT) से लैस किया गया था। डायल-100 कॉल सेंटर में आपात स्थिति में कॉलर की लोकेशन ट्रेस करने के लिए लोकेशन बेस्ड सिस्टम (LBS) स्थापित है। पुलिस के ये इमरजेंसी वाहन अतिशीघ्र सहायता स्थल तक पहुंचते हैं, जिससे न्याय को जन-जन के द्वार तक पहुंचाने का संकल्प डायल-100/112 के माध्यम से सार्थक हो रहा है।

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